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अतिक्रमणकारियों पर चला निगम का बुलडोजर, सौन्दर्यीकरण के लिए उजाड़े गरीबों के आशियाने - वैश्विक महामारी कोरोना

रतहरा बस्ती में तालाब के चारों तरफ रह रहे श्रमिक परिवारों के ऊपर आज निगम अमले ने बुलडोजर चला दिया. जिसके बाद हजारों की तादाद में श्रमिक परिवार अब बेघर हो गए.

Corporation bulldozer fired on trespassers
अतिक्रमणकारियों पर चला निगम का बुलडोजर
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Published : May 9, 2020, 10:36 PM IST

रीवा। जिले के रतहरा बस्ती में तालाब के चारों तरफ रह रहे श्रमिक परिवारों के ऊपर आज निगम अमले ने बुलडोजर चला दिया. जिसके बाद हजारों की तादाद में श्रमिक बेघर हो गए हैं. प्रशासन के बिना किसी नोटिस के चलाए गए इस बुलडोजर से अब हजारों की तादाद में मजदूर परिवार सड़कों पर आ चुके हैं और उनकी इस दशा को देखने वाला कोई नहीं है.

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जहां पूरा देश संकट से जूझ रहा है और सरकारें श्रमिक परिवारों से संवेदनाएं दिखा रही हैं. वहीं रीवा के रतहरा बस्ती में आज प्रशासन की संवेदनहीनता दिखाई दी है. जहां प्रशासन के बुलडोजर ने तकरीबन एक हजार श्रमिकों को बेघर कर दिया और अब वो सड़कों पर डेरा जमाए हुए हैं. दरअसल वर्ष 2007 में रानी तालाब के समीप रह रहे सैकड़ों की तादाद में श्रमिक परिवारों को सौन्द्रीयकरण को लेकर रतहरा बस्ती में विस्थापित किया था. जिसके बाद आज एक बार फिर उसी सौन्दर्यीकरण को लेकर इनके मकानों को तोड़ दिया गया है.

मजदूर परिवारों का कहना है कि पहले विधायक राजेंद्र शुक्ला के पीए राजेश पांडे उनसे मिलने आए थे और उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनके मकानों को नहीं गिराया जाएगा. अगर प्रशासन ऐसा करता है तो उसके पहले ही उन्हें पांच-पांच हजार रुपए दिए जाएंगे, लेकन आज बिना किसी नोटिस के नगर निगम के अमले ने पुलिस की सहायता से इन परिवारों को बेघर कर दिया.

रीवा। जिले के रतहरा बस्ती में तालाब के चारों तरफ रह रहे श्रमिक परिवारों के ऊपर आज निगम अमले ने बुलडोजर चला दिया. जिसके बाद हजारों की तादाद में श्रमिक बेघर हो गए हैं. प्रशासन के बिना किसी नोटिस के चलाए गए इस बुलडोजर से अब हजारों की तादाद में मजदूर परिवार सड़कों पर आ चुके हैं और उनकी इस दशा को देखने वाला कोई नहीं है.

वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जहां पूरा देश संकट से जूझ रहा है और सरकारें श्रमिक परिवारों से संवेदनाएं दिखा रही हैं. वहीं रीवा के रतहरा बस्ती में आज प्रशासन की संवेदनहीनता दिखाई दी है. जहां प्रशासन के बुलडोजर ने तकरीबन एक हजार श्रमिकों को बेघर कर दिया और अब वो सड़कों पर डेरा जमाए हुए हैं. दरअसल वर्ष 2007 में रानी तालाब के समीप रह रहे सैकड़ों की तादाद में श्रमिक परिवारों को सौन्द्रीयकरण को लेकर रतहरा बस्ती में विस्थापित किया था. जिसके बाद आज एक बार फिर उसी सौन्दर्यीकरण को लेकर इनके मकानों को तोड़ दिया गया है.

मजदूर परिवारों का कहना है कि पहले विधायक राजेंद्र शुक्ला के पीए राजेश पांडे उनसे मिलने आए थे और उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनके मकानों को नहीं गिराया जाएगा. अगर प्रशासन ऐसा करता है तो उसके पहले ही उन्हें पांच-पांच हजार रुपए दिए जाएंगे, लेकन आज बिना किसी नोटिस के नगर निगम के अमले ने पुलिस की सहायता से इन परिवारों को बेघर कर दिया.

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