सागर। सागर जिले के ढाना में मिलिट्री की छावनी है. यहां सेना के कई बड़े अफसर रहते हैं. इन्हीं में से है एक हैं कर्नल एपी सिंह. उनका जुनून देखने लायक है. आसपास के इलाके के करीब 180 युवाओं को वह सेना की जैसी ही ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को सही दिशा नाम दिया गया है. सुबह से ही से ट्रेनिंग शुरू हो जाती है. ट्रेनिंग के दौरान कर्नल एपी सिंह हर पहलू पर ध्यान देते हैं. युवाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के अलावा वे मानसिक तौर पर भी मजबूती पर जोर देते हैं.
ट्रेनिंग का नाम रखा सही दिशा : बुंदेलखंड में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. सही दिशा में मार्गदर्शन ना मिलने के कारण पुलिस और सेना की भर्ती में भी यहां के युवा पीछे रह जाते हैं. इसी को देखते हुए ढाना स्थित सेना की एनसीओ अकादमी में नवसैनिकों को प्रशिक्षण देने वाले कर्नल एपी सिंह सैकड़ों गरीब युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आए हैं. सागर शहर और आसपास के सैकड़ों युवाओं को सही दिशा हासिल हो रही है. कर्नल एपी सिंह ने इन युवाओं को तराशने और सही राह दिखाने के लिए सिविलियन ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत कर चुके हैं. इस ट्रेनिंग का उन्होंने नाम सही दिशा दिया है.
नौकरी के लिए सही दिशा में प्रयास की जरूरत : ढाना में शुरू किए गए सही दिशा कैंप में कम पढ़े- लिखे युवाओं से लेकर ग्रेजुएट युवा तक आर्मी की तर्ज पर ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं. इन युवाओं कड़ी फिजिकल ट्रेनिंग के साथ इनकी योग्यता और रुचि के अनुसार अलग-अलग फील्ड की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जिससे इन्हे रोज़गार मिल सके. इनमें से ज्यादातर युवा अब आर्मी में जाने की चाह रखते हैं. कैंप की शुरुवात करने वाले कर्नल एपी सिंह कहते हैं कि देश में युवाओं को सही दिशा देने के लिए इस तरह के ट्रेनिंग कैंप हर शहर व हर गांव में होनी चाहिए, ताकि देश का युवा स्वस्थ और लक्ष्य के प्रति समर्पित हो सके.
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उचित मार्गदर्शन से बढ़ रहा युवाओं का मनोबल : सही दिशा प्रशिक्षण शिविर में करीब 180 युवा प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं. सेना के अफसर और जवानों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण हासिल कर रहे इन युवाओं का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ रहा है. युवाओं का कहना है कि सेना, पुलिस और दूसरी भर्तियां जब आती थीं तो हम लोग अपनी सूझबूझ और समझ के हिसाब से तैयारी करते रहते थे. हमें तकनीक का ज्ञान ना होने और सही मार्गदर्शन ना मिलने के कारण गलत दिशा में तैयारी कर रहे थे. लेकिन अब सही दिशा में कर्नल एपी सिंह और उनके साथियों से हमें उचित मार्गदर्शन मिल रहा है और हमारा मनोबल बढ़ रहा है.
(A military officer became hope for youth) ( Military officer training to youth)