राजगढ़। ब्यावरा में सीएए की रैली के दौरान हुआ थप्पड़ कांड का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इस मामले में स्थानीय स्तर पर एक जांच रिपोर्ट पुलिस और राजस्व ने भेज दी है, लेकिन इस मामले की गंभीरता से जांच के लिए शासन के दो वरिष्ठ अधिकारी बुधवार को राजगढ़ पहुंचे. जिन्होंने इस पूरे मामले की गहनता से जांच की. हालांकि इस मामले में किसी भी तरह की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. वहीं जांच रिपोर्ट भोपाल ले जाने की बात कहीं है.
भोपाल से आए जांच अधिकारी सुबह राजगढ़ पहुंचे और पहले उन्होंने पुलिस द्वारा भेजी गई जांच की सत्यता को जांचा. इस दौरान उन्होंने एएसआई नरेश शर्मा के भी बयान लिए, हालांकि शर्मा ने बयान में अधिकारियों को क्या बताया यह गोपनीय रखा गया. इस संबंध में शर्मा ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया, जबकि राजस्व विभाग द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट को लेकर दोपहर तीन बजे के बाद एक बार फिर जांच की गई. कलेक्ट्रेट में इस पूरे मामले से जुड़े हुए विभिन्न अधिकारियों से पूछताछ की गई. जो घटना के दौरान वहां मौजूद थे और जो इस घटना से जुड़े हुए हैं. इस घटना को लेकर लगातार राजनीति हो रही है.
ये है मामला-
सीएए के समर्थन में पिछले माह 19 जनवरी को जिले के ब्यावरा में भाजपा ने एक रैली निकाली थी. इस दौरान कलेक्टर ने इस रैली को धारा 144 जिले में लगी होने के कारण अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद भी जब यह रैली निकाली गई तो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया था, इसको लेकर जहां भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गाव और राकेश सिंह ने ब्यावरा पहुंचकर एक बड़ी सभा करते हुए मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
यह मामला थम भी नहीं पाया कि कुछ दिन बाद एक एएसआई नरेश शर्मा ने भी कलेक्टर निधि निवेदिता पर आरोप लगाते हुए उन्हें भी थप्पड़ मारने की एसपी को शिकायत की थी. जिसको लेकर पिछले दिनों सौम्या अग्रवाल और एडीएम ने की गई जांच को शासन को भेजा था. दोनों ही अधिकारियों द्वारा की गई जांच रिपोर्ट अलग-अलग होने को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए, इस पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों का एक पैनल बनाया. उन्हें जांच के लिए राजगढ़ भेजा. इस टीम में नगरी प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे और एडीजी उपेंद्र जैन शामिल हैं.