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MP High Court News : त्यौंथर से विंध्य जनता पार्टी के प्रत्याशी के जिला बदर करने के आदेश पर 20 नवंबर तक लगाई रोक

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने विंध्य जनता पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी को राहत प्रदान की है. इस प्रत्याशी को 7 नवंबर को जिला बदर घोषित किया गया था.

MP High Court News
प्रत्याशी के जिला बदर करने के आदेश पर 20 नवंबर तक लगाई रोक
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 10, 2023, 3:07 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने रीवा के त्यौंथर विधानसभा सीट से विंध्य जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण कुमार गौतम के खिलाफ जारी जिला बदर के आदेश पर 20 नवंबर तक रोक लगा दी है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 20 नवंबर के बाद जिला दंडाधिकारी के आदेश के खिलाफ अपील पेश करने की स्वतंत्रता दी है. एकलपीठ ने संभागायुक्त को अपील पर सुनवाई के बाद निराकरण करने के निर्देश दिये हैं.

याचिका में ये जानकारी दी : रीवा निवासी अरुण गौतम की ओर से यह मामला दायर किया गया. जिसमें आरोप है जिला दंडाधिकारी सत्ताधारी दल के पक्ष में काम कर रहे हैं और प्रत्याशी को चुनाव लडऩे से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. आवेदक की ओर से बताया गया कि कई साल पुराने मामले में पुलिस अधीक्षक ने 19 अक्टूबर को कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी. जिला दंडाधिकारी ने 26 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता 3 नवंबर को जिला दंडाधिकारी की कोर्ट में हाजिर हुए और आपत्ति प्रस्तुत की.

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7 नवंबर को जारी हुआ आदेश : याचिका में बताया गया कि इस मामले में इससे पहले उन्होंने पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट मांगी, जो उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई. वहीं शासन की ओर से बताया गया कि 7 नवंबर को जिला बदर का आदेश जारी किया गया. जिस पर न्यायालय ने रिकार्ड मांगा तो कहा गया कि रिकार्ड बुलवाना पड़ेगा. जिस पर न्यायालय ने जिला बदर के आदेश पर रोक लगा दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजमणि मिश्रा ने पक्ष रखा. बता दें कि हाल ही में इंदौर बेंच में एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें कोर्ट ने एआईएमआईएम प्रत्याशी को चुनाव प्रचार करने की राहत प्रदान की थी.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने रीवा के त्यौंथर विधानसभा सीट से विंध्य जनता पार्टी के प्रत्याशी अरुण कुमार गौतम के खिलाफ जारी जिला बदर के आदेश पर 20 नवंबर तक रोक लगा दी है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 20 नवंबर के बाद जिला दंडाधिकारी के आदेश के खिलाफ अपील पेश करने की स्वतंत्रता दी है. एकलपीठ ने संभागायुक्त को अपील पर सुनवाई के बाद निराकरण करने के निर्देश दिये हैं.

याचिका में ये जानकारी दी : रीवा निवासी अरुण गौतम की ओर से यह मामला दायर किया गया. जिसमें आरोप है जिला दंडाधिकारी सत्ताधारी दल के पक्ष में काम कर रहे हैं और प्रत्याशी को चुनाव लडऩे से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. आवेदक की ओर से बताया गया कि कई साल पुराने मामले में पुलिस अधीक्षक ने 19 अक्टूबर को कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी. जिला दंडाधिकारी ने 26 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता 3 नवंबर को जिला दंडाधिकारी की कोर्ट में हाजिर हुए और आपत्ति प्रस्तुत की.

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7 नवंबर को जारी हुआ आदेश : याचिका में बताया गया कि इस मामले में इससे पहले उन्होंने पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट मांगी, जो उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई. वहीं शासन की ओर से बताया गया कि 7 नवंबर को जिला बदर का आदेश जारी किया गया. जिस पर न्यायालय ने रिकार्ड मांगा तो कहा गया कि रिकार्ड बुलवाना पड़ेगा. जिस पर न्यायालय ने जिला बदर के आदेश पर रोक लगा दी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजमणि मिश्रा ने पक्ष रखा. बता दें कि हाल ही में इंदौर बेंच में एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें कोर्ट ने एआईएमआईएम प्रत्याशी को चुनाव प्रचार करने की राहत प्रदान की थी.

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