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निजी कंपनी के खिलाफ मजदूरों ने किया प्रदर्शन, बिना बताए नौकरी से निकाल दिया

राजगढ़ जिले के पीलूखेड़ी में बनी एक कोल्ड ड्रिंक्स कंपनी ने कई मजदूरों बिना बताए को नौकरी से निकाल दिया. जिसके बाद मजदूरों ने प्रदर्शन करते हुए कंपनी के मालिक के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. मजदूरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आने वाले समय में आंदोलन करेंगे.

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राजगढ़ न्यूज
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Published : Sep 8, 2020, 6:08 PM IST

राजगढ़। जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में स्थित कोल्ड ड्रिंक्सबनाने वाली कंपनी ने कोरोनाकाल में सैकड़ों मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया. जिसके बाद आज मजदूरों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप है कि वर्करों को एक-एक कर कंपनी बाहर का रास्ता दिखा रही है जिसके विरोध में आज बड़ी संख्या में मजदूरों ने एकत्रित होकर कंपनी के सामने प्रदर्शन किया तथा अपना ज्ञापन फैक्ट्री प्रबंधन को सौंपा.

निजी कंपनी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन

क्या है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि इस कंपनी में पिछले कई सालों से स्थानीय मजदूर काम करते आ रहे हैं. लेकिन अब कंपनी ने कारखानें में धीरे-धीरे आटोमेटिक मशीन को बढ़ा दी. जिसके बाद मजदूरों को धीरे-धीरे कंपनी ने नौकरी से निकालना शुरु कर दिया. जबकि एक-एक मजदूर से तीन तीन वर्करों का काम करवाया जा रहा है. मजदूरों का आरोप है कि जब से कंपनी ने मजदूरों के लिए ड्यूटी नियम बदले हैं तब से हमें रोजाना ड्यूटी नहीं मिल रही है और न ही पर्याप्त वेतन मिल रहा है. जिससे घर की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि उन्हे यहा काम करते हुए 10 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. इसलिए कंपनी हमे ऐसे बिना किसी कारण से नहीं निकाल सकती है. जबकि उन्हें भारत सरकार के नियमों के मुताबिक सभी कैजुअल वर्करों को ग्रेजुएटी की राशि भारत सरकार के नियम अनुसार दी जाए. जबकि 18 महीने का एलटीएस एरियर भी दिया जाए. जबकि सभी मजदूरों की पीएफ की राशि की समस्या का निराकरण भी शीघ्र किया जाए. वही जब मजदूरों की समस्या पर कंपनी के यूनिट हेड केके गिरी से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया.

राजगढ़। जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में स्थित कोल्ड ड्रिंक्सबनाने वाली कंपनी ने कोरोनाकाल में सैकड़ों मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया. जिसके बाद आज मजदूरों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप है कि वर्करों को एक-एक कर कंपनी बाहर का रास्ता दिखा रही है जिसके विरोध में आज बड़ी संख्या में मजदूरों ने एकत्रित होकर कंपनी के सामने प्रदर्शन किया तथा अपना ज्ञापन फैक्ट्री प्रबंधन को सौंपा.

निजी कंपनी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन

क्या है पूरा मामला

बताया जा रहा है कि इस कंपनी में पिछले कई सालों से स्थानीय मजदूर काम करते आ रहे हैं. लेकिन अब कंपनी ने कारखानें में धीरे-धीरे आटोमेटिक मशीन को बढ़ा दी. जिसके बाद मजदूरों को धीरे-धीरे कंपनी ने नौकरी से निकालना शुरु कर दिया. जबकि एक-एक मजदूर से तीन तीन वर्करों का काम करवाया जा रहा है. मजदूरों का आरोप है कि जब से कंपनी ने मजदूरों के लिए ड्यूटी नियम बदले हैं तब से हमें रोजाना ड्यूटी नहीं मिल रही है और न ही पर्याप्त वेतन मिल रहा है. जिससे घर की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है.

मजदूरों का कहना है कि उन्हे यहा काम करते हुए 10 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. इसलिए कंपनी हमे ऐसे बिना किसी कारण से नहीं निकाल सकती है. जबकि उन्हें भारत सरकार के नियमों के मुताबिक सभी कैजुअल वर्करों को ग्रेजुएटी की राशि भारत सरकार के नियम अनुसार दी जाए. जबकि 18 महीने का एलटीएस एरियर भी दिया जाए. जबकि सभी मजदूरों की पीएफ की राशि की समस्या का निराकरण भी शीघ्र किया जाए. वही जब मजदूरों की समस्या पर कंपनी के यूनिट हेड केके गिरी से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया.

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