अशोकनगर: पेट की भूख इंसान को दर दर भटकने को मजबूर कर देती है. बाहर जाकर 2 पैसे कमाने की चाहत में कई बार लोग मुसीबत में भी फंस जाते हैं. ऐसा ही कुछ मामला मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में सामने आया है. जहां दो जून की रोटी की तलाश में कई मजदूर कर्नाटक पहुंच गए, जहां पैसे के लेनदेन में हुए विवाद के चलते मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया गया.
2 वक्त की रोटी के लिए पहुंचे कर्नाटक
अशोकनगर के कई गांव से मजदूरी करने के लिए श्रमिक कर्नाटक के कॉफी बागान पहुंचे थे. जहां कुछ रुपयों की लेनदेन और ठेकेदार से विवाद के चलते उन्हें बंधक बनाकर रखा गया. जब श्रमिक के परिजनों ने इस मामले की सूचना अशोक नगर एसपी को दी, तो उन्होंने कर्नाटक पुलिस से संपर्क कर लगभग 12 श्रमिकों को आजाद कराकर उन्हें अशोकनगर ले आये हैं. हालांकि, शेष बचे हुए श्रमिकों को लेकर भी एसपी जानकारी जुटा रहे हैं.
12 श्रमिकों को कराया आजाद
अशोकनगर पुलिस की तत्परता के चलते कर्नाटक में बंधक बनाए गए 12 मजदूरों को वापस लाया गया. हालांकि मजदूरों का कहना है कि "एक पहाड़ी इलाके में स्थित कॉफी बागान में बाउंड्री के अंदर कैद करके रखा गया था. सिर्फ रविवार को 1-2 लोगों को ही राशन लेने के लिए बाहर जाने की अनुमति थी. मुख्य गेट पर सिक्योरिटी गार्ड तैनात था जो किसी को बाहर नहीं जाने देता था." बताया गया कि कई सारे मजदूर अभी भी कर्नाटक में ही फंसे हैं.
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ठेकेदार से लिए थे एडवांस पैसे
इस मामले में अशोकनगर एसपी विनीत कुमार जैन ने बताया कि "जिले के टकनेरी और कोलुआ ओर बरखेड़ी आदि ग्रामों के मजदूर ठेकेदार के साथ 2 माह पहले दो वक्त की रोटी की तलाश में कर्नाटक मजदूरी करने गए थे. जहां ये सभी कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के अन्नापुरई स्थिति कॉफी बागान में मजदूरी कर रहे थे. लेकिन जो इन्हें वहां लेकर गया था, वह ठेकेदार से एडवांस पैसे ले लिया था. जिससे मजदूर बंधक बन गए थे.
इस मामले में टकनेरी निवासी एक महिला ने एसपी ऑफिस में पहुंचकर मामले की शिकायत की. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद कर्नाटक पुलिस के सहयोग से मजदूरों को छुड़ाकर अशोकनगर वापसी कराई. वहीं, अन्य बचे मजदूरों के संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है."