सागर। 13 साल की नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में दोषी को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. जिला न्यायालय के पॉक्सो एक्ट विशेष न्यायाधीश ने 24 साल के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी ने जंगल में ले जाकर 13 साल की बच्ची के साथ रेप किया था और फिर उसकी हत्या कर दी थी. घटना 7 अप्रैल 2019 को समौधा थाना क्षेत्र में घटित हुई थी.
रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजा
इस मामले में दोषी को मृत्युदंड से बचाने के लिए बचाव पक्ष ने उसे मानसिक विकृत भी बताया था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इस कृत्य को विरलतम कृत्य बताते हुए आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी. सभी सबूतों के आधार पर पॉक्सो एक्ट विशेष न्यायाधीश ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने सजा-ए-मौत का फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरोपी के कृत्य से एक मासूम को कितनी पीड़ा पहुंची होगी, उसका अनुमान लगाना मुश्किल है. ऐसे मामले में कठोरतम सजा की जरूरत है. क्योंकि इस तरह की घटनाए दहेज की तरह नासूर बनेंगी और कन्या भ्रूण हत्या का कारण बनेगी.
7 अप्रैल 2019 को बोध पिपरिया के जंगल में 13 साल की बच्ची का शव मिला था. पुलिस जांच में खुलासा हुआ था कि बच्ची एक दिन पहले आरोपी के साथ साइकिल पर गई थी. मृतिका के परिवार के बयान के आधार पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने बच्ची को अपने साथ ले जाने की बात स्वीकार कर ली. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को डीएनए टेस्ट भी करवाया था. अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 23 गवाह पेश किए थे.
ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए कठोर सजा की जरूरत
न्यायालय ने आरोपी को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाते हुए कठोर टिप्पणी भी की है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी का पैरवी के दौरान पछतावा न होना यह दर्शाता है कि उसने बेहद ठंडे दिमाग से अपराध को अंजाम दिया है. फैसले में कहा गया कि ऐसे मामलों के प्रभावी रोकथाम की जरूरत है, इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर दंड देना जरूरी है.