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बिना शिक्षक के चल रहे हैं कई स्कूल, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों के पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है.

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
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Published : Oct 7, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 11:54 PM IST

सीहोर। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं उनके अधिकारी इसमें पलीता लगाने में लगे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों में देखने को मिला है. जहां पर एक दर्जन से अधिक ऐसे स्कूल हैं. जहां पर शिक्षक ही नहीं है, या यूं कहे कि शिक्षक विहीन शालाएं हैं. लेकिन फिर भी वरिष्ठ अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बावजूद यहां पर शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई. नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत नौ जन शिक्षा केंद्र में लगभग 20 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें शिक्षक नहीं हैं. वहीं जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एसएस बिसेन से बात की गई, तो उनका कहना है कि जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था कर दी जाएगी.

आधा सत्र खत्मा होने का आया है और अभी भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई. ऐसे बच्चे किसी तरह पढ़ाई कर रहे होंगे, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. इससे पहले कुछ शालाएं अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रही थीं. लेकिन उनकी भर्ती भी बंद कर दी गई है.

सीहोर। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं उनके अधिकारी इसमें पलीता लगाने में लगे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों में देखने को मिला है. जहां पर एक दर्जन से अधिक ऐसे स्कूल हैं. जहां पर शिक्षक ही नहीं है, या यूं कहे कि शिक्षक विहीन शालाएं हैं. लेकिन फिर भी वरिष्ठ अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बावजूद यहां पर शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई. नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत नौ जन शिक्षा केंद्र में लगभग 20 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें शिक्षक नहीं हैं. वहीं जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एसएस बिसेन से बात की गई, तो उनका कहना है कि जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था कर दी जाएगी.

आधा सत्र खत्मा होने का आया है और अभी भी शिक्षकों की व्यवस्था नहीं हुई. ऐसे बच्चे किसी तरह पढ़ाई कर रहे होंगे, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है. इससे पहले कुछ शालाएं अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रही थीं. लेकिन उनकी भर्ती भी बंद कर दी गई है.

Intro:छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़....

स्कूलों में नहीं है शिक्षको की व्यवस्था.कई स्कूल शिक्षक विहीन....


Anchor/v/b- मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, वही उनके अधिकारी इसमें पलीता लगाने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत आने वाले शासकीय स्कूलों में देखने को मिला जहां पर एक दर्जन से अधिक ऐसी शालाएं हैं जहां पर शिक्षक ही नहीं है, या यू कहे कि शिक्षक विहीन शालाए हैं। जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को होने के बावजूद यहां पर शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई। नसरुल्लागंज तहसील अंतर्गत नौ जनशिक्षा केंद्र मैं लगभग 20 शाला ऐसी है जिनमें शिक्षक नहीं है। 
        Body:वहीं जब वरिष्ठ अधिकारियों से इस विषय में संज्ञान लिया गया तो उनका कहना है कि जल्द ही शिक्षक की व्यवस्था कर दी जाएगी लेकिन विचारने योग्य बात यह है आधा सत्र समाप्त होने को आया और अभी शिक्षक की व्यवस्था नहीं हुई। जिससे बच्चों का भविष्य क्या होगा यह समझने वाली बात है। जहां पर शिक्षा विभाग बड़े-बड़े वादे कर बच्चों के उज्जवल भविष्य की बातें करता हैं। वही उनके द्वारा शालाओ में शिक्षक की व्यवस्था तक नहीं कराई जा रही है इतना ही नहीं पूर्व में कुछ शालाए अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रही थी लेकिन उनकी भर्ती भी बंद कर दी गई।


बाईट - एसएस बिसेन, जिला शिक्षा अधिकारी सीहोरConclusion:
Last Updated : Oct 7, 2019, 11:54 PM IST
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