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संबल योजना के 77 हजार हितग्राही पाए गए अपात्र, बढ़ सकता है आंकड़ा

रतलाम जिले में संबल योजना के 77 हजार हितग्राही अपात्र पाये गये है. वही 31 अगस्त तक करीब 80 हजार हितग्राहियों का सत्यापन अब भी बाकी है, जिसमें अपात्र हितग्राहियों की संख्या बढ़ भी सकती है.

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Published : Aug 27, 2019, 7:37 PM IST

संबल योजना के 77 हजार हितग्राही पाए गए अपात्र

रतलाम। जिले में संबल योजना के तहत बने श्रमिक कार्डों के सत्यापन में अब तक कुल 77हजार हितग्राही श्रमिक अपात्र पाए गए है. ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं, क्योंकि अभी 80 हजार श्रमिकों का सत्यापन किया जाना बाकी है. अपात्र हितग्राहियों को संख्या एक लाख के पार पहुंच सकती है.

संबल योजना के 77 हजार हितग्राही पाए गए अपात्र
खासबात यह है की शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों मे अपात्र हितग्राहियों की संख्या 3 हजार के मुकाबले 74 हजार है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने संबल योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का श्रमिक पंजीयन कर सस्ती बिजली और अन्य लाभ हितग्राहियों को दिए थे, जिसका लाभ उठाकर हजारों अपात्र हितग्राहियों ने भी श्रमिक कार्ड बनवाऐ थे, जिसमें जिले के 77 हजार हितग्राही अपात्र पाये गये हैं.

रतलाम। जिले में संबल योजना के तहत बने श्रमिक कार्डों के सत्यापन में अब तक कुल 77हजार हितग्राही श्रमिक अपात्र पाए गए है. ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं, क्योंकि अभी 80 हजार श्रमिकों का सत्यापन किया जाना बाकी है. अपात्र हितग्राहियों को संख्या एक लाख के पार पहुंच सकती है.

संबल योजना के 77 हजार हितग्राही पाए गए अपात्र
खासबात यह है की शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों मे अपात्र हितग्राहियों की संख्या 3 हजार के मुकाबले 74 हजार है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने संबल योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का श्रमिक पंजीयन कर सस्ती बिजली और अन्य लाभ हितग्राहियों को दिए थे, जिसका लाभ उठाकर हजारों अपात्र हितग्राहियों ने भी श्रमिक कार्ड बनवाऐ थे, जिसमें जिले के 77 हजार हितग्राही अपात्र पाये गये हैं.
Intro:रतलाम जिले में संबल योजना के दौरान बने श्रमिक कार्डों के सत्यापन में अब तक 77हजार हितग्राही श्रमिक अपात्र पाए गए है।वही 31अगस्त तक करीब 80 हजार हितग्राहियों का सत्यापन अब भी बाकी है।जिसमें अपात्र हितग्राहियों की संख्या बढ़ सकती है।खासबात यह है की शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों मे अपात्र हितग्राहियों की संख्या 3 हजार के मुकाबले 74 हजार है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने संबल योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का श्रमिक पंजीयन करवा कर सस्ती बिजली और अन्य लाभ हितग्राहियों को दिए थे। जिसका लाभ उठाकर हजारों अपात्र हितग्राहियों ने भी श्रमिक कार्ड बना लिए थे। जिस पर मौजूदा सरकार योजना का नाम परिवर्तन कर हितग्राहियों का सत्यापन करवा रही है ।जिसमें जिले के 77 हजार हितग्राही अपात्र पाये गये है।


Body:दरअसल मध्य प्रदेश की पूर्व सरकार ने संबल योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का श्रमिक पंजीयन करवा कर सस्ती बिजली और अन्य लाभ हितग्राहियों को दिए थे। जिसका लाभ उठाकर हजारों अपात्र हितग्राहियों ने भी श्रमिक कार्ड बना लिए थे। जिस पर मौजूदा सरकार योजना का नाम परिवर्तन कर हितग्राहियों का सत्यापन करवा रही है ।जिसमें जिले के 77 हजार हितग्राही अपात्र पाये गये है।वही 31अगस्त तक करीब 80 हजार हितग्राहियों का सत्यापन अब भी बाकी है।जिसमें अपात्र हितग्राहियों की संख्या बढ़ भी सकती है।खासबात यह है की शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों मे अपात्र हितग्राहियों की संख्या 3 हजार के मुकाबले 74 हजार है।


Conclusion:वही जिले मे अब भी 80 हजार हित्ग्राहियों का सत्यापन किया जाना बाकी है जिसमें अपात्र हितग्राहियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

बाइट 01 आर एस लोधी (सहायक श्रम अधिकारी)
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