ETV Bharat / state

नशे में झूमता बुंदेलखंड! शराब-गांजे के बाद ड्रग्स के दलदल में फंसती युवा पीढ़ी, सियासी संरक्षण ने बांधे पुलिस के हाथ

सूख, गरीबी और भुखमरी के लिए बदनाम बुंदेलखंड के माथे पर अब नशेड़ी होने का कलंक (Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism) भी लगने लगा है. सियासी संरक्षण के चलते शराब-गांजा के अलावा ड्रग्स का कारोबार भी यहां तेजी से पांव पसार रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है.

Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism allegations of political backing
बुंदेलखंड में बढ़ा नशे का कारोबार
author img

By

Published : Jan 5, 2022, 1:58 PM IST

सागर। पानी की किल्लत, बंजर धरती, गरीबी, भुखमरी और बदहाली के लिए बदनाम बुंदेलखंड अब नशे के जाल में फंसता (Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism) जा रहा है. यहां नशे का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है. अवैध शराब और गांजा तस्करी का गढ़ बन चुके बुंदेलखंड में अब धीरे-धीरे सिंथेटिक ड्रग्स का कारोबार भी पैर पसारने लगा है. बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर नशे की गिरफ्त में तेजी से जकड़ता जा रहा है. पिछले 2 साल में अवैध शराब और गांजे के कारोबार के अलावा युवाओं को सिंथेटिक ड्रग्स की लत तेजी से लगी है.

एमपी में ब्लैक ऑउट का खतरा! लोकल कोयले पर निर्भर पॉवर प्लांट्स, डिमांड से 70 फीसदी कम हो रही आपूर्ति

अवैध नशे की कमर तोड़ने में नाकाम पुलिस

बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों के आंकड़ों पर गौर करें तो सागर के अलावा अन्य जिलों में भी नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है. कोरोना काल में तो अवैध शराब के साथ सिंथेटिक ड्रग्स के कारोबार ने इस कदर अपनी जड़े जमा ली है कि इसकी जड़ें उखाड़ने में पुलिस को भी पसीना बहाना पड़ रहा है. इसके बावजूद पुलिस नशे के कारोबार की कमर तोड़ने में नाकाम दिख रही है. दूसरी तरफ बड़े शहरों से सिंथेटिक ड्रग्स की आमद बुंदेलखंड में हो रही है, जो यहां की नई पीढ़ी को बर्बाद कर रही है. पुलिस के पास इस कारोबार पर रोक लगाने की न कोई रणनीति दिख रही है और न ही कोई जवाब.

बढ़ते नशे के सवाल पर खामोश एसपी

शराब-गांजा-ड्रग्स के नशे में झूमता युवा

बुंदेलखंड अंचल में पिछले 3 सालों में अवैध शराब और गांजे के कारोबार में तेजी आई है, पहले ये कारोबार इस इलाके में कमजोर अवस्था में था, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और आबकारी विभाग के साथ पुलिस की मिलीभगत के चलते अब ये कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. हालात ये हैं कि बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों में पिछले 3 सालों में इस व्यवसाय में शामिल लोग मालामाल हो गए हैं तो यहां के बाशिंदों को नशे के अंधे कुएं में भी झोंक दिया है. रस्म अदायगी के लिए पुलिस जब्ती और नशे पर अंकुश लगाने के दावे तो करती है, लेकिन इस कारोबार के सरगना के गिरेबान पर हाथ डालने का साहस नहीं जुटा पाती है, जिसके चलते ये कारोबार मस्त चाल में चल रहा है.

अपराध के दलदल में फंसती युवा पीढ़ी

शराब और गांजे जैसे नशे के अलावा बुंदेलखंड के शहरी इलाकों में सिंथेटिक ड्रग तेजी से युवाओं को अपनी गिरफ्त (bundelkhand youth took Synthetic drug) में ले रहा है. प्रदेश के बड़े शहरों से ये कारोबार बुंदेलखंड में तेजी से पैर पसार रहा है. सिंथेटिक पदार्थों से निर्मित ड्रग्स मैंड्रेक्स, डिजापम, एटीएस और एमडीएमए की पहुंच नशे की आदी हो चुकी युवा पीढ़ी तक आसानी से पहुंच रही है, यह नशा युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है, सीधे तौर पर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला ये नशा युवाओं को अपराध के दलदल में भी धकेल रहा है और उन्हें असहाय बना रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ा नशे का कारोबार

कोरोना महामारी के दौरान लगा लॉकडाउन अवैध शराब के कारोबार के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बुंदेलखंड के जिलों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से पैर पसार लिया. लॉकडाउन में लोगों को राशन-पानी मिलना मुश्किल था, लेकिन शराब अवैध तौर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती थी. वहीं दूसरी तरफ जिन नशेड़ियों को शराब और गांजे की उपलब्धता नहीं हो पाती थी, उन लोगों को सिंथेटिक ड्रग्स ने अपनी गिरफ्त में ले लिया. आलम ये है कि खुले तौर पर प्रमुख राजमार्गों पर ढाबों में शराब और गांजे का अवैध कारोबार चल रहा है, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. आबकारी विभाग अवैध शराब के कारोबार को संरक्षण दे रहा है. सागर संभाग में पिछले तीन साल में पुलिस कार्रवाई के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं.

Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism allegations of political backing
नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई

सियासी संरक्षण के चलते बच रहे सरगना

सितंबर 2021 में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री के गृह ग्राम बामोरा में 46 लाख की अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा गया था, लेकिन पुलिस आज तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि यह शराब किस ने मंगवाई थी और कैसे सागर शहर के नजदीकी बामोरा गांव तक पहुंची थी. पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर और ट्रक मालिक को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शराब किसके यहां जा रही थी, यह खुलासा आज तक नहीं कर पाई है. अभी हाल ही में 5 लाख की अवैध शराब पकड़ी गई थी, इसमें भी सरगना की जानकारी (allegations of political backing to drugs in sagar) नहीं मिल पाई है.

Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism allegations of political backing
नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई

सागर एसपी के पास नहीं कोई जवाब

सागर में अवैध शराब और नशे के कारोबार (Drunk swinging Bundelkhand) को लेकर सागर के नवागत एसपी तरुण नायक से जब मीडिया ने सवाल किए तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए. न ही उन्होंने अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की किसी रणनीति के बारे में चर्चा की.

सागर। पानी की किल्लत, बंजर धरती, गरीबी, भुखमरी और बदहाली के लिए बदनाम बुंदेलखंड अब नशे के जाल में फंसता (Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism) जा रहा है. यहां नशे का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है. अवैध शराब और गांजा तस्करी का गढ़ बन चुके बुंदेलखंड में अब धीरे-धीरे सिंथेटिक ड्रग्स का कारोबार भी पैर पसारने लगा है. बुंदेलखंड का संभागीय मुख्यालय सागर नशे की गिरफ्त में तेजी से जकड़ता जा रहा है. पिछले 2 साल में अवैध शराब और गांजे के कारोबार के अलावा युवाओं को सिंथेटिक ड्रग्स की लत तेजी से लगी है.

एमपी में ब्लैक ऑउट का खतरा! लोकल कोयले पर निर्भर पॉवर प्लांट्स, डिमांड से 70 फीसदी कम हो रही आपूर्ति

अवैध नशे की कमर तोड़ने में नाकाम पुलिस

बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों के आंकड़ों पर गौर करें तो सागर के अलावा अन्य जिलों में भी नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है. कोरोना काल में तो अवैध शराब के साथ सिंथेटिक ड्रग्स के कारोबार ने इस कदर अपनी जड़े जमा ली है कि इसकी जड़ें उखाड़ने में पुलिस को भी पसीना बहाना पड़ रहा है. इसके बावजूद पुलिस नशे के कारोबार की कमर तोड़ने में नाकाम दिख रही है. दूसरी तरफ बड़े शहरों से सिंथेटिक ड्रग्स की आमद बुंदेलखंड में हो रही है, जो यहां की नई पीढ़ी को बर्बाद कर रही है. पुलिस के पास इस कारोबार पर रोक लगाने की न कोई रणनीति दिख रही है और न ही कोई जवाब.

बढ़ते नशे के सवाल पर खामोश एसपी

शराब-गांजा-ड्रग्स के नशे में झूमता युवा

बुंदेलखंड अंचल में पिछले 3 सालों में अवैध शराब और गांजे के कारोबार में तेजी आई है, पहले ये कारोबार इस इलाके में कमजोर अवस्था में था, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और आबकारी विभाग के साथ पुलिस की मिलीभगत के चलते अब ये कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. हालात ये हैं कि बुंदेलखंड के सभी 6 जिलों में पिछले 3 सालों में इस व्यवसाय में शामिल लोग मालामाल हो गए हैं तो यहां के बाशिंदों को नशे के अंधे कुएं में भी झोंक दिया है. रस्म अदायगी के लिए पुलिस जब्ती और नशे पर अंकुश लगाने के दावे तो करती है, लेकिन इस कारोबार के सरगना के गिरेबान पर हाथ डालने का साहस नहीं जुटा पाती है, जिसके चलते ये कारोबार मस्त चाल में चल रहा है.

अपराध के दलदल में फंसती युवा पीढ़ी

शराब और गांजे जैसे नशे के अलावा बुंदेलखंड के शहरी इलाकों में सिंथेटिक ड्रग तेजी से युवाओं को अपनी गिरफ्त (bundelkhand youth took Synthetic drug) में ले रहा है. प्रदेश के बड़े शहरों से ये कारोबार बुंदेलखंड में तेजी से पैर पसार रहा है. सिंथेटिक पदार्थों से निर्मित ड्रग्स मैंड्रेक्स, डिजापम, एटीएस और एमडीएमए की पहुंच नशे की आदी हो चुकी युवा पीढ़ी तक आसानी से पहुंच रही है, यह नशा युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है, सीधे तौर पर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला ये नशा युवाओं को अपराध के दलदल में भी धकेल रहा है और उन्हें असहाय बना रहा है.

लॉकडाउन में बढ़ा नशे का कारोबार

कोरोना महामारी के दौरान लगा लॉकडाउन अवैध शराब के कारोबार के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बुंदेलखंड के जिलों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से पैर पसार लिया. लॉकडाउन में लोगों को राशन-पानी मिलना मुश्किल था, लेकिन शराब अवैध तौर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती थी. वहीं दूसरी तरफ जिन नशेड़ियों को शराब और गांजे की उपलब्धता नहीं हो पाती थी, उन लोगों को सिंथेटिक ड्रग्स ने अपनी गिरफ्त में ले लिया. आलम ये है कि खुले तौर पर प्रमुख राजमार्गों पर ढाबों में शराब और गांजे का अवैध कारोबार चल रहा है, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. आबकारी विभाग अवैध शराब के कारोबार को संरक्षण दे रहा है. सागर संभाग में पिछले तीन साल में पुलिस कार्रवाई के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं.

Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism allegations of political backing
नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई

सियासी संरक्षण के चलते बच रहे सरगना

सितंबर 2021 में प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री के गृह ग्राम बामोरा में 46 लाख की अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा गया था, लेकिन पुलिस आज तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि यह शराब किस ने मंगवाई थी और कैसे सागर शहर के नजदीकी बामोरा गांव तक पहुंची थी. पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर और ट्रक मालिक को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शराब किसके यहां जा रही थी, यह खुलासा आज तक नहीं कर पाई है. अभी हाल ही में 5 लाख की अवैध शराब पकड़ी गई थी, इसमें भी सरगना की जानकारी (allegations of political backing to drugs in sagar) नहीं मिल पाई है.

Bundelkhand Youth trapped in drugs and alcoholism allegations of political backing
नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई

सागर एसपी के पास नहीं कोई जवाब

सागर में अवैध शराब और नशे के कारोबार (Drunk swinging Bundelkhand) को लेकर सागर के नवागत एसपी तरुण नायक से जब मीडिया ने सवाल किए तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए. न ही उन्होंने अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की किसी रणनीति के बारे में चर्चा की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.