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डेंगू-मलेरिया की चपेट में गांव, हाथ पर हाथ धरे बैठा है स्वास्थ्य अमला - chmo r s pandey

रीवा जिले की नई बस्ती इलाके में लोग डेंगू-मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं. वहीं लोगों का कहना है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग उनकी परेशानियों को लेकर आंखें मूंदे है.

गांव में फैली गंदगी
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Published : Sep 16, 2019, 12:38 PM IST

रीवा। भारी बारिश और बाढ़ के हालात झेल रहे रीवा के लोग अब डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. पडरा स्थित नई बस्ती इलाके में रहने वाले कई लोग डेंगू-मलेरिया से पीड़ित हैं, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

डेंगू-मलेरिया की चपेट में गांव

स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के चलते इलाके में जगह-जगह पानी भर गया है. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. जिससे इलाके में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं. आलम ये है कि बस्ती के घर-घर में मलेरिया के मरीज मौजूद हैं. वहीं कई लोग डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से भी पीड़ित हैं.

स्थानीयों ने आरोप लगाया है कि इतनी गंभीर स्थिति होने बावजूद प्रशासन का कोई नुमाइंदा उन्हें देखने नहीं आया है. बस्ती में मच्छरों की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया है.

सूत्रों की मानें तो मलेरिया विभाग की टीमें शहर के वार्डों में गई ही नहीं. महज कागजी कार्रवाई करके शासन को रिपोर्ट सौंप दी गई है. इतना ही नहीं मच्छरों से बचने के लिए प्रशासन द्वारा दी जाने वाली मच्छरदानी भी लोगों तक नहीं पहुंची.

वहीं रीवा सीएचएमओ आर एस पांडे का कहना है कि विभाग को इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली थी. अब मामला सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय कर्मचारियों को इलाके का सर्वे करने के निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं डेंगू से पीड़ित रोगियों की जानकारी जुटाई जा रही है.

रीवा। भारी बारिश और बाढ़ के हालात झेल रहे रीवा के लोग अब डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. पडरा स्थित नई बस्ती इलाके में रहने वाले कई लोग डेंगू-मलेरिया से पीड़ित हैं, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

डेंगू-मलेरिया की चपेट में गांव

स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के चलते इलाके में जगह-जगह पानी भर गया है. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. जिससे इलाके में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं. आलम ये है कि बस्ती के घर-घर में मलेरिया के मरीज मौजूद हैं. वहीं कई लोग डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से भी पीड़ित हैं.

स्थानीयों ने आरोप लगाया है कि इतनी गंभीर स्थिति होने बावजूद प्रशासन का कोई नुमाइंदा उन्हें देखने नहीं आया है. बस्ती में मच्छरों की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया है.

सूत्रों की मानें तो मलेरिया विभाग की टीमें शहर के वार्डों में गई ही नहीं. महज कागजी कार्रवाई करके शासन को रिपोर्ट सौंप दी गई है. इतना ही नहीं मच्छरों से बचने के लिए प्रशासन द्वारा दी जाने वाली मच्छरदानी भी लोगों तक नहीं पहुंची.

वहीं रीवा सीएचएमओ आर एस पांडे का कहना है कि विभाग को इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली थी. अब मामला सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय कर्मचारियों को इलाके का सर्वे करने के निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं डेंगू से पीड़ित रोगियों की जानकारी जुटाई जा रही है.

Intro:एंकर- रीवा शहर मे इन दिनों डेंगू का प्रकोप बड़ा ही तेजी के साथ फ़ैल रहा है तथा पडरा स्थित नई बस्ती में एक ही परिवार के चार सदस्य इसके शिकार हो गए हैं.. मगर प्रशासनिक अमले को अब तक इसकी कोई सुध ही नहीं है...

Body:वी, ओ - रीवा के पड़रा नई बस्ती में डेंगू का कहर इस कदर देखने को मिल रहा है की एक ही परिवार के चार सदस्य इसकी चपेट में आ गए हैं तथा अब पूरे मोहल्ले में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई ... परंतु डेंगू के चिन्हित किए गए मरीजों के बाद भी स्वास्थ्य अमला अब तक वहां पर नहीं पहुंच पाया है... दरअसल पड़रा नई बस्ती में 4 लोगों को डेंगू होने के बाद उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है पड़रा मोहल्ले में डेंगू का कारण चारों तरफ फैली हुई गंदगी माना जा सकता है...

आपको बता दें यहां पर पानी निकासी के लिए कोई जगह नहीं है तथा बस्ती के लोग दहशत में जी रहे हैं ... उनका कहना है कि हर घर में बुखार का प्रकोप तेजी के साथ वायरल हो रहा है लेकिन मौके की स्थिति को देखने के लिए प्रशासन का कोई भी अमला अभी तक नहीं पहुंचा है और ना ही बस्ती के अंदर दवाई का छिड़काव किया गया है ..

बता दें राज्य शासन द्वारा मलेरिया की रोकथाम के लिए विभाग को करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए थे .. जिसमें जिले के ऐसे गांवों को चिन्हित कर मच्छर मारने का विशेष अभियान तथा दवाइयों का छिड़काव किया जाना था... इतना ही नहीं डेंगू जैसी बीमारी से बचने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए इसके लिए एनजीओ के माध्यम से मलेरिया विभाग ने लाखों रुपए खर्च किए थे जो मात्र कागजी घोड़ा साबित हुआ है ...

सूत्रों की माने तो मलेरिया विभाग द्वारा बनाई गई टीम के अधिकारी कर्मचारी चिन्हित गांव एवं शहर के वार्डों में गए ही नहीं शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है वह मात्र खानापूर्ति की गई है गौर करने वाली बात यह है कि जिले में अब तक 1 दर्जन से ज्यादा डेंगू के पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं ऐसे में विभाग द्वारा मच्छर मारने एवं दवा छिड़काव किए जाने में खर्च की गई राशि कागजों तक सिमट कर रह गई है....

इसके अलावा मलेरिया विभाग द्वारा ऐसे लोगों को मच्छरदानी का वितरण किया जाना था जिस गांव में मच्छरों का ज्यादा प्रकोप एवं मलेरिया डेंगू जैसी बीमारी होने का खतरा था बरसात के पूर्व विभाग द्वारा बनाई गई टीम द्वारा गांवों को चिन्हित भी किया गया था परंतु लाखों रुपए की खरीदी की गई मच्छरदानी लोगों में नहीं बटी गई और वह बाजार चली गई यह...

हालांकि मामले पर बात करने को लेकर जब हमारी टीम सीएमएचओ आर एस पांडे के पास पहुंची तो उन्होंने मामले पर स्पष्टता जाहिर करते हुए बताया है कि तमाम क्षेत्रों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है...

byte 1 स्थानीय
byte 2 स्थानीय
byte 3 स्थानीय
byte 4 आर एस पांडे
जिला अधिकारी स्वास्थ्य विभागConclusion:.....
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