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86 बार रक्तदान कर चुके 58 साल के गोविंद काकानी, रक्तदान में शतक लगाने का है इरादा - सेहतमंद

रतलाम में रक्तदान की मुहीम चलाने वाले 58 साल के गोविंद सिंह 86 बार रक्तदान कर चुके हैं. समाजसेवी गोविंद काकानी रक्तदान का शतक लगाना चाहते है.

86 बार रक्तदान कर चुके 58 साल के गोविंद काकानी
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Published : Sep 3, 2019, 2:49 AM IST

रतलाम। जिले में रक्तदान की मुहिम चलाने वाले समाजसेवी गोविंद काकानी वर्षों से हजारों युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं. 58 वर्ष के गोविंद काकानी अब तक अपने जीवन काल में 86 बार रक्तदान कर युवाओं के सामने नई मिसाल पेश की है. समाजसेवी गोविंद काकानी का कहना है कि 86 बार रक्तदान करने की वजह से आज 58 वर्ष की उम्र में भी वह सेहतमंद बने हुए हैं.

86 बार रक्तदान कर चुके 58 साल के गोविंद काकानी


समाजसेवी गोविंद काकानी पढ़ाई के लिए 1980 में पुणे गए थे, जहां रक्तदान से जुड़ी हुई सामाजिक संस्था से प्रभावित होकर पहली बार रक्तदान किया था. इसके बाद रतलाम पहुंचकर मानव सेवा समिति के साथ रक्तदान मुहिम में शामिल होकर अब तक मानव सेवा में जुटे हुए हैं.


गोविंद काकानी अब तक 86 बार रक्तदान कर चुके हैं और रक्तदान का शतक लगाना चाहते है. काकानी स्कूल कॉलेज के युवाओं को खुद अपना उदाहरण देकर रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. बहरहाल, समाजसेवी गोविंद काकानी रक्तदान और मानव सेवा के पुनीत कार्य को बखूबी निभाते हुए रक्तदान के शतक की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं युवा पीढ़ी के लिए भी रक्तदान और मानव सेवा की नई मिसाल तैयार कर रहे हैं.

रतलाम। जिले में रक्तदान की मुहिम चलाने वाले समाजसेवी गोविंद काकानी वर्षों से हजारों युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं. 58 वर्ष के गोविंद काकानी अब तक अपने जीवन काल में 86 बार रक्तदान कर युवाओं के सामने नई मिसाल पेश की है. समाजसेवी गोविंद काकानी का कहना है कि 86 बार रक्तदान करने की वजह से आज 58 वर्ष की उम्र में भी वह सेहतमंद बने हुए हैं.

86 बार रक्तदान कर चुके 58 साल के गोविंद काकानी


समाजसेवी गोविंद काकानी पढ़ाई के लिए 1980 में पुणे गए थे, जहां रक्तदान से जुड़ी हुई सामाजिक संस्था से प्रभावित होकर पहली बार रक्तदान किया था. इसके बाद रतलाम पहुंचकर मानव सेवा समिति के साथ रक्तदान मुहिम में शामिल होकर अब तक मानव सेवा में जुटे हुए हैं.


गोविंद काकानी अब तक 86 बार रक्तदान कर चुके हैं और रक्तदान का शतक लगाना चाहते है. काकानी स्कूल कॉलेज के युवाओं को खुद अपना उदाहरण देकर रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. बहरहाल, समाजसेवी गोविंद काकानी रक्तदान और मानव सेवा के पुनीत कार्य को बखूबी निभाते हुए रक्तदान के शतक की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं युवा पीढ़ी के लिए भी रक्तदान और मानव सेवा की नई मिसाल तैयार कर रहे हैं.

Intro:रतलाम जिले में रक्तदान की मुहिम चलाने वाले समाजसेवी गोविंद काकानी वर्षों से हजारों युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 58 वर्ष के गोविंद काकानी अब तक अपने जीवन काल में 86 बार रक्तदान कर युवाओं के सामने नई मिसाल तेयार कर रहे है। समाजसेवी गोविंद काकानी का कहना है कि 86 बार रक्तदान करने की वजह से आज 58 वर्ष की उम्र में भी वह सेहतमंद बने हुए हैं। काकानी युवाओं को अपना उदाहरण देकर रक्तदान के प्रति उनका संकोच दूर करते है। और अधिक से अधिक रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं।


Body:दरअसल समाजसेवी गोविंद काकानी पढ़ाई के लिए 1980 में पुणे गए थे। जहां रक्तदान से जुड़ी हुई सामाजिक संस्था से प्रभावित होकर पहली बार रक्तदान किया था। जिसके बाद रतलाम पहुंचकर मानव सेवा समिति के साथ रक्तदान मुहिम में शामिल होकर अब तक मानव सेवा में जुटे हुए हैं।58 वर्ष के गोविंद काकानी अब तक अपने जीवन काल में 86 बार रक्तदान कर चुके हैं और रक्तदान का शतक लगाने की उनकी चाहत है। काकानी स्कूल कॉलेज के युवाओं को खुद अपना उदाहरण देकर रक्तदान के लिए प्रेरित करते है।


Conclusion:बहरहाल समाजसेवी गोविंद काकानी रक्तदान और मानव सेवा के पुनीत कार्य को बखूबी निभाते हुए रक्तदान के शतक की और बढ़ रहे हैं। वही युवा पीढ़ी के लिए भी रक्तदान और मानव सेवा की नई मिसाल तैयार कर रहे हैं।


बाइट _01_ गोविंद काकानी (समाजसेवी एवं रक्तदाता)
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