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50 साल बाद चमकी किस्मत, करोड़पति बना रतलाम का कंगाल आदिवासी किसान, जानिए क्या है मामला?

रतलाम का एक आदिवासी किसान रातों-रात करोड़पति बन गया. एक झोपड़ी में रहने वाला किसान मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था. 50 सालों से चले आ रहे केस का निपटार होते ही आदिवासी के नाम 16 बीघा जमीन कर दी गई, जिसकी कीमत 7 करोड़ रुपए है.

50 साल बाद चमकी किस्मत
50 साल बाद चमकी किस्मत
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Published : Jul 12, 2021, 5:19 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 7:21 PM IST

रतलाम। क्या हो जब दाने-दाने को मोहताज कोई व्यक्ति अचानक से करोड़पति बन जाए. ऐसा रतलाम के एक किसान के साथ हुआ. यह किसान अचानक से करोड़ों रुपए कीमत की एक जमीन का मालिक बना गया. यह सब रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की कोशिशों के बाद मुमकिन हो पाया है.

50 साल से जमीन के लिए भटक रहा था परिवार

रतलाम शहर के पास बसे गांव सांवलिया रुंडी में रहने वाले आदिवासी थावर भामर को 50 सालों के बाद अपनी 16 बीघा जमीन मिल पाई है. एक कच्चे मकान में रहकर मजदूरी करने वाले थावर भामर को जो जमीन मिली है उसकी मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपए है. यह ज़मीन उसके पिता के नाम थी, जिसे 1960 में एक व्यक्ति ने धोखे से अपने नाम करवा ली थी. साल 1987 में कोर्ट से फैसला भी थावर के पक्ष में गया था, लेकिन इतने सालों तक थावर को यह जमीन नहीं मिल पाई.

कैसी थावर को मिली जमीन ?

थावर भामर के पिता दुधा भामर की 16 बीघा ज़मीन 1960 में एक व्यक्ति ने अपने नाम करवा ली थी. दुधा भामर की मौत के बाद बेटे थावर ने एसडीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 1987 में कोर्ट ने थावर के पक्ष में फैसला दिया लेकिन आगे की सरकारी प्रक्रिया नहीं हो पाई. यानी ज़मीन सरकारी रिकॉर्ड में थावर के नाम नहीं चढ़ पाई.

कलेक्टर ने दिलाया आदिवासी को हक

इस बीच थावर लगातार मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता रहा. उसके पारिवारिक हालात बद से बदतर होते चले गए. उसके चार भाइयों में से दो की मौत हो गई. मजदूरी करते-करते थावर की उम्र भी 70 साल हो गई है. कुछ दिनों पहले थावर भामर फिर से जमीन के कागज लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के पास पहुंचे. इस दौरान कलेक्टर ने थावर को 10 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया तो उन्हे लगा कि यह झूठा आश्वासन होगा. लेकिन 7 दिनों में ही कलेक्टर ने थावर को अपने दफ्तर बुलाकर ज़मीन के कागजात सौंप दिए.

7 करोड़ रुपए है जमीन की कीमत

इस जमीन को लेकर थावर का परिवार 50 सालों से परेशान था. कलेक्टर ने 7 दिनों में इस मामले का निपटारा करते हुए थावर के परिवार को जमीन के कागजात सौंप दिए. इस जमीन की मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपए है. यह जानकारी खुद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दी है.

रतलाम। क्या हो जब दाने-दाने को मोहताज कोई व्यक्ति अचानक से करोड़पति बन जाए. ऐसा रतलाम के एक किसान के साथ हुआ. यह किसान अचानक से करोड़ों रुपए कीमत की एक जमीन का मालिक बना गया. यह सब रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की कोशिशों के बाद मुमकिन हो पाया है.

50 साल से जमीन के लिए भटक रहा था परिवार

रतलाम शहर के पास बसे गांव सांवलिया रुंडी में रहने वाले आदिवासी थावर भामर को 50 सालों के बाद अपनी 16 बीघा जमीन मिल पाई है. एक कच्चे मकान में रहकर मजदूरी करने वाले थावर भामर को जो जमीन मिली है उसकी मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपए है. यह ज़मीन उसके पिता के नाम थी, जिसे 1960 में एक व्यक्ति ने धोखे से अपने नाम करवा ली थी. साल 1987 में कोर्ट से फैसला भी थावर के पक्ष में गया था, लेकिन इतने सालों तक थावर को यह जमीन नहीं मिल पाई.

कैसी थावर को मिली जमीन ?

थावर भामर के पिता दुधा भामर की 16 बीघा ज़मीन 1960 में एक व्यक्ति ने अपने नाम करवा ली थी. दुधा भामर की मौत के बाद बेटे थावर ने एसडीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 1987 में कोर्ट ने थावर के पक्ष में फैसला दिया लेकिन आगे की सरकारी प्रक्रिया नहीं हो पाई. यानी ज़मीन सरकारी रिकॉर्ड में थावर के नाम नहीं चढ़ पाई.

कलेक्टर ने दिलाया आदिवासी को हक

इस बीच थावर लगातार मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता रहा. उसके पारिवारिक हालात बद से बदतर होते चले गए. उसके चार भाइयों में से दो की मौत हो गई. मजदूरी करते-करते थावर की उम्र भी 70 साल हो गई है. कुछ दिनों पहले थावर भामर फिर से जमीन के कागज लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के पास पहुंचे. इस दौरान कलेक्टर ने थावर को 10 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया तो उन्हे लगा कि यह झूठा आश्वासन होगा. लेकिन 7 दिनों में ही कलेक्टर ने थावर को अपने दफ्तर बुलाकर ज़मीन के कागजात सौंप दिए.

7 करोड़ रुपए है जमीन की कीमत

इस जमीन को लेकर थावर का परिवार 50 सालों से परेशान था. कलेक्टर ने 7 दिनों में इस मामले का निपटारा करते हुए थावर के परिवार को जमीन के कागजात सौंप दिए. इस जमीन की मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपए है. यह जानकारी खुद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दी है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 7:21 PM IST
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