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डायमंड जुबली मनाएगा डॉक्टर गौर विश्वविद्यालय, सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड करेगा विवि रोड का लोकार्पण

सागर में डॉक्टर हरि सिंह गौर (doctor hari singh gaur) विश्वविद्यालय अपनी 75वीं वर्ष गांठ के मौके पर डॉक्टर गौर की जयंती मनाने जा रहा है. इस मौके पर सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (sagar smart city limited) शहर के सपूत के लिए शानदार यूनिवर्सिटी रोड बनाकर उसका लोकार्पण करेगा. बता दें 2020 में ही केंद्रीय विश्वविद्यालय की जयंती मन चुकी थी, लेकिन कोरोना के चलते कोई कार्यक्रम नहीं हो सका था.

doctor hari singh gaur
डॉक्टर हरि सिंह गौर
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Published : Nov 20, 2021, 8:45 AM IST

सागर। वैसे तो बुंदेलखंड पिछड़ेपन के लिए जाना जाता है, लेकिन सागर शहर यहां एक ऐसी जगह है, जहां के सपूत ने देश की आजादी के पहले ही अपनी जमा पूंजी दान कर पहले विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी. महान कानूनविद और शिक्षाविद् डॉक्टर हरि सिंह गौर (doctor hari singh gaur) ने अपनी मातृभूमि का कर्ज चुकाने के लिए जब देश आजाद नहीं हुआ था और मध्य प्रदेश अस्तित्व में ही नहीं आया था. तब इस छोटे से शहर में विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी.

आज यह विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है. सागर वासियों को अपने दानवीर सपूत की सौगात पर गर्व है. इस विश्वविद्यालय ने 2020 में अपनी स्थापना के 75 साल पूरे कर लिए थे, लेकिन कोरोना के कारण उत्सव जयंती नहीं मना सका. अब जब कोरोना के प्रतिबंध हट गए हैं, तो अपने महान सपूत की जयंती उत्सव पूर्वक मनाने जा रहा है. खास बात ये है कि सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड शहर के सपूत के लिए शानदार यूनिवर्सिटी रोड बनाकर गौर जयंती के दिन लोकार्पण करने जा रहा है.

26 नवंबर को मनायी जाएगी डायमंड जुबली

1946 में की थी विश्वविद्यालय की स्थापना
जब भारत देश में सिर्फ 18 विश्वविद्यालय थे, मध्यप्रदेश अस्तित्व में भी नहीं था और देश आजाद भी नहीं हुआ था, तब बुंदेलखंड के सागर शहर को उसके सपूत डॉक्टर हरि सिंह गौर ने विश्वविद्यालय की सौगात दे दी थी. दुनिया में अपनी वकालत का लोहा मनवा चुके डॉक्टर हरि सिंह गौर प्रख्यात शिक्षाविद् भी थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी (delhi university) और नागपुर यूनिवर्सिटी (nagpur university) के उप कुलपति भी रहे थे.

Doctor Hari Singh Gour Central University Sagar
डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर

इतना ही नहीं भारतीय संविधान सभा के उपसभापति के अलावा साइमन कमीशन (simon commission) के सदस्य भी थे. उन्होंने देश की शिक्षा, संविधान निर्माण के अलावा समाज सुधार में काफी योगदान दिया. अपने जीवन की कमाई की 20 लाख रुपए की राशि से उन्होंने 18 जुलाई 1946 को अपनी जन्मभूमि सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, और अपनी वसीयत में दो करोड़ रुपए का दान भी विश्वविद्यालय को दिया था.

कोरोना में नहीं मन सकी विश्वविद्यालय की डायमंड जुबली
2020 में डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (Doctor Hari Singh Gour Central University Sagar) की स्थापना के 75 साल पूरे हो गए थे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने डायमंड जुबली मनाने के लिए कई कार्यक्रम तय किए थे, लेकिन कोरोना काल की बंदिशों के कारण यह कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सके थे. विश्वविद्यालय ने डायमंड जुबली पर जो भी आयोजन किए थे, तमाम आयोजन वर्चुअल तरीके से आयोजित किए गए, जिसमें सागर शहर की जनता और विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी नहीं हो सकी थी.

doctor hari singh gaur university
कार्यक्रम को लेकर चल रहीं तैयारियां

डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती पर मनाया जाएगा महोत्सव
डॉक्टर हरि सिंह गौर का जन्म 26 नवंबर 1870 को हुआ था. 26 नवंबर का दिन सागर शहर वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है. गौर जयंती पर 26 नवंबर को स्थानीय अवकाश होता है, और अपने सच्चे सपूत की जयंती मनाने के लिए पूरा शहर विश्वविद्यालय में एकत्रित होता है.

विश्वविद्यालय में डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती मनाए जाने के बाद घोड़े की बग्गी पर डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिमा स्थापित कर शहर के प्रमुख मार्गों से शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती तक ले जाई जाती है. जिस का स्वागत पूरा शहर हर्षोल्लास के साथ करता है. कोरोना की बंदिशों के कारण पिछले 2 साल से डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती भी समारोह पूर्वक नहीं मनाई जा रही थी.

doctor hari singh gaur
डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिमा

गौर जयंती पर 6 दिवसीय उत्सव का आयोजन
सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती को लेकर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर हरि सिंह गौर के संकल्प और सपनों को साकार करना हमारा दायित्व है. हमें इसके लिए भरपूर ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करना है. विश्वविद्यालय अपनी गौरवशाली परंपरा को मजबूत करते हुए डॉक्टर हरि सिंह गौर की 152 जयंती मनाने जा रहा है.

वंशवाद की ओर भाजपा! दिग्गज नेतापुत्र राजनीति में एंट्री को बेताब, जन्मदिन के बहाने दिखा रहे हैं ताकत

राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को विद्यार्थियों समुदाय और जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से गौर उत्सव के तहत 6 दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सागर शहर की स्कूली एवं महाविद्यालय के बच्चों की सहभागिता भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से की जाएगी. शहर के नागरिकों को और विश्व विद्यालय परिवार डॉ. गौर की जन्म जयंती को उत्साह पूर्वक मनाएगा.

स्मार्ट सिटी देगा गौर जयंती पर यूनिवर्सिटी रोड की सौगात
सागर के सच्चे सपूत को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (sagar smart city limited) यूनिवर्सिटी रोड की सौगात देने जा रहा है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बनाई गई उच्च गुणवत्ता की यूनिवर्सिटी रोड का काम पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. सड़क के दोनों तरफ से डॉक्टर गौर के जीवन से जुड़ी यादें अंकित की जाएंगी. सड़क किनारे बनाई गई दीवारों पर डॉक्टर हरि सिंह गौर के जीवन के विभिन्न पहलुओं को अंकित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी लिमिटेड का कहना है कि डॉक्टर हरि सिंह गौर जयंती के अवसर पर हम यह सौगात शहर वासियों को देंगे.

सागर। वैसे तो बुंदेलखंड पिछड़ेपन के लिए जाना जाता है, लेकिन सागर शहर यहां एक ऐसी जगह है, जहां के सपूत ने देश की आजादी के पहले ही अपनी जमा पूंजी दान कर पहले विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी. महान कानूनविद और शिक्षाविद् डॉक्टर हरि सिंह गौर (doctor hari singh gaur) ने अपनी मातृभूमि का कर्ज चुकाने के लिए जब देश आजाद नहीं हुआ था और मध्य प्रदेश अस्तित्व में ही नहीं आया था. तब इस छोटे से शहर में विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी.

आज यह विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है. सागर वासियों को अपने दानवीर सपूत की सौगात पर गर्व है. इस विश्वविद्यालय ने 2020 में अपनी स्थापना के 75 साल पूरे कर लिए थे, लेकिन कोरोना के कारण उत्सव जयंती नहीं मना सका. अब जब कोरोना के प्रतिबंध हट गए हैं, तो अपने महान सपूत की जयंती उत्सव पूर्वक मनाने जा रहा है. खास बात ये है कि सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड शहर के सपूत के लिए शानदार यूनिवर्सिटी रोड बनाकर गौर जयंती के दिन लोकार्पण करने जा रहा है.

26 नवंबर को मनायी जाएगी डायमंड जुबली

1946 में की थी विश्वविद्यालय की स्थापना
जब भारत देश में सिर्फ 18 विश्वविद्यालय थे, मध्यप्रदेश अस्तित्व में भी नहीं था और देश आजाद भी नहीं हुआ था, तब बुंदेलखंड के सागर शहर को उसके सपूत डॉक्टर हरि सिंह गौर ने विश्वविद्यालय की सौगात दे दी थी. दुनिया में अपनी वकालत का लोहा मनवा चुके डॉक्टर हरि सिंह गौर प्रख्यात शिक्षाविद् भी थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी (delhi university) और नागपुर यूनिवर्सिटी (nagpur university) के उप कुलपति भी रहे थे.

Doctor Hari Singh Gour Central University Sagar
डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर

इतना ही नहीं भारतीय संविधान सभा के उपसभापति के अलावा साइमन कमीशन (simon commission) के सदस्य भी थे. उन्होंने देश की शिक्षा, संविधान निर्माण के अलावा समाज सुधार में काफी योगदान दिया. अपने जीवन की कमाई की 20 लाख रुपए की राशि से उन्होंने 18 जुलाई 1946 को अपनी जन्मभूमि सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, और अपनी वसीयत में दो करोड़ रुपए का दान भी विश्वविद्यालय को दिया था.

कोरोना में नहीं मन सकी विश्वविद्यालय की डायमंड जुबली
2020 में डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (Doctor Hari Singh Gour Central University Sagar) की स्थापना के 75 साल पूरे हो गए थे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने डायमंड जुबली मनाने के लिए कई कार्यक्रम तय किए थे, लेकिन कोरोना काल की बंदिशों के कारण यह कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सके थे. विश्वविद्यालय ने डायमंड जुबली पर जो भी आयोजन किए थे, तमाम आयोजन वर्चुअल तरीके से आयोजित किए गए, जिसमें सागर शहर की जनता और विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी नहीं हो सकी थी.

doctor hari singh gaur university
कार्यक्रम को लेकर चल रहीं तैयारियां

डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती पर मनाया जाएगा महोत्सव
डॉक्टर हरि सिंह गौर का जन्म 26 नवंबर 1870 को हुआ था. 26 नवंबर का दिन सागर शहर वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है. गौर जयंती पर 26 नवंबर को स्थानीय अवकाश होता है, और अपने सच्चे सपूत की जयंती मनाने के लिए पूरा शहर विश्वविद्यालय में एकत्रित होता है.

विश्वविद्यालय में डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती मनाए जाने के बाद घोड़े की बग्गी पर डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिमा स्थापित कर शहर के प्रमुख मार्गों से शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती तक ले जाई जाती है. जिस का स्वागत पूरा शहर हर्षोल्लास के साथ करता है. कोरोना की बंदिशों के कारण पिछले 2 साल से डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती भी समारोह पूर्वक नहीं मनाई जा रही थी.

doctor hari singh gaur
डॉक्टर हरि सिंह गौर की प्रतिमा

गौर जयंती पर 6 दिवसीय उत्सव का आयोजन
सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती को लेकर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर हरि सिंह गौर के संकल्प और सपनों को साकार करना हमारा दायित्व है. हमें इसके लिए भरपूर ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करना है. विश्वविद्यालय अपनी गौरवशाली परंपरा को मजबूत करते हुए डॉक्टर हरि सिंह गौर की 152 जयंती मनाने जा रहा है.

वंशवाद की ओर भाजपा! दिग्गज नेतापुत्र राजनीति में एंट्री को बेताब, जन्मदिन के बहाने दिखा रहे हैं ताकत

राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को विद्यार्थियों समुदाय और जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से गौर उत्सव के तहत 6 दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सागर शहर की स्कूली एवं महाविद्यालय के बच्चों की सहभागिता भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से की जाएगी. शहर के नागरिकों को और विश्व विद्यालय परिवार डॉ. गौर की जन्म जयंती को उत्साह पूर्वक मनाएगा.

स्मार्ट सिटी देगा गौर जयंती पर यूनिवर्सिटी रोड की सौगात
सागर के सच्चे सपूत को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (sagar smart city limited) यूनिवर्सिटी रोड की सौगात देने जा रहा है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बनाई गई उच्च गुणवत्ता की यूनिवर्सिटी रोड का काम पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. सड़क के दोनों तरफ से डॉक्टर गौर के जीवन से जुड़ी यादें अंकित की जाएंगी. सड़क किनारे बनाई गई दीवारों पर डॉक्टर हरि सिंह गौर के जीवन के विभिन्न पहलुओं को अंकित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी लिमिटेड का कहना है कि डॉक्टर हरि सिंह गौर जयंती के अवसर पर हम यह सौगात शहर वासियों को देंगे.

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