रतलाम। मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर मॉडल एक्ट के विरोध में मंडी कर्मचारी संगठनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते आज रतलाम जिले के अरनिया लहसुन मंडी में घोष विक्रय बंद रहेगा, वहीं सब्जी मंडी में नीलामी कार्य चालू रहेगा. अफवाह के चलते किसान रविवार शाम को ही सब्जी के साथ लहसुन लेकर भी पहुंचे गए. जहां मंडी प्रशासन ने उन्हें हड़ताल का हवाला देते हुए वापस जाने के लिए कहा है. जिससे परेशान किसानों से मंडी परिसर में ही हंगामा करना शुरू कर दिया.
दो दिन पुरानी ट्रॉलियां पहले से ही मंडी में खड़ी थी, ऐसे में लहसुन से भरी ट्रॉलियों की संख्या बढ़ गई है. जिन्हें अरनिया मंडी में खड़ा करवाया गया है. साथ ही कहा गया कि हड़ताल है तो सभी अपनी ट्रॉली लेकर वापस लौट जाएं.
जिससे करीब 50 से अधिक किसान अपनी ट्रॉलियां लेकर हाइवे से होते हुए लहसुन मंडी की ओर निकले और हाइवे को जाम कर चक्काजाम करने की कोशिश की. इसकी सूचना मिलने पर शहर पुलिस थाने के जवान मंडी के गेट पर जमा हो गए और थोड़ी देर में ट्रॉलियों की लाइन लगना शुरू हो गई.
किसानों की इस समस्या की सूचना मिलने पर किसान नेता डीपी धाकड़, रमेश धाकड़, समरथ साहु अरनिया मंडी पहुंचे और दो-तीन दिन उपज लेकर आए किसानों को खाचरोद नाका मंडी की ओर रवाना किया.
किसानों का कहना था कि अरनिया मंडी बंद होने के चलते यहां चाय-पानी और अन्य सुविधाएं नहीं है. इसकी जानकारी जब नायब तहसीलदार आनंद जायसवाल, मंडी सचिव और मंडी निरीक्षक सुरेश शर्मा को हुई, तो उन्होंने किसान नेताओं से चर्चा की.
जिसके बाद खाचरोद नाका मंडी के गेट खोलकर करीब 250 ट्रॉलियों को अंदर लिया गया. हालांकि इनकी नीलामी नहीं होगी, लेकिन सौदा पत्रक के माध्यम से किसान चाहे तो अपना माल व्यापारियों को दे सकते हैं.
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मंडी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है. जिसके तहत प्रदेशभर की 259 मंडियां हड़ताल पर हैं, जिसने सब्जी विक्रेताओं और किसानों की समस्या बढ़ा दी हैं. कर्मचारी मॉडल एक्ट लागू किए जाने और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इस बीच दूसरे प्रदेशों से आने वाली सब्जियों से भरे ट्रक मंडियों में बिना खाली किए खड़े हैं, तो वहीं अपनी उपज बेचने आए किसानों के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गई है.