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रीवा: गरीबों के लिए दूर की कौड़ी बने पीएम आवास योजना के मकान, 2 लाख बोलकर मांगे जा रहे हैं 4 लाख

प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए सपने जैसी बनकर रह गई है. रीवा नगर निगम पर आरोप है कि बनने वाले तमाम मकानों में कलेक्टर गाइडलाइन से ऊपर पैसे वसूले जा रहे हैं.

rewa
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Published : Jun 20, 2019, 9:53 AM IST

Updated : Jun 20, 2019, 10:13 AM IST

रीवा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले मकान दूर की कौड़ी सबित होते दिख रहे है. हितग्राहियों के मुताबिक उनकों 2 लाख रुपये की राशि के भुगतान के साथ मकान देने का वादा किया गया था, लेकिन निगम अधिकारी गरीबों से 2 लाख की वजह 4 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं.

अधूरे प्रधानमंत्री आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को 2 लाख रुपये में मिलने वाले मकान अब सपना ही बनकर रह गए है. हितग्राही ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2 लाख की वजह 4 लाख मांगे जा रहे हैं, साथ ही ब्याज भी लगेगा. हितग्राहियों का कहना है कि हम चार लाख रुपया नहीं दे सकते है, लिहाजा जमीन का पट्टा ही दे दिया जाए.

पार्षद ने मामले पर बोलते हुए कहा कि रीवा के वार्ड 9 और 10 के लोग यहां करीब 50 साल से रहे है. लेकिन कमीश्नर साहब ने इन्हें यहां से हटाना का आदेश जारी किया है. पाषर्द का कहना है गरीबों को मकान 2 लाख 40 हजार रुपये में दिया जाना था, लेकिन अब इनसे 4 लाख 80 हजार रुपये की मांग की जा रही है. ऐसे में यह लोग मूल धन तो दे ही नहीं पाएंगे ब्याज कहां से देंगे.

और जिस जगह से इन्हें हटाने की बात की जा रही है, ये लोग पिछले 50 साल से रहे है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन लोगों को सरकार यहीं पर मकान बनवा कर दे

रीवा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले मकान दूर की कौड़ी सबित होते दिख रहे है. हितग्राहियों के मुताबिक उनकों 2 लाख रुपये की राशि के भुगतान के साथ मकान देने का वादा किया गया था, लेकिन निगम अधिकारी गरीबों से 2 लाख की वजह 4 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं.

अधूरे प्रधानमंत्री आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को 2 लाख रुपये में मिलने वाले मकान अब सपना ही बनकर रह गए है. हितग्राही ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2 लाख की वजह 4 लाख मांगे जा रहे हैं, साथ ही ब्याज भी लगेगा. हितग्राहियों का कहना है कि हम चार लाख रुपया नहीं दे सकते है, लिहाजा जमीन का पट्टा ही दे दिया जाए.

पार्षद ने मामले पर बोलते हुए कहा कि रीवा के वार्ड 9 और 10 के लोग यहां करीब 50 साल से रहे है. लेकिन कमीश्नर साहब ने इन्हें यहां से हटाना का आदेश जारी किया है. पाषर्द का कहना है गरीबों को मकान 2 लाख 40 हजार रुपये में दिया जाना था, लेकिन अब इनसे 4 लाख 80 हजार रुपये की मांग की जा रही है. ऐसे में यह लोग मूल धन तो दे ही नहीं पाएंगे ब्याज कहां से देंगे.

और जिस जगह से इन्हें हटाने की बात की जा रही है, ये लोग पिछले 50 साल से रहे है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन लोगों को सरकार यहीं पर मकान बनवा कर दे

Intro:एंकर- केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए प्रधानमंत्री आवास योजना में इन दिनों व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है.. तथा रीवा नगर निगम के अंतर्गत बनने वाले तमाम मकानों में कलेक्टर गाइडलाइन से ऊपर पैसे वसूले जाने के आरोप सामने आ रहे हैंBody:केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2022 के भीतर तमाम गरीबोंं को पक्का मकान दिए जाने का वादा किया गया जिसके तहत पक्का मकान दिए जाने को लेकर प्रधानमंत्री आवास नाम की योजना चलाई गई मगर रीवाााा नगर निगम में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक अनियमितता की शिकायत सामने आ रही है तथा इन अनियमितताओं की वजह से नगर निगम में वित्तीय संकट गहराने लगा है वास्तव में जो जरूरतमंद हैं वे इस योजना के लाभ से वंचित है, इस योजना में अपने चहेतों को लाभ देने के लिए तमाम अपात्रों के नाम जोड़ दिए गए। बताया जा रहा है कि ठेकेदारों ने समय पर कार्य भी पूरे नहीं किए हैं। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों में व्यापक गड़बड़ी का चिठ्ठा अब मध्य प्रदेश केबिनेट के नगरिया प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह तक भी पहुंच चुका है माना जा रहा है कि जल्द ही इसकी जांच के आदेश भी जारी हो सकते हैं...

दरअसल नगर निगम रीवा के नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्र बाबा ने बीते दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री से मुलाकात कर पीएम आवास योजना से जुड़े नौ बिंदुओं में शिकायत कर किसी सक्षम एजेंसी से जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग भी की है तथा इस शिकायत को मंत्री ने भी गंभीरता से लिया है। आपको बता दें कि कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार 30 वर्ग मीटर मकान की लागत₹9000 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 200000₹70000 होती है।

लेकिन नगर निगम द्वारा इन भवनों की कीमत₹845000 निर्धारित की गई है वर्ग फीट के हिसाब से देखें तो कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार ₹837 प्रति वर्ग फीट निर्धारित है जबकि नगर निगम ने 2670 रुपए बना रखा है वहीं योजना प्रारंभ होते समय ईडब्ल्यूएस के हितग्राहियों से₹20000 पंजीयन एवं शेष राशि ₹180000 आसान किस्तों में न्यूनतम ब्याज दर पर बैंकों से लोन दिलाए जाने की बात कही गई थी लेकिन इस समय यह राशि 4 लाख ₹75000 माग की जा रही है इसकी भी जांच की मांग की गई है मामले पर हमने कुछ गरीब परिवार के लोगों से भी बात की तो उन्होंने भी जमकर अपना दुखड़ा रोया ...

byte 1- हितग्राही।
byte 2- पार्षद।
byte 3- अजय मिश्रा
नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
Conclusion:...
Last Updated : Jun 20, 2019, 10:13 AM IST
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