ETV Bharat / state

लॉकडाउन ने तोड़ी पान के किसानों की कमर, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

author img

By

Published : Apr 21, 2020, 8:52 AM IST

Updated : Apr 21, 2020, 9:04 AM IST

लॉकडाउन का असर पान की खेती करने वाले किसानों पर भी पड़ रहा है. जिससे वे अपना माल बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं और पान बरेज में ही सूख रहा है.

The lockdown broke the farmers of the paan
लॉकडाउन ने तोड़ी पान के किसानों की कमर

रीवा। पहले प्रकृति की मार और अब लॉकडाउन से पान के किसान तबाह हो रहे हैं. आलम ये है कि, कभी विदेशों तक जाने वाला पान बरेज के अंदर ही सूख रहा है. जिससे किसान बेहद लाचार और परेशान हैं. किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. पान के इन किसानों को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली है. किसानों का कहना है कि, उन्हें प्राकृतिक आपदा, आगजनी सहित अन्य स्थितियों में भी शासन से आर्थिक सहायता नहीं मिलती है. इतना ही नहीं, उद्यानिकी विभाग द्वारा उनको पांच सालों से बरेज में लगाने के लिए टाटपट्टी तक नहीं दी जा रही है. पान के करीब चार सौ किसान आठ माह से किसान सम्मान निधि की राशि पाने को भटक रहे हैं. तमाम समस्याओं से जूझ रहे किसानों के सामने अब लॉकडाउन एक बड़ी समस्या बनकर आया है. जिसके सामने वे घुटने टेकते नजर आ रहे हैं.

विंध्य क्षेत्र का रीवा जिला पान की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है. गुढ़, महसांव, गोरगी सहित आसपास के दर्जन भर गांवों में पान की खेती करते हैं. यह उनका पुस्तैनी धंधा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण वे अपने पान बेचने तक नहीं जा पा रहे हैं. जिससे पान के पत्ते पेड़ में खराब होकर गिर रहे हैं. ऐसे में किसानों के पास रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. जिससे वे भूखो मरने की कगार पर आ गए हैं.

रीवा। पहले प्रकृति की मार और अब लॉकडाउन से पान के किसान तबाह हो रहे हैं. आलम ये है कि, कभी विदेशों तक जाने वाला पान बरेज के अंदर ही सूख रहा है. जिससे किसान बेहद लाचार और परेशान हैं. किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. पान के इन किसानों को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली है. किसानों का कहना है कि, उन्हें प्राकृतिक आपदा, आगजनी सहित अन्य स्थितियों में भी शासन से आर्थिक सहायता नहीं मिलती है. इतना ही नहीं, उद्यानिकी विभाग द्वारा उनको पांच सालों से बरेज में लगाने के लिए टाटपट्टी तक नहीं दी जा रही है. पान के करीब चार सौ किसान आठ माह से किसान सम्मान निधि की राशि पाने को भटक रहे हैं. तमाम समस्याओं से जूझ रहे किसानों के सामने अब लॉकडाउन एक बड़ी समस्या बनकर आया है. जिसके सामने वे घुटने टेकते नजर आ रहे हैं.

विंध्य क्षेत्र का रीवा जिला पान की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है. गुढ़, महसांव, गोरगी सहित आसपास के दर्जन भर गांवों में पान की खेती करते हैं. यह उनका पुस्तैनी धंधा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण वे अपने पान बेचने तक नहीं जा पा रहे हैं. जिससे पान के पत्ते पेड़ में खराब होकर गिर रहे हैं. ऐसे में किसानों के पास रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. जिससे वे भूखो मरने की कगार पर आ गए हैं.

Last Updated : Apr 21, 2020, 9:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.