रीवा। जिला पंचायत कार्यालय में मंगलवार को समन्वय समिति की बैठक हुई. इस दौरान दिनभर yवाल होता रहा. बैठक में शमिल होने पहुंचे गुढ़ स्थित वार्ड 15 के जिला पंचायत सदस्य ने जिला पंचायत CEO सौरभ संजय सोनवणे पर बैठक के दौरान सदस्यता रद्द करने की धमकी देने का आरोप लगाया है. सदस्य ने अपने समर्थकों के साथ बैठक वाले कक्ष से बाहर आकर जिला पंचायत कार्यलय परिसर में खड़े CEO की कार के सामने लेट कर विरोध जाहिर किया. इस बीच काफी देर तक चले हंगामे के बाद जब जिला पंचायत CEO अपने कार्यालय से कहीं बाहर जाने के लिए निकले तो सदस्य ने उन पर वाहन चढ़ाने के प्रयास का आरोप लगाया.
जिला पंचायत सदस्य की CEO से बहस : बैठक में जिला पंचायत CEO समेत कई जिला पंचायत सदस्य शामिल हुए. बैठक के दौरान गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 15 जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी भी उपस्थित थे. जिला पंचायत सदस्य ने स्थानीय मुद्दे को लेकर CEO के समक्ष अपनी बात रखी. तभी किसी बात को लेकर जिला पंचायत CEO और जिला पंचायत सदस्य के बीच बहस हो गई. जिला पंचायत सदस्य लालमणि का आरोप है कि CEO ने उनकी सदस्यता रद्द करने की धमकी दी है.
कार के सामने लेट गए : बैठक के बाद जिला पंचायत सदस्य अपने समर्थकों के साथ बाहर आ गए. इसके बाद वह CEO की कार की सामने जाकर लेट गए. काफी देर तक चले हंगामे के बाद जिला पंचायत CEO कहीं जाने के लिए अपने कार्यालय से बाहर निकले. जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी का आरोप है कि पहले तो बैठक के दौरान CEO ने सदस्यता रद्द करने की धमकी दी. फिर जाते वक्त कार में बैठकर ड्राइवर से कार आगे बढ़ावा दी. आरोप है कि कार के सामने लेट कर विरोध कर रहे जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी घायल हो गए.
जिला पंचायत सदस्य ने लगाए आरोप : जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने मीडिया से चर्चा करते हुए जिला पंचायत CEO पर गंभीर आरोप लगाए. जिला पंचायत सदस्य ने कहा की CEO ने उन्हे बैठक के दौरान सदस्यता रद्द करने की धमकी दी. इसके बाद बाहर धरने के दौरान कार में बैठकर उनके ड्राइवर से कार चढ़वाने के लिए कहा. कार आगे बढ़ी और वह घायल हो गए. जिला पंचायत सदस्य नीलमणि त्रिपाठी की मांग है कि जब तक जिला पंचायत CEO को निलंबित कर यहां से नहीं हटाया जाता तब तक वह परिसर में ही कार्यलय में धरने पर बैठे रहेंगे.
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CEO ने सभी आरोपों को बताया गलत : इस मामले जिला पंचायत CEO का कहना है "उन्हें नहीं लगता कि ऐसा कुछ है. पंचायत सदस्य नीचे धरने पर बैठे हुए थे. मैं खुद गाड़ी से नीचे उतर कर उन्हें उठाने गया था. मेरे द्वारा उन्हें काफी समझाने की प्रयास किया गया. जब वह नहीं उठे तो मैं खुद पैदल चलकर वहां से वीडियो कांफ्रेंसिंग शामिल होने चला गया. जिला पंचायत सदस्य द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. बैठक के दौरान नीलमणि त्रिपाठी ने कड़े लहजे से बात की थी. जिस पर उनके द्वारा नाराजगी जाहिर की गई थी."