सागर। सामूहिक विवाह सम्मेलन में जिन बेटियों की शादी होनी है, उनकी रस्में निभाने की जिम्मेदारी मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव और पुत्र वधू शिल्पी भार्गव के कंधों पर है. गुरुवार रात को गढ़ाकोटा के रहस्य मेला प्रांगण में हल्दी युवा और मेहंदी की रस्म निभाई गई. मंत्री गोपाल भार्गव की पत्नी रेखा भार्गव उनके बेटे अभिषेक भार्गव और पुत्र वधू शिल्पी भार्गव ने इन रस्मों को निभाया और जमकर नाच गाना भी हुआ. मंत्री गोपाल भार्गव पिछले 21 सालों से रहली क्षेत्र की गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह निजी रूप से करते हैं.
हल्दी और मेहंदी लगाने की रस्में : वह निजी तौर पर वर वधुओं को घर गृहस्थी की सामग्री उपहार स्वरूप भेंट करते आ रहे हैं. कार्यक्रम में विवाह के बंधन में बंधने वाले जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का भी लाभ दिया जाता है. 11 मार्च को गढ़ाकोटा के रहस मेला सम्मेलन में आयोजित होने जा रहे विवाह समारोह के पहले शादी की रस्में निभाने का सिलसिला शुरू हो गया है. मंत्री गोपाल भार्गव की बहू शिल्पी भार्गव ने अनोखे अंदाज में नंव वधुओं को आमंत्रित करके उन्हें हल्दी और मेहंदी लगाने की रस्में निभाई.
हल्दी कार्यक्रम में वधुओं को गिफ्ट : इस दौरान मंत्री गोपाल भार्गव के परिवार द्वारा हल्दी कार्यक्रम में शामिल वधुओं को भेंट प्रदान की गईं. बुंदेलखंड की परम्परा को निभाते हुए मंत्री गोपाल भार्गव की पत्नी रेखा भार्गव और पुत्रवधू शिल्पी भार्गव ने सभी रस्में निभाईं. दांपत्य जीवन में प्रवेश करने वाली नव वधुओं के लिये उनके धर्म भाई मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव और उनकी पत्नी शिल्पी भार्गव ने हल्दी लगाई और सबके हाथों में मेहंदी लगाकर बन्नी, विवाह के गीत गाये. हल्दी कार्यक्रम में शहर की महिलाओं ने शामिल होकर मंगल गीत गाये. धर्मभाई की तरह मंत्री पुत्र संभाल रहे जिम्मेदारी : इस अवसर पर अभिषेक भार्गव ने कहा कि कन्यादान सबसे बड़ा दान है और यह मेरा सौभाग्य है कि पिछले 19 साल से लगातार मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि रहली विधानसभा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी की शादी के लिए साहूकारों के चंगुल में न फंसे. उन्होंने कहा कि रहली क्षेत्र का यह समारोह देश और विदेश में अपनी पहचान बना चुका है. गढाकोटा क्षेत्र में होने वाली विवाह समारोह की एक खास और अलग पहचान है. उन्होंने बताया कि विवाह समारोह के लिए जामुन की पत्तियों का मंडप बनाया जाएगा. इसके लिए भव्य पंडाल का निर्माण हो चुका है.
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प्रत्येक चरण में 200 जोड़े लेंगे फेरे : जिस तरह हिंदू धर्म के अनुसार वधू पक्ष के लिए जामुन की पत्तियों का मंडप बनाया जाता है, ठीक उसी तरह आयोजन स्थल पर भी मंडप बनेगा. क्षेत्र के कई लोगों को बेहतर सुविधा दिलाने हमेशा प्रयासरत रहते हैं. 11 मार्च को सुबह 11 बजे से विवाह समारोह शुरू होगा एवं प्रत्येक चरण में 200 जोड़े एक साथ फेरे लेंगे और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली सहायता के अतिरिक्त मंत्री गोपाल गोपाल भार्गव के द्वारा प्रत्येक जोड़े को अतिरिक्त उपहार सामग्री प्रदान की जाएगी. कार्यक्रम में आए सभी नवविवाहित जोड़ों व उनके परिजनों को ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था कराई गई है.