रीवा। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से कांग्रेस ने इंकार कर दिया है.ऐसे में अब राम मंदिर और पीएम मोदी पर हमलावर हो गई है.रीवा पहुंचे दिग्विजय सिंह ने यहां फिर कहा कि ये पूरा आयोजन बीजेपी का इंवेट है और जिन्होंने शंकराचार्य का अपमान किया है वे अधर्मी हैं,हम इन पर विश्वास नहीं करेंगे.पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य राम मंदिर नहीं आगामी लोकसभा चुनाव है.
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा की क्या निर्माणाधीन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है. पीएम मोदी पर हमलावर होते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा की मोदी जी ने पहले खुद को यजमान बना लिया था. बाद में जब तय हुआ कि यजमान के लिए पति और पत्नी दोनों की उपस्थिति होना जरुरी है. तो उन्हें विशेष यजमान का रुप दे दिया गया. इसके बाद अयोध्या के एक ब्राम्हण परिवार के जोड़े को यजमान बनाया गया.
पीएम मोदी का लक्ष्य राम मंदिर नहीं
पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य राम मंदिर का निर्माण नहीं आगामी लोकसभा का चुनाव है. रामलला का जन्म तो रामनवमी पर हुआ था तो प्राण प्रतिष्ठा का अयोजन राम नवमी पर करते लेकिन कैसे करते क्योंकि अयोजन में प्रधान मंत्री मोदी यजमान बनकर नहीं जा पाते. इसलिए प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन राम नवमी में न करके 22 जनवरी का मुहूर्त निकाला गया.
राम मंदिर भाजपा का इवेंट
दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने तो राम मंदिर के उदघाटन समारोह को भाजपा का इवेंट बता दिया. मोदी जी रोड शो करेंगे मोदी जी यजमान बनेंगे और ये मोहन भागवत कौन है ये क्यों जाएंगे. मोहन भागवत और RSS का क्या लेना देना है. यह राष्ट्रीय न्यास है मोहन भागवत कौन से संवैधानिक पद पर है. आपने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को क्यों आमंत्रित नहीं किया.
मां कौशल्या के हाथ में बाल रुप की मूर्ति
राम मंदिर पर स्थापित किए जाने वाली राम दरबार की प्रतिमा को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा की भगवान राम तो कौशल्या जी के गोद में बाल रुप में रहे. ऐसी प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए थी लेकिन राम दरबार की मूर्ती लगवा रहे हैं इसका चयन किसने किया यह कौन महान पुरुष थे. मंदिर का निर्माण जब पूरा हो जाएगा तब विधिवत तरीके से भगवान राम के दर्शन करने हम सब जाएंगे.
मस्जिद तोड़ना था लक्ष्य
राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर एक विवादित बयान भी दे डाला. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने 1990 के दशक में आंदोलन चलाया और नारा दिया कि रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे. मतलब वहींं बनाएंगे जहां बाबरी मस्जिद खड़ी थी. इसका मतलब ही था की पहले मस्जिद तोड़ो फिर मंदिर बनाओ क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं टूटती इनका उद्देश्य पूरा नहीं होता. इनका उद्देश्य ही मस्जिद तोड़ना था राम मंदिर बनाना नहीं था.
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कोई मुझसे बड़ा हिंदू होकर बताए
एक बार फिर राम मंदिर मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर होते हुए पूर्व सीएम ने दिग्विजय कहा की मैं चुनौती देता हूं कि कोई मुझसे ज्यादा हिंदू होकर बताए कितने लोगों ने नर्मदा जी की पैदल यात्रा की है. ये तो नर्मदा जी की परिक्रमा हेलिकॉप्टर से करेंगे गाड़ियों से करेंगे.