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लाचार सिस्टम! मेडिकल कॉलेज के बाहर घंटों तड़पते रहे कोरोना मरीज

रीवा मेडिकल कॉलेज से बेहद संवेदनशीलता की तस्वीर सामने आई है, जहां सतना जिले के दो करोना संक्रमित मरीज का उपचार नहीं मिला, बल्कि उनके साथ बदसलूकी कर भगा दिया गया. सतना जिले के कोरोना संक्रमित दो मरीज रात भर रीवा में तड़पते रहे, जिसके बाद तकरीबन 75 किलोमीटर बस से सफर तय कर वापस सतना पहुंचे.

Rewa Medical College
रीवा मेडिकल कॉलेज
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Published : Apr 15, 2021, 7:48 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 8:54 AM IST

सतना। मध्यप्रदेश में सतना जिले के निवासी दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार नहीं हुआ. दरअसल, करोना पॉजिटिव दोनों मरीजों की हालत गंभीर थी, ऑक्सीजन लेबल और पल्स रेट गिरा हुआ था. सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. ऐसे में इन दोनों युवकों को सतना से रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था. 13 अप्रैल की शाम मरीज को लेकर परिजन रीवा पहुंचे. लेकिन इलाज नहीं किया गया. परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों उनसे बदसलूकी की, रातभर बस स्टैंड पर रुकने के बाद मरीज को लेकर परिजन रामनगर पहुंचे.

रामनगर कस्बे में चक्कर खाकर गिरे कोरोना संक्रमित मरीज को आनन फानन देवराजनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिन्हें ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई. मामला जिला कलेक्टर और प्रभारी मंत्री तक पहुंचा, ऐसे में मंत्री की पहल पर मरीज की हालात नाजुक होने पर दोबारा मरीज को मेडिकल कॉलेज रीवा शिफ्ट किया गया है. पीड़ितों की मानें तो रीवा मेडिकल कॉलेज में कोई देखने वाला नहीं है.

रीवा मेडिकल कॉलेज

बाहर से आ रहे मजदूरों की वजह से सतना में कोरोना का खतरा, प्रशासन अलर्ट

  • रीवा के पास सतना के हिस्से के भी हैं 70 बेड

बहरहाल, ये स्थिति तब है जब रीवा मेडिकल कॉलेज में सतना के हिस्से के 70 बेड रिजर्व हैं. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इलाज करने से इनकार कर रहा है. करोना संक्रमित की जान खतरे में है. राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल जो खुद सतना-रीवा जिले के कोविड प्रभारी मंत्री हैं. मामला उनकी विधानसभा के मरीजों से ही जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई.

सतना। मध्यप्रदेश में सतना जिले के निवासी दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार नहीं हुआ. दरअसल, करोना पॉजिटिव दोनों मरीजों की हालत गंभीर थी, ऑक्सीजन लेबल और पल्स रेट गिरा हुआ था. सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. ऐसे में इन दोनों युवकों को सतना से रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था. 13 अप्रैल की शाम मरीज को लेकर परिजन रीवा पहुंचे. लेकिन इलाज नहीं किया गया. परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों उनसे बदसलूकी की, रातभर बस स्टैंड पर रुकने के बाद मरीज को लेकर परिजन रामनगर पहुंचे.

रामनगर कस्बे में चक्कर खाकर गिरे कोरोना संक्रमित मरीज को आनन फानन देवराजनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिन्हें ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई. मामला जिला कलेक्टर और प्रभारी मंत्री तक पहुंचा, ऐसे में मंत्री की पहल पर मरीज की हालात नाजुक होने पर दोबारा मरीज को मेडिकल कॉलेज रीवा शिफ्ट किया गया है. पीड़ितों की मानें तो रीवा मेडिकल कॉलेज में कोई देखने वाला नहीं है.

रीवा मेडिकल कॉलेज

बाहर से आ रहे मजदूरों की वजह से सतना में कोरोना का खतरा, प्रशासन अलर्ट

  • रीवा के पास सतना के हिस्से के भी हैं 70 बेड

बहरहाल, ये स्थिति तब है जब रीवा मेडिकल कॉलेज में सतना के हिस्से के 70 बेड रिजर्व हैं. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इलाज करने से इनकार कर रहा है. करोना संक्रमित की जान खतरे में है. राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल जो खुद सतना-रीवा जिले के कोविड प्रभारी मंत्री हैं. मामला उनकी विधानसभा के मरीजों से ही जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई.

Last Updated : Apr 15, 2021, 8:54 AM IST
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