सागर। केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय धरोहर के रूप में संरक्षित गढ़पहरा के किला परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में जिला पंचायत सागर द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण उपमंडल सागर ने एतराज जताया है. दरअसल, गढ़पहरा किले के आसपास जिला पंचायत द्वारा सड़क,पेयजल टंकी और चबूतरे का निर्माण कराया जा है. इन निर्माण कार्यों को लेकर पुरातत्व विभाग ने आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य रुकवाने के लिए कलेक्टर सहित एसडीएम और तहसीलदार को पत्र लिखा. पुरातत्व विभाग के एतराज के बाद एसडीएम और तहसीलदार ने निर्माण कार्यों की जांच की और पाया कि जिला पंचायत द्वारा पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर कार्य कराए जा रहे हैं.
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एसडीएम और तहसीलदार ने निरीक्षण किया : कलेक्टर को की गई शिकायत में बताया गया कि गढ़पहरा परिक्षेत्र में कुछ लोग सड़क, चबूतरा, पेयजल की टंकी आदि बनवा रहे हैं. पुरात्तव विभाग ने कहा कि यह परिसर राष्ट्रीय धरोहर के रूप में संरक्षित है. इसलिए यहां किसी भी तरह का नया निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है. वहीं पूर्व स्थापित इमारत, मीनार, कुएं, दीवार आदि से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. पुरातत्व विभाग की शिकायत के बाद एसडीएम और तहसीलदार ने निरीक्षण किया और जिला पंचायत को तलब किया.
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जिला पंचायत ने कलेक्टर के समक्ष रखा पक्ष : पुरातत्व विभाग की शिकायत के बाद जिला प्रशासन के एतराज पर जिला पंचायत अध्यक्ष दिव्यासिंह ने कलेक्टर सहित अन्य अफसरों को पत्र लिखकर कहा है कि सभी निर्माण कार्य पंचायत के अनुमोदन और जनप्रतिनिधियों की सहमति से कराए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों द्वारा गठित समिति ने क्षेत्र के विकास के लिए जिला पंचायत की मदद से विकास कार्य शुरू कराए थे, जो यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान रखकर किए जा रहे हैं. पंचायत के अनुमोदन पर समिति के माध्यम से ये निर्माण कार्य हो रहे हैं. समिति ने भी प्रशासन को पत्र लिखकर कहा है कि ये निर्माण कार्य संरक्षित ऐतिहासिक धरोहरों को बगैर नुकसान पहुंचाए किए जा रहे हैं. वहीं जिस जमीन पर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, वह जमीन पंचायत के अधिकार क्षेत्र में है. पंचायत के अनुमोदन व गांववालों की सहमति से कार्य हो रहे हैं.
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क्या कहना है पुरातत्व विभाग और प्रशासन का : इस विवाद को लेकर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के उप मंडल के अधिकारी एसके बाजपेयी का कहना है कि गढ़पहरा पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व का स्थान है. वहां निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता. निर्माण कार्य से गढ़पहरा के किले, शीश महल, अनगढ़ देवी मंदिर की नैसर्गिक सुदंरता और ऐतिहासिकता पर असर पड़ेगा. वहीं तहसीलदार रोहित वर्मा का कहना है कि शिकायत के बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम और मेरे द्वारा मौका निरीक्षण कर कार्य रोका गया है. फिलहाल काम बंद है.