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तीन साल पहले हुई हत्या के आरोपियों को उम्रकैद, लाठी-डंडों से किया था हमला - बड़ीगंगापाट गांव में हत्या

राजगढ़ जिले के बड़ीगंगापाट गांव में तीन साल पहले हुई हत्या के मामले में जिला सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसके तहत पांच आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ ही 12, 500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है.

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तीन साल पहले हुई हत्या के आरोपियों को उम्रकैद
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Published : Dec 13, 2019, 1:54 PM IST

राजगढ़। जिले के बड़ीगंगापाट गांव में तीन साल पहले हुई हत्या के मामले में जिला सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसके तहत पांच आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ ही 12500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. आरोपियों पर 29 अगस्त 2016 को एक व्यक्ति की हत्या और मृतक के परिवार पर जानलेवा हमला करने का आरोप था.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी मोर सिंह, कमल, कैलाश, बाबरू और कंचन ने मृतक अमर सिंह पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया था. इस दौरान उन्हें बचाने आए अमर सिंह के बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया गया. जिससे वो बुरी तरह घायल हो गए, जबकि अमर सिंह की मौत हो गई थी. जिसके बाद आरोपियों पर हत्या, हत्या का प्रयास और बलवा जैसी कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया की प्रथम परीक्षण के दौरान गवाहों ने आरोपियों के खिलाफ बयान दिया था. लेकिन एक साल बाद जब दूसरा परीक्षण हुआ तो गवाह पलट गए. जिसके बाद अभियोजन पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के सुरेंद्र तिवारी पर दिए हुए फैसले को न्यायाधीश के सामने रखा. जिसे कोर्ट ने सही माना और आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई.

राजगढ़। जिले के बड़ीगंगापाट गांव में तीन साल पहले हुई हत्या के मामले में जिला सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसके तहत पांच आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ ही 12500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. आरोपियों पर 29 अगस्त 2016 को एक व्यक्ति की हत्या और मृतक के परिवार पर जानलेवा हमला करने का आरोप था.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी मोर सिंह, कमल, कैलाश, बाबरू और कंचन ने मृतक अमर सिंह पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया था. इस दौरान उन्हें बचाने आए अमर सिंह के बच्चों पर भी जानलेवा हमला किया गया. जिससे वो बुरी तरह घायल हो गए, जबकि अमर सिंह की मौत हो गई थी. जिसके बाद आरोपियों पर हत्या, हत्या का प्रयास और बलवा जैसी कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया की प्रथम परीक्षण के दौरान गवाहों ने आरोपियों के खिलाफ बयान दिया था. लेकिन एक साल बाद जब दूसरा परीक्षण हुआ तो गवाह पलट गए. जिसके बाद अभियोजन पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के सुरेंद्र तिवारी पर दिए हुए फैसले को न्यायाधीश के सामने रखा. जिसे कोर्ट ने सही माना और आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई.

Intro:राजगढ़ जिला सत्र न्यायालय ने हत्या और हत्या के प्रयास के लिए 5 लोगों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की दी सजा, 29 अगस्त 2016 की घटना पर राजगढ़ न्यायालय ने सुनाया फैसला राजगढ़ के कालीपीठ थाना क्षेत्र का मामला


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में के राजगढ़ जिला सत्र न्यायालय द्वारा 5 लोगो को हत्या, हत्या का प्रयास एवं बलवा कार्य करने के अपराध में आजीवन कारावास की सजा व ₹12500 अर्थदंड से दंडित किया गया है।

भाई इस बारे में जिला लोक अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि 29 अगस्त को 2016 को प्रेम सिंह ने थाना कालीपीठ में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि जिसमें कालीपीठ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बड़ीगंगापाट गाँव मे मोर सिंह कमल कैलाश बाबरू और कंचन ने मिलकर उसके पिताजी अमर सिंह को फरसी ,लाठी, बलम से मारकर हत्या कर दी थी, वहीं इनके बीच बचाव में आई उनकी लड़की और लड़की की लड़की करने आए थे तब इन लोगों ने उन पर भी जानलेवा हमला किया था और उन लोगों को भी घायल कर दिया था, वहीं इसी में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शेख सलीम ने पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए उन पर हत्या एवं हत्या का प्रयास करने और सभी आरोपियों द्वारा बलवा कार्य करने का दोषी पाते हुए धारा 341, 147,148,323/149,307/149,302/149 भारतीय दंड संहिता में दोषी पाते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा एवं कुल ₹12500 के अर्थदंड से दंडित किया है।


Conclusion:वहीं जहां मुख्य गवाही में गवाहों ने आरोपियों के विरुद्ध गवाही दी थी परंतु जब दूसरी बार प्रति परिक्षण गवाही हुई तो उसमें तकरीबन 1 साल का अंतराल आ गया था, वही जब इस 1 साल के अंतर्गत उन लोगों के बीच में रजामंदी हो गई थी, परंतु जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुज्जी उर्फ सुरेंद्र तिवारी मैं दिए गए फैसले को न्यायाधीश के समक्ष रखा तब न्यायाधीश ने इन आरोपियों को दंडित करते हुए इनके विरुद्ध में फैसला दिया।


विसुअल

न्यायलय के

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