रीवा। जिले की कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति चिकित्सालय और जिला अस्पताल परिसर में दुकान बनाने और उसे आवंटित करने के मामले में लाखों रुपए के घोटाला सामने आया है. जिला अस्पताल परिसर में रोगी कल्याण समिति ने 36 दुकानें बनवानी थीं, लेकिन 36 की जगह 48 दुकान बनवा डाली. इसके बाद भी आवंटन में कुछ अनियमितताएं की गई हैं. माना जा रहा है कि रिश्तेदारों के नाम पर दुकानों का आवंटन करा दिया गया. रीवा कलेक्टर ने इसे संज्ञान में ले लिया है और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
आरोप है कि तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ एसके त्रिपाठी ने इस निर्माण में भी अनियमितता की थी. 36 की जगह 48 दुकानें बनवा दी और बाद में इसके आवंटन में भी अनियमितता की गई. आरोप ये भी है कि डॉ. एसके त्रिपाठी ने खुद के परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम करीब आठ दुकानें करा ली थी.
दरअसल, दुकान आवंटन के मामले में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे. मामले में जांच भी बैठी, लेकिन जांच को दबा दिया गया और जांच अभी तक फाइलों में ही सीमित है. खास बात ये है कि आरोपी जीएस कुछ ही दिनों में अपने कार्यकाल से रिटायर हो जाएंगे. हालांकि तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने मामले में जांच बैठक बुलाई थी. डॉक्टर एस के त्रिपाठी की कारगुजारी की जानकारी लगाने के बाद दुकान आवंटन के सारे रिकॉर्ड भी खंगाले थे, लेकिन उसके बाद उनका स्थानांतरण होने के बाद यह पूरा मामला दबा दिया गया.
फिलहाल रीवा कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने इस बात को फिर संज्ञान में लिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा मामला आया तो था लेकिन फिर उसके बाद में जांच नहीं हुई. इस मामले की एक बार फिर जांच कराएंगे और जो भी उचित पहलू सामने आएंगे उसे मीडिया के सामने रखा जाएगा.