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शिक्षा विभाग ने ADM को दिखाया ठेंगा तो अतिथि शिक्षिका ने मांगी मौत, आठ माह से मांग रही न्याय

सागर के घाना में एक अतिथि शिक्षक न्याय की आस में दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गई और अब अपने लिए मौत मांग रही है.

सागर में अतिथि शिक्षक ने परेशान होकर मांगी मौत
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Published : Sep 3, 2019, 8:07 PM IST

सागर। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया अतिथि शिक्षकों के बेहतर भविष्य की बात करते हैं, वहीं सागर में अतिथि शिक्षक किन हालातों से गुजर रहे हैं, इस बात का अंदाजा घाना की रश्मि आठया से लगाया जा सकता है, जो अपने स्कूल के प्राचार्य की मनमानी की वजह से न सिर्फ दो माह से बेरोजगार हैं, बल्कि न्याय की आस में आठ बार कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा चुकी हैं, इस परेशानी से पीछा छुड़ाने के लिए उन्होंने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है, जबकि शिक्षा विभाग इस मामले पर पूरी तरह से खामोश है.

सागर में अतिथि शिक्षक ने परेशान होकर मांगी मौत
जानकारी के मुताबिक, रश्मि आठ्या पिछले तीन सालों से अतिथि शिक्षक के तौर पर घाना के शासकीय स्कूल में सेवाएं दे रहीं थी. पिछले कार्यकाल की गलत रिपोर्ट बनाकर ज्यादा बच्चों को फेल बताकर प्रधानाचार्य हरी पचौरी ने रश्मि को ब्लैकलिस्ट करवा दिया, जिसके बाद रश्मि ने सभी बच्चों की मार्क शीट के आधार पर अपने विषय का रिकॉर्ड जिला शिक्षा केन्द्र को सौंपा, जिसके आधार पर विज्ञान विषय में 58 प्रतिशत बच्चे पास निकले और प्राचार्य की रिपोर्ट फर्जी साबित हो गई.इस आधार पर सागर एडीएम ने प्राचार्य को निलंबित कर रश्मि आठ्या को बहाल करने के लिए विभाग को निर्देश दिया था, लेकिन विभाग ने अब तक न तो रश्मि को बहाल किया और न ही प्रधानाचार्य को निलंबित किया. आठ महीने से बेरोजगारी की मार झेल रही रश्मि ने प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की बात कह रही है.

सागर। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया अतिथि शिक्षकों के बेहतर भविष्य की बात करते हैं, वहीं सागर में अतिथि शिक्षक किन हालातों से गुजर रहे हैं, इस बात का अंदाजा घाना की रश्मि आठया से लगाया जा सकता है, जो अपने स्कूल के प्राचार्य की मनमानी की वजह से न सिर्फ दो माह से बेरोजगार हैं, बल्कि न्याय की आस में आठ बार कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा चुकी हैं, इस परेशानी से पीछा छुड़ाने के लिए उन्होंने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है, जबकि शिक्षा विभाग इस मामले पर पूरी तरह से खामोश है.

सागर में अतिथि शिक्षक ने परेशान होकर मांगी मौत
जानकारी के मुताबिक, रश्मि आठ्या पिछले तीन सालों से अतिथि शिक्षक के तौर पर घाना के शासकीय स्कूल में सेवाएं दे रहीं थी. पिछले कार्यकाल की गलत रिपोर्ट बनाकर ज्यादा बच्चों को फेल बताकर प्रधानाचार्य हरी पचौरी ने रश्मि को ब्लैकलिस्ट करवा दिया, जिसके बाद रश्मि ने सभी बच्चों की मार्क शीट के आधार पर अपने विषय का रिकॉर्ड जिला शिक्षा केन्द्र को सौंपा, जिसके आधार पर विज्ञान विषय में 58 प्रतिशत बच्चे पास निकले और प्राचार्य की रिपोर्ट फर्जी साबित हो गई.इस आधार पर सागर एडीएम ने प्राचार्य को निलंबित कर रश्मि आठ्या को बहाल करने के लिए विभाग को निर्देश दिया था, लेकिन विभाग ने अब तक न तो रश्मि को बहाल किया और न ही प्रधानाचार्य को निलंबित किया. आठ महीने से बेरोजगारी की मार झेल रही रश्मि ने प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की बात कह रही है.
Intro:सागर। जहाँ एक ओर प्रदेश के मुखिया अतिथि शिक्षकों के बेहतर भविष्य की बात करते हैं, वहीं सागर में अतिथि शिक्षक किन हालातों से गुज़र रहे हैं इस बात का अंदाज़ा घाना की रश्मि आठया से लगाया जा सकता है, जो अपने स्कूल के प्राचार्य की मनमानी की वजह से न सिर्फ दो महिनों से बेरोज़गार हैं बल्कि 8 बार न्याय की आस में कलेक्ट्रेट में जन सुनवाई के चक्क्कर लगाते लगाते इस कदर परेशान हो चुकी हैं कि वह अब प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही है। जबकि शिक्षा विभाग मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है।Body:दरअसल रश्मी आठ्या पिछले तीन सालों से अतिथि शिक्षक के तौर पर घाना के शासकीय स्कूल में सेवाएं दे रहीं थी, बकौल रश्मी उनके अंतिम वर्ष के कार्यकाल की ग़लत रीपोर्ट बनाकर ज़्यादा बच्चों को फेल बताकर प्राचार्य श्रीहरी पचौरी द्वारा रश्मी को ब्लैकलिस्ट करवा दिया गया। जिसके बाद रश्मी ने सभी बच्चों की मार्कशीट के आधार पर अपने विषय का रीकॉर्ड ज़िला शिक्षा केन्द्र में सौंपा जिसके आधार पर विज्ञान विषय में 58प्रतिशत बच्चे पास निकले और प्राचार्य की रीपोर्ट फर्जी साबित हो गई। इस आधार पर सागर एडीएम ने प्राचार्य को निलंबित कर रश्मी आठ्या को बहाल करने को विभाग से कहा लेकिन विभाग ने अब तक न रश्मी की बहाली की न ही प्राचार्य को निलंबित जिससे परेशान हो चुकी बेरोज़गार रश्मी अब प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यू की बात कह रही हैं।

बाइट- रश्मी आठ्या, पीड़ित शिक्षिका
Conclusion:
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