रीवा। अक्सर आपने वैवाहिक आयोजन घर, होटल या फिर बारात घरों में संपन्न होते हुए देखा होगा. लेकिन रीवा में कलेक्ट्रेट के सामने बाकायदा टेंट लगाकार शादी रचाई गई. वर-वधू ने संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को साक्षी मानकर विवाह रचाया. इसके बाद शहर में यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल, सयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में बंसल समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर 9 माह से कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरने पर हैं. समाज के लोगों का कहना है कि सुअर पशु पालन ही उनकी रोजी रोटी का एक जरिया था. इसे प्रशासन ने छीन लिया है.
हजारों सुअरों को मारने का आरोप : आंदोलनकारियों का कहना है कि अक्टूबर 2022 में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू नामक गंभीर बीमारी फैली और प्रशासन के निर्देश पर बिना इलाज किए ही इंजेक्शन देकर हजारों सुअरों को मार दिया गया. जबकि कई सुअर बीमारी से मर गए. उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की. लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. आखिरकार वह अपनी मांगें मनवाने के लिए धरने पर बैठ गए. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि बसोर समाज का सुअर पशुपालन ही रोजी-रोटी का जरिया था. प्रशासन ने इसे छीन लिया.
ये खबरें भी पढ़ें... |
धरने पर डटे रहेंगे : आंदोलनकारियों के पास रोजी रोटी का संकट है. वह लगातार मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष डेरा जमाए हुए हैं. उनका कहना है कि भले ही हमें कुर्बानी देना पड़े लेकिन बिना मुआवजा के यहां से नहीं हटेंगे. क्योंकि उनके पास अब कुछ बचा ही नहीं है. वह देश का सबसे गरीब तबका है. आंदोलनकारियों ने एसकेएम के सहयोग से अपने सभी पारिवारिक आयोजन धरना स्थल से ही करने के निर्णय लिए. जिससे आज महिला आंदोलनकारी शुकवरिया बसोर की नातिन अंजली बसोर की शादी ग्राम उचेहरा सतना निवासी अच्छेलाल बसोर के पुत्र पंचमलाल उर्फ आशीष बसोर के साथ रचाई गई.