रीवा। राजशाही में राजगद्दी की चाहत हर राजा की होती है, क्योंकि जिसकी जितनी बड़ी गद्दी उसका उतना बड़ा वैभव, लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा राजघराना है जहां के राजा कभी राजगद्दी पर नहीं बैठे. इन राजाओं ने शासन तो खूब किया मगर सिंहासन पर बैठना कभी स्वीकार नहीं किया. ये राजघराना है रीवा का, जहां सदियों तक चले शासन के बाद भी कोई राजा राजगद्दी पर नहीं बैठा.
रीवा राजघराने की परंपरा है कि यहां राजगद्दी पर राजाओं की जगह भगवान राम को बैठाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि रीवा राजघराने के कुल देवता भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण हैं. इसके चलते उनके भाई भगवान राम को ही रीवा का महाराजा माना जाता है, क्योंकि लक्ष्मण भगवान राम से छोटे थे इसलिये वो भी सिंहासन पर नहीं बैठते.
यही वजह है कि रीवा रियासत के 400 वर्षों के इतिहास में यहां की राजगद्दी पर कभी कोई राजा नहीं बैठा. इसी परंपरा की वजह से रीवा राजघराने की देश में अलग पहचान बनी और उसे बिना राजा वाली राजगद्दी के रूप में जाना जाता है.