रीवा। देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को निधन हो गया. कोरोना से संक्रमित होने के बाद राहत इंदौरी को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान दिल का दौड़ा पड़ने से शाम को उनकी मौत हो गई. जिसके बाद से ही प्रशंसकों में शोक की लहर है. उनके निधन से उर्दू जगत के साहित्यकारों और शायरों में भी गम का माहौल देखा जा रहा है. राहत इंदौरी की याद में रीवा के मशहूर शायर रफीक रिजवानी ने भी उनके साथ बिताए लम्हों को ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.
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रफीक रिजवानी ने राहत इंदौरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा राहत साहब का जाना पूरे साहित्य जगह के एक ऐसी क्षति है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता है. रफीक रिजवानी ने बताया कि उन्होंने उनके साथ कई बार मंच साझा किया है. उनके निधन से दुखी शायर ने शायरी के जरिए अपना दुख बयां किया. रफीक रिजवानी ने लिखा है कि 'जज्बात दिल से लड़कर सलामत नहीं रहे अल्फाज रो रहे हैं कि राहत नहीं रहे'
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शायर रफीक रिजवानी ने राहत इंदौरी साहब के साथ साझा किए गए मंच को याद करते कहा कि राहत इंदौरी साहब देश और विदेश के लोगों के दिलों में अपनी शायरी से हमेशा राज करेंगे. रफीक रिजवानी ने बताया कि राहत इंदौरी साहब तकरीबन छह से सात बार रीवा आए और उनके लिए जश्ने राहत इंदौरी नाम का मुशायरा कार्यक्रम कराया गया था. उनका कहना है कि जिस तरह से राहत साहब के लिए जश्ने राहत इंदौरी का आयोजन किया जाता था. अब मेरी कोशिश रहेगी की उनके लिए यादें राहत इंदौरी का भी आयोजन हो सके.