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बेटा होगा या बेटी बताने का अपराध कर रहा था डॉक्टर, लिंग परीक्षण करते रंगेहाथ गिरफ्तार

स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने अग्रवाल नर्सिंग होम के पास बने नर्सिंग होम के मालिक के घर में छापा मारा.टीम ने घर में दबिश देकर डॉक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

डॉक्टर अरुण अग्रवाल
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Published : Jul 5, 2019, 8:59 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 9:06 PM IST

रीवा। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने अग्रवाल नर्सिंग होम के पास बने नर्सिंग होम के मालिक के घर में छापा मारा. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नर्सिंग होम के मालिक डॉक्टर अरुण अग्रवाल लिंग परीक्षण करते हुए रंगेहाथ पकड़ा है.

रीवा कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को अग्रवाल नर्सिंग होम में लिंग परीक्षण होने की शिकायत मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों की शिकायत की जांच करने व सही पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की.

डॉक्टर के घर छापा


योजना के तहत महिला थाना प्रभारी आराधना सिंह ने अपनी टीम के साथ नर्सिंग होम पहुंची. आराधना सिंह की टीम में एक महिला प्रेगनेंट थी. प्लान के मुताबिक नर्सिंग होम में वो एक दलाल से मिलीं, जिससे उन्होंने लिंग परीक्षण को लेकर चर्चा की. दलाल ने छह हजार रुपए में लिंग परीक्षण करवाने की बात कही. दूसरे दिन जब महिला अपने बच्चे का लिंग परीक्षण कराने पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम दबिश देकर डॉक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

टीम का कहना है कि सोनोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन और उसे चलाने वाले का रजिस्ट्रेशन कलेक्ट्रेट से होता है, लेकिन मशीन और संचालक दोनों का ही रजिस्ट्रेशन नहीं है. पुलिस ने कहा कि मशीन को जप्त किया जाएगा. जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.

रीवा। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने अग्रवाल नर्सिंग होम के पास बने नर्सिंग होम के मालिक के घर में छापा मारा. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नर्सिंग होम के मालिक डॉक्टर अरुण अग्रवाल लिंग परीक्षण करते हुए रंगेहाथ पकड़ा है.

रीवा कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव को अग्रवाल नर्सिंग होम में लिंग परीक्षण होने की शिकायत मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों की शिकायत की जांच करने व सही पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापामार कार्रवाई की.

डॉक्टर के घर छापा


योजना के तहत महिला थाना प्रभारी आराधना सिंह ने अपनी टीम के साथ नर्सिंग होम पहुंची. आराधना सिंह की टीम में एक महिला प्रेगनेंट थी. प्लान के मुताबिक नर्सिंग होम में वो एक दलाल से मिलीं, जिससे उन्होंने लिंग परीक्षण को लेकर चर्चा की. दलाल ने छह हजार रुपए में लिंग परीक्षण करवाने की बात कही. दूसरे दिन जब महिला अपने बच्चे का लिंग परीक्षण कराने पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम दबिश देकर डॉक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

टीम का कहना है कि सोनोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन और उसे चलाने वाले का रजिस्ट्रेशन कलेक्ट्रेट से होता है, लेकिन मशीन और संचालक दोनों का ही रजिस्ट्रेशन नहीं है. पुलिस ने कहा कि मशीन को जप्त किया जाएगा. जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी.

Intro:कलेक्टर के निर्देश के बाद प्रशासन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने शहर के संचालित अग्रवाल नर्सिंग होम के बगल में बने संचालक के घर में आज सुबह दबिश देकर लिंग परीक्षण करते डॉक्टर अरुण अग्रवाल को धर दबोचा पुलिस ने अपनी एक महिला सब इंस्पेक्टर को लिंग परीक्षण करने भेजा था जिसके बाद डॉक्टर रंगे हाथ पकड़ा गया





Body:अग्रवाल नर्सिंग होम में गुप्त रूप से लिंग परीक्षण होने की शिकायत कलेक्टर रीवा ओमप्रकाश श्रीवास्तव से की गई थी जिस पर एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों की शिकायत की जांच करने व सही पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की एक संयुक्त टीम पूरे मामले की पड़ताल में लग गई..


प्रशासन ने पड़ताल की जिम्मेदारी महिला थाना को सौंपी जिसके बाद महिला थाना प्रभारी आराधना सिंह ने अपने साथी मित्र सब इंस्पेक्टर चित्रांगना सिंह जिनको करीब 5 माह का गर्भ है के साथ अग्रवाल नर्सिंग होम पहुंची और सोनोग्राफी कराने के संदर्भ में चर्चा की नर्सिंग होम में उन्हें एक दलाल मिला जिससे लिंग परीक्षण को लेकर सारी चर्चा हुई और ₹6000 में बात पक्की हुई आज सुबह 9:00 से 10:00 के बीच में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था और जैसे ही डॉक्टर ने सोनोग्राफी करना शुरू किया पूरी टीम मौके पर पहुंचकर डॉक्टर को धर दबोचा...


अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ अरुण अग्रवाल द्वारा बगल में ही बने अपने घर के एक कमरे में लिंग परीक्षण करते थे जबकि कार्यवाही कर रही टीम ने बताया कि हर सोनोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन और उसे चलाने वाले का रजिस्ट्रेशन कलेक्ट्रेट से होता है लेकिन ना तो मशीन का रजिस्ट्रेशन है और ना संचालक का उन्होंने बताया कि प्रसव पूर्व निदान तकनीकी 1994 के तहत कार्रवाई की जा रही है मशीन को जप्त किया जाएगा और जांच उपरांत जो उचित कार्रवाई होगी की जाएगी..

बाइट 1 विकास सिंह एसडीएम रीवा
बाइट 2 आर एस पांडे सीएमएचओ रीवा


Conclusion:कहने को तो भ्रूण परीक्षण तथा भ्रूण हत्या दंडनीय अपराध है मगर आज भी प्रशासनिक कमजोरी के बीच ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं जहां भ्रूण हत्या आम हो गई है एक और जहां सरकारें अपने दावे के बीच यह वादे करती हैं कि अब अपने शासनकाल में यह अपराध बिल्कुल बनसा हो चुका है मगर फिर भी अब तक यह तस्वीर बदलती दिखाई नहीं दे रही हैं तथा सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.. अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन किस तरह से कठोर कदम उठाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करता है और कब तक इन हत्यारों के धंधे बंद होते हैं..
Last Updated : Jul 5, 2019, 9:06 PM IST
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