रीवा। त्योंथर तहसील अंतर्गत बरहा पंचायत में ग्रामीण पिछले कई वर्षों से बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हैं, यहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए वो मोहताज हैं. यहां यातायात तो छोड़िए, अगर कोई बिमार पड़ जाए तो बदहाली ऐसी है कि एंबुलेंस भी न पहुंच पाए. ऐसी ही घटना गुरूवार को हुई जब एक महिला बीमार पड़ गई और मजबूर ग्रामीण उसे किसी तरह से खाट पर लिटाकर अस्पातल ले गए.
बताया जा रहा है कि वर्ष 1965 के बाद इस गांव में सड़क का निर्माण नहीं हुआ या यूं कहें कि सड़क का सुधार नहीं हुआ, जिस कारण लोग 55 वर्षों से ग्रामीण इसी सड़क से आवाजाही करने को मजबूर हैं. मासूम ग्रामीण भी पूरे साल तो इस सड़क पर चल के किसी तरह अपना गुजर बसर कर लेते है, लेकिन बरसात आते ही वो भगवान से प्रार्थना करने लगते हैं, कि कोई ऐसी आपात स्थिती न आए जिससे की उन्हें इस सड़क का उपयोंग करना पड़े.
गांव में बनी इस सड़क मे कई दो पहिया वाहन चालक भी घायल हो चुके है, वहीं यहां फैले कीचड़ के कारण बच्चे आए दिन इसमें गिर के घायल होते रहते हैं, लेकिन इनकी सुनन वाला कोई नहीं. हलांकि गुरूवार को हुई घटना के बाद जिला पंचायत सीईओ स्वपनिल वानखेड़े ने प्रस्ताव मंगाकर सड़क का काम कराने का आश्वासन दिया है.
मध्यप्रदेश में विकास और सड़क को लेकर हर रोज नए-नए दावे और वादे किए जाते हैं. मगर अब भी इन दावों के बदहाली की तस्वीर रीवा के बरहा पंचायत से सामने आई है. अब देखना होगा की शासन प्रशासन तक बात पहुंचने के बाद ग्रामीणों को कब तक इस समस्या से निजात मिल पाती है या नहीं.