सागर। एक तरफ जहां बीजेपी में गुजरात फार्मूला लागू कर टिकट बांटे जाने की बात चल रही है, तो दूसरी तरफ 1985 से लगातार चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे सूबे के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने ये बयान देकर राजनैतिक सरगर्मी बढ़ा दी है कि उन्हें उनके गुरु का आदेश है कि अभी उन्हें तीन चुनाव लड़ना है और जनता का कल्याण करना है. गौरतलब है कि मौजूदा विधानसभा में गोपाल भार्गव सबसे ज्यादा चुनाव जीतने वाले विधायक हैं और आगामी दिसंबर महीने में मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अपने विधानसभा क्षेत्र रहली से चुनाव लड़ने के लिए फिर से ताल ठोक रहे हैं जबकि एक तरफ उनके बेटे अभिषेक भार्गव अपने राजनैतिक अभिषेक का इंतजार कर रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ से पार्टी गुजरात फार्मूले और परिवारवाद के आधार पर टिकट बजरण की बात कर रही है.
क्या है मामला: दरअसल सागर जिले की रैली विधानसभा से विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र रैली के पाटन गांव में एक सड़क के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने अपने गुरु का जिक्र करते हुए यह बात की है. उन्होंने कहा है कि गुरु ने भगवान के दर्शन करवाए. सद्गुरु की बात के लिए कौन टाल सकता है. गुरु का आदेश है कि गोपाल तुम्हें तीन चुनाव और लड़ना हैं और आगे बढ़ना है.
1985 से अजेय गोपाल भार्गव: नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने एक बार फिर चुनाव लड़ने का ऐलान कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मनाती मचा दी है. दरअसल अंदाजा लगाया जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में गोपाल भार्गव अपने बेटे अभिषेक भार्गव के लिए मैदान में उतार सकते हैं और उम्र का आंकड़ा 70 पर जाने के बाद चुनावी राजनीति से संन्यास ले सकते हैं लेकिन उनका ये बयान सामने आते ही खलबली मच गई है और उन्होंने अभी 3 बार और चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. गोपाल भार्गव लगातार 1985 से रहली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं और लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं. अब तक वह 8 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं और उनके ऐलान के बाद साफ माना जा रहा है कि गोपाल भार्गव आगामी चुनाव लड़ने के लिए भी पूरी तरह से तैयार बैठे हैं.
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भाजपा के टिकट वितरण फार्मूले पर पैनी नजर: दरअसल भाजपा के सामने कांग्रेस की कठिन चुनौती देखने को मिल रही है और सत्ताधारी दल भाजपा की लगातार मुश्किल बढ़ती जा रही है. सीधी के आदिवासी कांड, पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी जैसे मामलों को लेकर भाजपा सरकार बैकफुट पर है. ऐसी स्थिति में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट वितरण को लेकर तरह-तरह की बातें और कयास राजनीतिक गलियारों में सामने आ रहे हैं. कहीं चर्चा चल रही है कि मध्य प्रदेश में टिकट वितरण का गुजरात फार्मूला लागू किया जाएगा, तो कहीं चर्चा चल रही है कि लगातार चुनाव लड़ रहे लोगों को अब टिकट नहीं दिया जाएगा. वहीं चर्चा यह भी है कि पार्टी परिवारवाद जैसे मुद्दों से दूर रहना चाहती है. इन परिस्थितियों के बीच गोपाल भार्गव के बयान को लेकर माना जा रहा है कि उन्होंने विधानसभा स्तर पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देने के साथ-साथ पार्टी के अंदर के विरोधियों और आलाकमान को भी संदेश दे दिया है कि वह अभी भी चुनाव लड़ेंगे.