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शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी का बड़ा बयान- साईं भक्तों का मंदिरों में प्रवेश बंद हो, संघ प्रमुख पर भी बोला हमला - आरक्षण पर बोले शंकराचार्य

हिंदू राष्ट्र अधिवेशन को लेकर शुक्रवार को जगन्नाथ शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी रीवा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ईशा मसीह की प्रतिमा मे वैष्णव का निशान है. ऐसे में तमाम ईसाइयों को हिंदू धर्म की ओर बढ़ना चाहिए. इसके साथ ही निश्चलानंद स्वामी ने साईं भक्तों का हिंदू मठों मे प्रवेश वर्जित करने की बात भी कही. स्वामी निश्चलानंद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा.

Stop entry of Sai devotees into temples
शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी का बड़ा बयान
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Published : Apr 14, 2023, 6:42 PM IST

शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी का बड़ा बयान

रीवा। जगन्नाथ पुरी शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी लंबे समय से हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे हैं. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद द्वारा जगह-जगह हिंदू राष्ट्र अधिवेशन किया जा रहा है. जिसके माध्यम से हिंदुओं को जागृत कर दिल्ली में हुंकार भरी जा सके. इसी क्रम में शुक्रवार को स्वामी निश्चलानंद रीवा पहुंचे. जहां पर उन्होंने हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के दौरान ईसाइयों का हिंदू धर्म में स्वागत किया. उन्होंने कहा है कि रोम देश में ईसा मसीह की प्रतिमा है, जिसमें वैष्णव का निशान है. इस वैष्णव के निशान को देखकर ईसाइयों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह हिंदुओं का निशान है. सभी ईसाई इसे देखकर हिंदू बन जाएं.

आरक्षण पर बोले शंकराचार्य : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने आरक्षण पर भी बड़ी बयानबाजी की है. उन्होंने 5 वर्गों में बांटते हुए आरक्षण का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि आज लघु और कुटीर उद्योग में शूद्र का बोलबाला हो गया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण होना चाहिए. जब वह शंकराचार्य के पद पर नहीं थे, तब वीपी सिंह पीएम थे. तब उनके कार्यकाल के दौरान मेरा वाक्य था कि आरक्षण पांच दोषों से दूषित है. हम आरक्षण के पूरे समर्थक हैं. हर एक व्यक्ति की जीविका जन्म से सुरक्षित हो. सारे कुटीर और लघु उद्योग उन्हें पकड़ा दिए गए, जिन्हें हम शूद्र कहते हैं.

धर्मांतरण पर भी बोले : शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि शासन तंत्र की अदूरदर्शिता के कारण ही धर्मांतरण किए जाते हैं. अगर शासन तंत्र की सहभागिता ना हो तो हिंदुओं को कौन बरगला सकता है. हिंदुओ के लिए यहां हर प्रकार की व्यवस्था है. जिस तरह से भारत को हिंदू राष्ट्र की जगह क्रिश्चयन राज्य बनाने का संकल्प है तो सुन लो हिंदुओ को क्रिश्चन बनाने वालों. रोम के अंदर ईशा मसीह की प्रतिमा के माथे पर वैष्णव तिलक लगा हुआ है, जोकि हिंदूओ का प्रतीक है. और अगर ईशा मसीह को प्रमाण मानते हो तो सारे क्रिश्चन ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू हो जाओ. शंकराचार्य ने कहा कि हमने कहा था कि धारा 370 हटनी चाहिए. शासन तंत्र को बाध्य होकर धारा निरस्त करनी पड़ी कि नही.

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साईं भक्तों को लेकर दिया बड़ा बयान : इसके अलावा स्वामी निश्चलानंद ने साईं भक्तों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साईं किसी भी प्रकार के भगवान नहीं हैं. जो साईं भक्त हैं, वो हिंदू मठों और मंदिरों से दूरी रखें. उनका प्रवेश हिंदू मठों में वर्जित होना चाहिए. इसके साथ ही शंकराचार्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भागवात के पास गुरु, गोविंद और ग्रंथ तीनों ही नहीं हैं. ऐसे में उन्हें अभी और बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, जिसके लिए वह आएं और मेरे पास बैठें.

शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी का बड़ा बयान

रीवा। जगन्नाथ पुरी शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी लंबे समय से हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहे हैं. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद द्वारा जगह-जगह हिंदू राष्ट्र अधिवेशन किया जा रहा है. जिसके माध्यम से हिंदुओं को जागृत कर दिल्ली में हुंकार भरी जा सके. इसी क्रम में शुक्रवार को स्वामी निश्चलानंद रीवा पहुंचे. जहां पर उन्होंने हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के दौरान ईसाइयों का हिंदू धर्म में स्वागत किया. उन्होंने कहा है कि रोम देश में ईसा मसीह की प्रतिमा है, जिसमें वैष्णव का निशान है. इस वैष्णव के निशान को देखकर ईसाइयों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह हिंदुओं का निशान है. सभी ईसाई इसे देखकर हिंदू बन जाएं.

आरक्षण पर बोले शंकराचार्य : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने आरक्षण पर भी बड़ी बयानबाजी की है. उन्होंने 5 वर्गों में बांटते हुए आरक्षण का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि आज लघु और कुटीर उद्योग में शूद्र का बोलबाला हो गया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण होना चाहिए. जब वह शंकराचार्य के पद पर नहीं थे, तब वीपी सिंह पीएम थे. तब उनके कार्यकाल के दौरान मेरा वाक्य था कि आरक्षण पांच दोषों से दूषित है. हम आरक्षण के पूरे समर्थक हैं. हर एक व्यक्ति की जीविका जन्म से सुरक्षित हो. सारे कुटीर और लघु उद्योग उन्हें पकड़ा दिए गए, जिन्हें हम शूद्र कहते हैं.

धर्मांतरण पर भी बोले : शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि शासन तंत्र की अदूरदर्शिता के कारण ही धर्मांतरण किए जाते हैं. अगर शासन तंत्र की सहभागिता ना हो तो हिंदुओं को कौन बरगला सकता है. हिंदुओ के लिए यहां हर प्रकार की व्यवस्था है. जिस तरह से भारत को हिंदू राष्ट्र की जगह क्रिश्चयन राज्य बनाने का संकल्प है तो सुन लो हिंदुओ को क्रिश्चन बनाने वालों. रोम के अंदर ईशा मसीह की प्रतिमा के माथे पर वैष्णव तिलक लगा हुआ है, जोकि हिंदूओ का प्रतीक है. और अगर ईशा मसीह को प्रमाण मानते हो तो सारे क्रिश्चन ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू हो जाओ. शंकराचार्य ने कहा कि हमने कहा था कि धारा 370 हटनी चाहिए. शासन तंत्र को बाध्य होकर धारा निरस्त करनी पड़ी कि नही.

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साईं भक्तों को लेकर दिया बड़ा बयान : इसके अलावा स्वामी निश्चलानंद ने साईं भक्तों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साईं किसी भी प्रकार के भगवान नहीं हैं. जो साईं भक्त हैं, वो हिंदू मठों और मंदिरों से दूरी रखें. उनका प्रवेश हिंदू मठों में वर्जित होना चाहिए. इसके साथ ही शंकराचार्य ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भागवात के पास गुरु, गोविंद और ग्रंथ तीनों ही नहीं हैं. ऐसे में उन्हें अभी और बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, जिसके लिए वह आएं और मेरे पास बैठें.

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