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आज भी नातरा और झगड़ा कुप्रथा का दंश झेल रही बच्चियां, पढ़ने लिखने की उम्र में सहनी पड़ती है प्रताड़ना

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Published : Sep 21, 2020, 1:52 PM IST

बाल विवाह का मामला सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई तो होती है, लेकिन राजगढ़ जिले में नातरा और झगड़ा प्रथा आज भी खुलेआम चल रही है. जिससे न जाने कितनी लड़कियां पढ़ने लिखने की उम्र ही प्रताड़ना सहती रहती है. देखिए नातरा और झगड़ा कुप्रथा पर ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट....

Natara-jhagda custom ruining lifes of girls
नातरा और झगड़ा कुप्रथा

राजगढ़। एक तरफ भारत को डिजिटल तौर पर सशक्त बनाने की कवायद की जा रही है. देश आधुनिक और शिक्षा के क्षेत्र में भी तरक्की कर रहा है, लेकिन अभी भी हमारे समाज में कई ऐसे कुप्रथाएं हैं जो दंश बनकर बैठी है. राजगढ़ और आसपास के कई जिलों में भी एक ऐसी कुप्रथा है जो किसी मानव तस्करी से कम नहीं है. जिसे नातरा और झगड़ा प्रथा के नाम से जाना जाता है. जो महिलाओं, बच्चियों और युवतियों के साथ उनके परिजनों के लिए अभिशाप है.

नातरा और झगड़ा कुप्रथा

केंद्र सरकार ने देश में ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने के लिए एक विधेयक संसद से पास करवाया था. विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर आरोपी पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. वहीं बाल विवाह पर भी सरकार ने कानून बनाया है. बाल विवाह का मामला सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होती है, लेकिन राजगढ़ में नातरा और झगड़ा प्रथा आज भी खुलेआम चल रही है.

क्या है नातरा/ झगड़ा प्रथा

इस प्रथा की के मुताबिक लड़के-लड़कियों का विवाह उनका विवाह बचपन में ही कर देते हैं. जब दोनों समझदार होते हैं तो वे एक-दूसरे कई बार रहना पसंद नहीं करते या एक दूसरे को समझ नहीं पाते. ज्यादातर मामलों में लड़का लड़की को छोड़ देता है या उससे छुटकारा पाने मारपीट और से प्रताड़ित करता है. जिसके बाद लड़की खुद ही पति का घर छोड़कर माता पिता के घर चली जाती है. इस दौरान जब लड़की के माता पिता बच्ची की शादी कही और करना चाहते है तो इस स्थिति में लड़के का पक्ष लड़की के नए पति या पिता से मन चाही रकम मांगता है जिसे झगड़ा कहते है. राशि वसूलने के बाद वह दूसरी शादी कर लेता है.

नाबालिग को झेलना पड़ रहा कुप्रथा का दंश

झगड़ा प्रथा झेल रही एक नाबालिग ने बताया कि उसके पिता की मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके रिश्तेदारों ने उसकी और उसकी बहन की सगाई छोटी उम्र में ही जबरदस्ती करवा दी. इसके एवज में लड़का पक्ष ने उससे पैसे भी लिए हैं. बच्ची का कहना है कि उसकी मां दूसरों के घरों में काम करके दोनों बहनों को पढ़ा रही है. ऐसे में वो शादी कर के लड़के के घर नहीं जाना चाहती. नाबालिग के माना करने पर लड़का पक्ष उन्हें डराता धमकाता है और उठा कर ले जाने की बात कहते है. वहीं सगाई टूटने पर लड़का पक्ष झगड़ा प्रथा के तहत पैसा मांगने की धमकी देता है. लड़की कहना है कि इतनी कम उम्र वह शादी नहीं करना चाहती और उसे अभी पढ़ाई करना है.

समाज सेविका ने सरकार से की अपील

इस मामले में समाज सेविका मोना सुस्तानी बताती है कि यह प्रथा बिल्कुल एक मानव तस्करी की तरह बन चुकी है. जिसमें आजकल के लोगों के लिए यह काफी आसान बात हो चुकी है कि शादी करो और फिर छोड़ दो. फिर लड़की वालों से एक मोटी रकम मांगो. उनका कहना है कि राजगढ़ जिले में और आसपास के क्षेत्र के साथ राजस्थान में यह प्रथा फैल चुकी है. मोना सुस्तानी ने बताया कि जब मां बाप बच्ची का बाल विवाह करते है, उसके बाद बड़े होने पर किसी कारण से लड़का अगर लड़की को छोड़ देता है. इसके बाद जब माता पिता बच्ची की दूसरी शादी कराना चाहते है तो इस स्थिति पहला पति और उसके घरवाले लाखों रुपए की मांग करते है और पैसे नहीं देने की स्थिति में लड़का पक्ष लड़की के घरवालों को परेशान करता है.

मोना सुस्तानी का कहना है कि जैसे ट्रिपल तलाक और सती प्रथा के खिलाफ सरकार ने कानून बनाया है वैसे ही नातरा और झगड़ा प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर इसे बंद करना चाहिए. क्योंकि अब यहां के लोगों के लिए यह आसान हो गया है. लड़की से शादी करो उसे छोड़ों और मन चाहे पैसे मांगों नहीं तो लड़की से मारपीट करते है. उन्होनें सरकार से गुहार लगाई है कि इस पर कड़ा कानून बनना चाहिए और इस कुप्रथा को बंद कराना चाहिए.

राजगढ़। एक तरफ भारत को डिजिटल तौर पर सशक्त बनाने की कवायद की जा रही है. देश आधुनिक और शिक्षा के क्षेत्र में भी तरक्की कर रहा है, लेकिन अभी भी हमारे समाज में कई ऐसे कुप्रथाएं हैं जो दंश बनकर बैठी है. राजगढ़ और आसपास के कई जिलों में भी एक ऐसी कुप्रथा है जो किसी मानव तस्करी से कम नहीं है. जिसे नातरा और झगड़ा प्रथा के नाम से जाना जाता है. जो महिलाओं, बच्चियों और युवतियों के साथ उनके परिजनों के लिए अभिशाप है.

नातरा और झगड़ा कुप्रथा

केंद्र सरकार ने देश में ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने के लिए एक विधेयक संसद से पास करवाया था. विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर आरोपी पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है. वहीं बाल विवाह पर भी सरकार ने कानून बनाया है. बाल विवाह का मामला सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होती है, लेकिन राजगढ़ में नातरा और झगड़ा प्रथा आज भी खुलेआम चल रही है.

क्या है नातरा/ झगड़ा प्रथा

इस प्रथा की के मुताबिक लड़के-लड़कियों का विवाह उनका विवाह बचपन में ही कर देते हैं. जब दोनों समझदार होते हैं तो वे एक-दूसरे कई बार रहना पसंद नहीं करते या एक दूसरे को समझ नहीं पाते. ज्यादातर मामलों में लड़का लड़की को छोड़ देता है या उससे छुटकारा पाने मारपीट और से प्रताड़ित करता है. जिसके बाद लड़की खुद ही पति का घर छोड़कर माता पिता के घर चली जाती है. इस दौरान जब लड़की के माता पिता बच्ची की शादी कही और करना चाहते है तो इस स्थिति में लड़के का पक्ष लड़की के नए पति या पिता से मन चाही रकम मांगता है जिसे झगड़ा कहते है. राशि वसूलने के बाद वह दूसरी शादी कर लेता है.

नाबालिग को झेलना पड़ रहा कुप्रथा का दंश

झगड़ा प्रथा झेल रही एक नाबालिग ने बताया कि उसके पिता की मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके रिश्तेदारों ने उसकी और उसकी बहन की सगाई छोटी उम्र में ही जबरदस्ती करवा दी. इसके एवज में लड़का पक्ष ने उससे पैसे भी लिए हैं. बच्ची का कहना है कि उसकी मां दूसरों के घरों में काम करके दोनों बहनों को पढ़ा रही है. ऐसे में वो शादी कर के लड़के के घर नहीं जाना चाहती. नाबालिग के माना करने पर लड़का पक्ष उन्हें डराता धमकाता है और उठा कर ले जाने की बात कहते है. वहीं सगाई टूटने पर लड़का पक्ष झगड़ा प्रथा के तहत पैसा मांगने की धमकी देता है. लड़की कहना है कि इतनी कम उम्र वह शादी नहीं करना चाहती और उसे अभी पढ़ाई करना है.

समाज सेविका ने सरकार से की अपील

इस मामले में समाज सेविका मोना सुस्तानी बताती है कि यह प्रथा बिल्कुल एक मानव तस्करी की तरह बन चुकी है. जिसमें आजकल के लोगों के लिए यह काफी आसान बात हो चुकी है कि शादी करो और फिर छोड़ दो. फिर लड़की वालों से एक मोटी रकम मांगो. उनका कहना है कि राजगढ़ जिले में और आसपास के क्षेत्र के साथ राजस्थान में यह प्रथा फैल चुकी है. मोना सुस्तानी ने बताया कि जब मां बाप बच्ची का बाल विवाह करते है, उसके बाद बड़े होने पर किसी कारण से लड़का अगर लड़की को छोड़ देता है. इसके बाद जब माता पिता बच्ची की दूसरी शादी कराना चाहते है तो इस स्थिति पहला पति और उसके घरवाले लाखों रुपए की मांग करते है और पैसे नहीं देने की स्थिति में लड़का पक्ष लड़की के घरवालों को परेशान करता है.

मोना सुस्तानी का कहना है कि जैसे ट्रिपल तलाक और सती प्रथा के खिलाफ सरकार ने कानून बनाया है वैसे ही नातरा और झगड़ा प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर इसे बंद करना चाहिए. क्योंकि अब यहां के लोगों के लिए यह आसान हो गया है. लड़की से शादी करो उसे छोड़ों और मन चाहे पैसे मांगों नहीं तो लड़की से मारपीट करते है. उन्होनें सरकार से गुहार लगाई है कि इस पर कड़ा कानून बनना चाहिए और इस कुप्रथा को बंद कराना चाहिए.

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