रीवा। जिले के त्यौंथर तहसील क्षेत्र में स्थित अमिलिया खरीदी केंद्र को लेकर विवाद बढ़ गया है. खरीद केंद्र को निरस्त करने की मांग को लेकर जनप्रतिनिधी और ग्रामीण आमने सामने हैं और जमकर राजनीति हो रही है. दरअसल मामला, अमिलिया खरीदी केंद्र के प्रभारी शुक्रमणि मिश्रा को लेकर विरोध प्रदर्शन का है. उन पर धान चोरी करने का आरोप था जिसे लेकर उन्हे प्रशासन ने हटा दिया. मगर ग्रामीण फिर भी इस खरीदी केंद्र को निरस्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर शिकायत की है कि यहां भ्रष्टाचार हो रहा है लिहाजा इस मामले में समुचित जांच होने तक खरीद प्रक्रिया रोकी जाए. हालांकि भाजपा विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने ग्रामीणों की मांग को अनुचित बताते हुए प्रशासन को पत्र लिखा. पत्र में उन्होने हवाला दिया कि जिस पर एक्शन होना है उस पर एक्शन हो मगर साल 2023-24 के लिए पंजियन जारी रहे और खरीदी केंद्र को यथावत रखा जाए.
क्या है पत्र का विवाद: विधायक श्यामलाल द्विवेदी के पत्र में खरीदी केंद्र को यथावत रखने की मांग को लेकर विवाद शुरु हुआ. यह पत्र अब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है. विधायक का पत्र वायरल होते ही अधिकारियों के कान खड़े हुए. आनन-फानन में कलेक्ट्रेट कार्यालय से खरीदी प्रभारी शुक्रमणि मिश्रा को तत्काल हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. मगर किसान नेताओं की फिर भी यही डिमांड है कि प्रशासन खरीदी केंद्र को निरस्त करे. इसी मुद्दे पर विवाद चल रहा है.
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अधिकारियों का क्या है कहना: खरीदी केंद्र के प्रभारी रहे शुक्रमणि मिश्रा पर 3200 क्विंटल धान चोरी करने का आरोप था. मामले में लोकायुक्त पुलिस ने जांच की थी. जिसमें खरीदी प्रभारी बनाए गए शुक्रमणि मिश्रा दोषी पाए गए थे. उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद हुए थे. इस मामले में खाद्य विभाग के जिला नियंत्रक ओपी पांडे का कहना है कि "लोकायुक्त पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान में खरीदी प्रभारी बनाए गए शुक्रमणि मिश्रा को हटा दिया गया है. अब किसे नया प्रभारी बनाना है और किसे नहीं इस पर फैसला कोऑपरेटिव को करना है. विभागीय कर्रवाई भी संबंधित विभाग को करना है. मगर जांच रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया गया है." इस मामले में दावा किया जा रहा है कि नए खरीदी प्रभारी भी पुराने के बेहद करीबी हैं.