रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा शहर में हवाला कारोबार से जुड़े लोगों के दर्जन भर खाते सामने आए हैं. जिसके माध्यम से सालों तक शहर में हवाला नेटवर्क चलता रहा है और किसी को भनक तक नहीं लग पाई. पूरे मामले में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसके आधार पर अब आगे जांच चल रही है.
बता दे कि, सहकारी बैंक घोटाले की जांच कर रही सीआईडी के हाथ हवाला कारोबार के सुराग लगे थे. सीआईडी लगातार इस मामले की जांच कर रही थी, शहर में पहले हवाला कारोबार का लिंक उनके हाथ लग गई. सीआईडी द्वारा आगे की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को सौप दिया गया है. जिसमें जल्द ही बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है.
हवाला कारोबारियों ने रीवा शहर के एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक एवं आईसीआईसीआई बैंक में दर्जन भर खाते अज्ञात लोगों के नाम से खोले थे. इन खातों के माध्यम से दो नंबर का पैसा ट्रांसफर होता था. सूत्रों की माने तो शिल्पी प्लाजा एवं दीप कॉम्प्लेक्स के कई व्यापारी इन खातों में रुपये डालते थे और कई कंपनियों से अपना सामान मंगवाते थे, जिससे उनके इनकम टैक्स एवं सेल टैक्स की बचत होती थी.
वहीं तीन अलग-अलग बैंकों में करीब दर्जन भर बेनामी खाते सीआईडी को मिले हैं. जिनमें लाखों रुपये डाले जाते थे, लेकिन खाता धारक का कोई अता-पता नहीं है. प्रारंभिक जांच में सीआईडी को 210 करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली है. ये पूरा फर्जीवाड़ा व्यापारियों एवं बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है.
लिहाजा अब इस पूरे मामले की जांच EOW को सौंपी गई है. EOW की टीम उन कंपनियों से पूछताछ करेगी, जिनको इन खातों से रुपये ट्रांसफर हुआ है. उन कंपनियों के खातों में रुपये वाइट मनी के रूप में गए हैं. उनसे पूछताछ के बाद रुपये जमा करने वाले व्यापारियों के चेहरे सामने आएंगे. लिहाजा इस पूरे मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. जिन्होंने बेनामी खातों का लंबे समय तक संचालन किया है.