ETV Bharat / state

पूर्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के गांव में नहीं है सड़क, कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण - Road demand

रीवा में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के विधानसभा के देवरी गांव में सड़क आज तक नहीं बनी है, जिसके चलते गांव के लोगो ने सड़क की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे.

There is no road in the village of Rajendra Singh's Assembly
पूर्व मंत्री के विधानसभा के गांव में नहीं है सड़क
author img

By

Published : Dec 17, 2019, 11:12 PM IST

रीवा। सरकारे भले ही गावों में सड़कों के जाल बिछाने के दावे करें. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. मामला पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र का है. जहां के देवरी गांव में रहने वाले लोग सड़क के लिए आज तक तरस रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार विधायक राजेंद्र शुक्ला के दरवाजे को खटखटाया लेकिन उन्होंने पैसा जोड़कर खुद सड़क बनाने की नसीहत दे डाली. जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर की जनसुनवाई में सड़क बनाने की गुहार लगाई है.

पूर्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के गांव में नहीं है सड़क

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण रास्तों में पानी भर जाता है. जिसकी वजह से कभी-कभी तो घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं बच्चों को स्कूल जाने में भी समस्या होती है. गांव की महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के वक्त नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद नेता गांव में झांकने तक नहीं आते हैं.

रीवा बाइपास के किनारे बसे इस गांव के लोग सड़क की आस लगाए 5 साल से दर-दर भटक रहे हैं लेकिन ना तो नेताओं को इसकी सुध है और ना ही प्रशासन को. अब देखना ये होगा कि कलेक्टर इनकी मांग को पूरा करते हैं या यहां उन्हें निराशा हाथ लगती है.

रीवा। सरकारे भले ही गावों में सड़कों के जाल बिछाने के दावे करें. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. मामला पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र का है. जहां के देवरी गांव में रहने वाले लोग सड़क के लिए आज तक तरस रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार विधायक राजेंद्र शुक्ला के दरवाजे को खटखटाया लेकिन उन्होंने पैसा जोड़कर खुद सड़क बनाने की नसीहत दे डाली. जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर की जनसुनवाई में सड़क बनाने की गुहार लगाई है.

पूर्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के गांव में नहीं है सड़क

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने के कारण रास्तों में पानी भर जाता है. जिसकी वजह से कभी-कभी तो घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं बच्चों को स्कूल जाने में भी समस्या होती है. गांव की महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के वक्त नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद नेता गांव में झांकने तक नहीं आते हैं.

रीवा बाइपास के किनारे बसे इस गांव के लोग सड़क की आस लगाए 5 साल से दर-दर भटक रहे हैं लेकिन ना तो नेताओं को इसकी सुध है और ना ही प्रशासन को. अब देखना ये होगा कि कलेक्टर इनकी मांग को पूरा करते हैं या यहां उन्हें निराशा हाथ लगती है.

Intro:मंगलवार का दिन कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में लोगों की समस्याओं को सुनने वाला दिन रहा. रीवा बाईपास रोड के किनारे बसा देवरी गांव के ग्रामीण आज अपने गांव में रोड की मांग को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे. और जल्द से जल्द उनकी इस रोड की समस्या को दूर कराने की कलेक्टर से मांग की..


Body:भले ही सरकारे गांव गांव में रोड के बड़े-बड़े वादे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही बयां करती आज भी रीवा के बाईपास किनारे देवरी गांव में रहने वाले लोग अपने गांव की रोड निकासी ना होने के कारण परेशान हैं पिछले 5 सालों से लगातार शासन प्रशासन के लोगों से यह लोग अपनी समस्याओं के निवारण के लिए आस लगाए बैठे हुए हैं..



करीब 300 लोगों की जनसंख्या वाले देवरी गांव के यह लोग आज अपने गांव में सड़क की अपेक्षा कर एक बार फिर कलेक्टर का दरवाजा खटखटाने पहुंचे हैं उनका कहना है कि हालात ऐसे हैं कि हमारे बच्चों को स्कूल जाने में भी समस्या होती सड़क नहीं होने के कारण रास्तों में पानी भर जाता है जिसके कारण कभी-कभी तो घर से निकलना भी दुश्वार हो जाता है ऐसा लगता है मानो कि हम अपने घर में कैद होकर रह गए हैं...



गांव की महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वादे कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने कि चाहे हार होगी चाहे जीत होगी और रोड तो जरूर होगी लेकिन नहीं हारने वाले ने दोबारा जाकर इनके गांव की सुध ली और ना ही जीतकर नेता बनने वालों ने... गांव की महिलाओं ने सीधे तौर पर रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला पर आरोप गणना शुरू कर दी. महिलाओं ने कहा कि इन्होंने कई बार विधायक के घर का दरवाजा खटखटाया लेकिन विधायक ने खुद ने पैसा जोड़कर रोड बनवाने की नसीहत दे डाली. जिसके बाद आज यह एक बार फिर लगातार 5 साल से रीवा के कलेक्ट्रेट में कलेक्टर से अपने गांव में रोड बनवाने की आस में कलेक्टर भवन के बाहर बैठे हुए हैं..





Conclusion:जहां एक ओर सरकार गांव गांव में सड़क को लेकर कई योजनाएं निकाल रही है वहीं दूसरी ओर आज भी कई गांव में लोग सड़कों के लिए तरस रहे हालात तो ऐसे हैं कि कभी-कभी इन लोगों को अपने ही घर में कैद होकर रहना पड़ता है अब तक ना तो सरकार के लोगों ने इनकी सुध ली है और ना ही नेताओं ने वह चुनावी वादों में सिमटकर इनकी उम्मीद है रह जाती हैं..



byte- ग्रामीण महिला.
byte- ग्रामीण महिला.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.