राजगढ़ । मध्यप्रदेश सरकार भले ही बेहतर और सुविधाओं सहित शिक्षा देने के बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. राजगढ़ जिले के ग्राम टांडकला में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में पानी की सुविधा नहीं है. यहां तक की छात्रों को पीने का पानी तक नसीब नहीं होता. छात्र अपने साथ घर से पानी की एक-एक बोतल लेकर निकलते हैं, जब वो एक बोतल पानी खत्म हो जाता है तो पूरे दिन प्यासे रहते हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये नौनिहाल प्यासे रहकर कैसे पढ़ाई करते होंगे.
स्कूल से पानी लेने जाना पड़ता है घर
छात्रों की मानें तो वो ढाई साल से पानी की समस्या को लेकर अधिकारियों को आवेदन दे रहे है लेकिन जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. लिहाजा छात्रों को स्कूल में पानी की समस्या से हर रोज दो चार होना पड़ता है. हैरानी की बात ये है कि स्कूल में जब बच्चों का पानी खत्म हो जाता है तो वो एक से दो किलोमीटर दूर घर पानी लेने जाते हैं. अगर नहीं जाएंगे तो प्यासे रहना पड़ेगा. छात्रों ने बताया कि पूरे दिन में वो दो बार स्कूल से घर पानी लेने जाते है.
ढाई सालों से दे रहे है अधिकारियों को आवेदन
वहीं स्कूल में पदस्थ शिक्षिका पुष्पा शाक्य ने बताया कि स्कूल में बिजली और पानी की बहुत समस्या है. यहां पर बच्चे डेढ़-दो किलोमीटर दूर से आते हैं और सिर्फ एक बोतल पानी लाते हैं, जो पूरे स्कूल के समय के लिए पर्याप्त नहीं होता है, वहीं पास में जो हेडपंप था वह बिल्कुल टूट चुका है. इस बारे में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को सूचित नहीं लेकिन आज तक शिकायत का निवारण नहीं हुआ.
नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़
वहीं जब जिला शिक्षा अधिकारी से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई समस्या होगी ती उसकी जानकारी मांगा लेंगे और अगर कही ऐसी समस्या है तो उसका निराकरण करेंगे. लिहाजा जिला शिक्षा अधिकारी के बयान से ये साफ झलकता है कि जब उन्हें टांडकला में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्र ढाई साल से आवेदन दे रहे है तो आज तक उनका ध्यान क्यों नहीं गया. क्या शिक्षा के नाम पर बड़े-बड़े दावों से ही नौनिहालों का भविष्य बन जाएगा.