रीवा। एमपी में बच्चों को वैक्सीनेशन जारी है. लेकिन इसे लेकर लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. दरअसल टीका लगने के बाद एक बच्ची की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया. लेकिन अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर छात्रा का इलाज करने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसकी हालत और बिगड़ गई जिस पर संज्ञान लेते हुए दूसरे दिन कलेक्टर ने छात्रा का इलाज शुरू कराया.
रीवा जिला अस्पताल की संवेदनहीनता!
सेमरिया तहसील क्षेत्र अंतर्गत भोलगढ़ गांव से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां वैक्सीन (Children vaccination in rewa) लगवाने के बाद स्कूल की एक छात्रा की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उसे उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन यहां पर संवेदनहीनता दिखाते हुए अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने इसे पुलिस केस बताकर छात्रा का इलाज करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई. तब मामले पर संज्ञान लेते हुए दूसरे दिन कलेक्टर ने डॉक्टरों की टीम भेज कर छात्रा का इलाज शुरू कराया.
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इंजेक्शन की घबराहट से हुई बेहोश- डॉक्टर
बता दें कि संजना साकेत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 10 वीं की छात्रा है. परिजनों का कहना है कि सोमवार को वैक्सीन लेकर घर आने के बाद छात्रा बेहोश हो गई. जिसके बाद उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर्स ने पुलिस केस बताकर उसका इलाज करने से मना कर दिया. ऐसे में बिना इलाज के ही छात्रा के परिजन उसे लेकर अपने घर चले गए. इस बात की जानकारी जब कलेक्टर इलैया राजा टी को हुई तो दूसरे दिन सुबह डॉक्टरों की एक टीम को ग्राम पंचायत भोलगढ़ भेजा गयी जहां पहले छात्रा का प्राथमिक उपचार किया गया और बाद में उसे संजयगांधी अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया. हालांकि मेडिकल कॉलेज के डीन इलाज से लौटाए जाने की बात नकार रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्ची की हालत में सुधार है और वैक्सीन लगवाने के बाद वह थोड़ी घबरा गई थी जिसकी वजह से उसकी तबीयत खराब हुई है.