रीवा। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव आज अपने एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे, जहां पर उन्होंने तकरीबन 6 करोड़ 13 लाख रुपये की लागत से बने विधि महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया, जिसके बाद मंत्री ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए उनके नाम पर विधि महाविद्यालय का नामकरण किए जाने की घोषणा की. इस दौरान मंत्री ने विधि महाविद्यालय में पंच वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू करने की भी बात कही. कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, सांसद जनार्दन मिश्रा सहित विधायक दिव्यराज सिंह उपस्थित रहे.
वहीं इस दौरान मंत्री मोहन यादव ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि शिक्षा से ही रोजगार मिलेगा, ये गलत है. कांग्रेस की सरकार में मैकाले की शिक्षा नीति लागू की गई थी कि डिग्री के बाद ही नौकरी मिलेगी. हमारा कहना है कि शिक्षा से उसका खुद का कॉन्फिडेंस भी बढ़ना चाहिए. वह स्वयं का व्यवसाय भी कर सकें, तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन खाली डिग्री के लिए कोई पढ़ना चाहता है, तो डिग्रियों देने का जमाना अब चला गया. नई शिक्षा नीति में अब इसकी कोई गुंजाइश नहीं है.
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जीतू पटवारी पर किया पलटवार
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा भाजपा में अंतर्कलह को लेकर दिए गए बयान पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस ढंग का जीवन जिया, वो हमारे सामने है. सरकार अगर गई है, तो सबसे बड़ा कारण वही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी अंतर कलह को भी भली-भांति जानते हैं.
विधि महाविद्यालय का लोकार्पण
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का आज रीवा दौरा सुनियोजित किया गया, जहां पर उनके द्वारा विधि महाविद्यालय में तकरीबन 6 करोड़ 13 लाख रुपये की लागत से बने नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया गया. विश्वविद्यालय के पार्किंग शेड का भी शिलान्यास किया गया. इस दौरान मंत्री मोहन यादव अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए, जहां पर उनके द्वारा विशिष्ट कार्य के लिए छात्रों को सम्मानित किया गया.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर होगा विश्वविद्यालय- उच्च शिक्षा मंत्री
आयोजित कार्यक्रम के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालय का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने की घोषणा की. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना बलिदान दिया. ऐसे में इस महाविद्यालय के नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए. इसके अलावा मंत्री ने कहा कि रीवा में बनी विधि महाविद्यालय में जल्द ही पंचवर्षीय पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी.