राजगढ़। जिले बड़ी मात्रा में गेहूं की खरीदी की गई है, लेकिन गेहूं का परिवहन नहीं हो पाने और स्थान नहीं होने के चलते उसे खरीदी केंद्रों पर भी खुले में रखा गया है, ऐसे में मौसम प्रतिदिन खराब होने से गेहूं के खराब होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. करीब 9 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं खुले में पड़ा हुआ है, जबकि 28 लाख क्विंटल का परिवहन हो गया है.
इस बार की स्थिति में15 अप्रैल को शुरू हुई खरीदी 31 मई तक जारी रही. 60 हजार से अधिक किसानों ने अपना गेहूं सरकार को बेचा है, अधिक आवक और खरीदी के बाद अब गेहूं का परिवहन नहीं हो पा रहा है. जानकारी के अनुसार जिले में 37 लाख 10 हजार125 क्विंटल गेहूं का परिवहन किया जाना है. जिसमें से अभी तक 28 लाख 10 हजार 65 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका है और 9 लाख 64 हजार 65 क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है.
केंद्रों पर खुले में जो गेहूं पड़ा है उसको ढकने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. जिसके कारण यहां पर गेहूं के भीगने का खतरा बना रहता है, पिछले साल भी ऐसी घटनाएं देखने को मिली थीं कि अचानक आई बारिश की वजह से गेहूं बारिश में भीग गया था. जिले के कई हिस्सों में लाखों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है, जो लगातार प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है. अगर गेहूं पानी से भीगता है तो सरकार को लाखों का नुकसान होगा.
प्रबंधक बीएम गुप्ता ने बताया कि अभी गेहूं समितियों के पास मे रखा हुआ है और इसकी जिम्मेदारी उनकी है कि वे इस को सुरक्षित रखें. जब तक किसानों को भुगतान नहीं हो जाता है समितियां गेहूं को सुरक्षित रखेगीं. आने वाले दिनों में स्टोरेज के लिए होशंगाबाद एवं रायसेन जिले में गेहूं को भिजवाया जाएगा.