रीवा। ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अन्तर्गत जिले के गोविंदगढ़ इलाके में बिछ रही रेलवे लाइन को लेकर अब एक बार फिर विवाद शुरु हो गया है. इसके चलते किसानों ने सोमवार को ट्रायल इंजन के सामने पटरी पर लेट कर विरोध प्रदर्शन किया है. बताया जा रहा है कि रेलवे विभाग के द्वारा ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया गया था, लेकिन अधिग्रहित की गई जमीन की न ही उन्हें कोई मुआवजा राशि दी गई और न ही नौकरी दी गई. इसको लेकर किसान विगत 15 दिनों से आंदोलनरत हैं और रेल परियोजना का काम भी 15 दिनों से अधूरा लटका हुआ है.
रेलवे की वादा खिलाफी से नाराज किसान: ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत रीवा रेलवे स्टेशन से आगे गोविंदगढ़ और फिर सीधी जिले को जोड़ने वाली एक रेलवे टनल का निर्माण किया गया, जिसके लिए रेलवे विभाग ने किसानों की जमीनों को अधिग्रहित किया, लेकिन जमीन अधिग्रहण के बावजूद किसानों को किसी भी प्रकार की मुआवजा राशि नहीं दी गई. वहीं किसानों की मानें तो रेलवे के द्वारा जमीन अधिग्रहण के दौरान नौकरी दिए जाने का वादा भी किया गया था, लेकिन प्रशासन ने इस पर भी किसी भी प्रकार का अमल नहीं किया. इसको लेकर अब किसान आंदोलनरत हो गए हैं, और पिछले 15 दिनों से रेलवे विभाग के खिलाफ किसानों का अनशन जारी है. सोमवार को किसानों ने ट्रायल इंजन के सामने पटरी पर लेट कर विरोध प्रदर्शन किया.
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रेल काम में आई रुकावट: साल 2023 रेलवे के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस साल रीवा के उन हिस्सों में ट्रेन दौड़ेगी जहां लोगों को उम्मीद नहीं थी. अब जिले में कुल 4 रेलवे स्टेशन होंगे. इसी वर्ष रीवा सीधी रेल मार्ग में टनल बन कर तैयार हो जाएगी. इसलिए ये साल रेलवे में होने वाले विकास की दृष्टि से रीवा के लिए काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन जिस तरह से किसान पिछले 15 दिनों से आंदोलनरत हैं, उस परेशानी से रेलवे विभाग कैसे निकलेगा. किसानों के प्रदर्शन की वजह से रेलवे के द्वारा बिछाई जा रही रेल लाइन का काम भी विगत 15 दिनों से प्रभावित है. रेल विभाग रेल लाइन बिछाने के कार्य को पूरा नहीं कर पा रहा है.