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कैसे पढ़ेंगे, कैसे बढ़ेंगे, राजगढ़ के इस गांव में शिक्षा का बुरा हाल, समय से पहले ही चले जाते हैं शिक्षक

राजगढ़ जिले के ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में अनियमितताएं देखने को मिली हैं. जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया ने रियालिटी चेक करने की बात कही है.

ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में दिखी अनियमितता
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Published : Oct 19, 2019, 9:25 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 10:22 AM IST

राजगढ़। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर जालपा माता मंदिर के पास स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल ज्वालापुरा में काफी अनियमितताएं देखने को मिल रही है. यहां शिक्षकों की लापरवाही की शिकायतें बार-बार आ रही हैं. दरअसल यहां स्कूल का समय 10:30 से 4:30 है, लेकिन शिक्षक एक घंटे पहले ही चले जाते हैं.

ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में दिखी अनियमितता

ज्यादातर गरीब बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने आते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में शिक्षक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. जब स्कूल में बच्चों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मैडम तो जा चुकी हैं, जबकि उस समय स्कूल बंद होने का समय नहीं हुआ था.

इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि कल वे खुद जाकर उस स्कूल का जायजा लेंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर शिक्षिका पर कार्रवाई की जाएगी.

एक ओर जहां मध्यप्रदेश शासन और भारत सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में सुविधाएं मुहैया कराता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छे शिक्षक भी नियुक्त करता है, लेकिन स्कूलों में जब शिक्षक ही नियम का पालन नहीं करेंगे, तो फिर बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा, ये सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

राजगढ़। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर जालपा माता मंदिर के पास स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल ज्वालापुरा में काफी अनियमितताएं देखने को मिल रही है. यहां शिक्षकों की लापरवाही की शिकायतें बार-बार आ रही हैं. दरअसल यहां स्कूल का समय 10:30 से 4:30 है, लेकिन शिक्षक एक घंटे पहले ही चले जाते हैं.

ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में दिखी अनियमितता

ज्यादातर गरीब बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने आते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर ज्वालापुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में शिक्षक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. जब स्कूल में बच्चों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मैडम तो जा चुकी हैं, जबकि उस समय स्कूल बंद होने का समय नहीं हुआ था.

इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि कल वे खुद जाकर उस स्कूल का जायजा लेंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर शिक्षिका पर कार्रवाई की जाएगी.

एक ओर जहां मध्यप्रदेश शासन और भारत सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में सुविधाएं मुहैया कराता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छे शिक्षक भी नियुक्त करता है, लेकिन स्कूलों में जब शिक्षक ही नियम का पालन नहीं करेंगे, तो फिर बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा, ये सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

Intro:जिले में स्कूल में भारी अनियमिता,समय से पूर्व बन्द हो जाते है जिले के स्कूल,बच्चों की पढ़ाई का हो रहा नुकसान,जिला मुख्यालय से सिर्फ 5 किमी दूर ही दिख रही है अनियमितता,नही शिक्षकों को किसी का ख़ौफ़


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर जालपा माता मंदिर के नजदीक स्थित शा.प्रा. वि. ज्वालापुरा में काफी अनियमितताएं देखने को मिल रही है ,जहां मध्यप्रदेश शासन और भारत सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में काफी अनुकूल वातावरण देने की कोशिश करता है और अनेक सुविधाएं मुहैया कराता है और वही बच्चों को अच्छे से शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए वह अच्छे अच्छे शिक्षक स्कूलों में नियुक्त करता है, परंतु स्कूलों में जब शिक्षक ही अनियमितता दिखाएंगे ,तो बच्चों की पढ़ाई किस प्रकार होगी और बच्चा किस प्रकार अपनी शिक्षा में अव्वल आ पाएगा ।
वही जहां शिक्षक अगर प्राइमरी का हो और वह छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई करवाता हो तो यह और अति महत्वपूर्ण हो जाता है ,कि वह बच्चों के ऊपर और ज्यादा ध्यान दें ,क्योंकि कुम्हार जैसे अपने कच्चे घड़े को किसी भी आकार में डालकर बना सकता है वैसे ही प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाला शिक्षक छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनको एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकता है। परंतु जब शिक्षक में ही अनियमितता देखी जाएगी तो बच्चों का भविष्य किस प्रकार रोशन होगा ,यह सब एक प्रश्न चिन्ह है ,वही अच्छे भविष्य के लिए गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने आते हैं परंतु जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर शा.प्रा. वि. ज्वालापुरा स्कूल में शिक्षकों द्वारा काफी भारी अनियमितता देखने को मिली, स्कूल की रियलिटी चेक की गई तो वहां पर वह समय से पूर्व ही स्कूल को छोड़कर चले गए और जब उनके स्कूल में जाकर देखा तो कुछ बच्चे वहां पर उपस्थित थे और बाई वहां पर झाड़ू लगा रही थी और उस स्कूल में पढ़ाने वाली दोनों शिक्षिका वहां से जा चुकी थी।
वहीं जहां स्कूलों का समय 10:30 से 4:30 तक का है परंतु शा.प्रा. वि. ज्वालापुरा में शिक्षिका 3.30 बजे ही स्कूल छोड़ कर चली गई।


Conclusion:वहीं जब इस बारे में वहां पर उपस्थित बच्चों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैडम तो जा चुकी है वहीं उनके नजदीक स्कूल में झाड़ू लगाने वाली बाई ने उनको टोका तो उन्होंने कहा कि शिक्षिका अभी गई है और उस समय 3:30 का समय हो रहा था।

वहीं जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी बी एस बिसोरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कल मैं खुद जाकर हूं उस स्कूल की रियलिटी चेक करूंगा और अगर शिक्षिका द्वारा अनियमितता पाई जाती है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी ।


विसुअल

खाली स्कूल के

बाइट

स्कूली छात्रा की

बीएस बिसोरिया जिला शिक्षा अधिकारी
Last Updated : Oct 19, 2019, 10:22 AM IST
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