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देसी नस्ल के पशुओं के प्रोत्साहन के लिए गोपालवंश प्रतियोगिता

देसी पशुओं के महत्व को समझते हुए प्रदेश में गोपालवंश प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. प्रतियोगिता का उद्देश्य देसी गाय और भैंस के दूध के मापकों के आधार पर किसानों को पुरस्कृत करना है.

राजगढ़ में गोपालवंश पुरुस्कार प्रतियोगिता का आयोजन
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Published : Nov 16, 2019, 12:25 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 1:20 PM IST

राजगढ़। देसी नस्ल के पशुओं के लेकर किसान धीरे-धीरे उदासीन होते जा रहे हैं. यही कारण है कि देसी पशुओं की मांग में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है. जिसके चलते किसान देसी पशुओं को बेच रहा है या आवारा घूमने के लिए छोड़ रहे हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार गोपालवंश प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उन पशुओं को प्रोत्साहित करना है जो देसी नस्ल की हैं.

देसी नस्ल के पशुओं के प्रोत्साहन के लिए गोपालवंश प्रतियोगिता

पुरस्कार के जरिए प्रोत्साहन

पशु चिकित्सालय के उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पशु चिकित्सालय विकासखण्ड स्तर पर गोपालवंश पुरस्कार प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं. इसके तहत तीन दिन के औसत के हिसाब जो गाय या भैंस दूध के मामले में पहले स्थान पर आएगी. उस गाय या भैंस को पुरस्कार दिया जाएगा. उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पहले स्थान पर आने वाले को 10 हजार रुपये, दूसरे को साढ़े 7 हजार रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले को ढाई हजार रुपये दिए जाएंगे.

लोग भी रहेंगे स्वस्थ
बता दें कि दूध देने की क्षमता के अनुसार इस प्रतियोगिता में मापदंड रखा गया है. इसके साथ ही इस प्रतियोगिता का उद्देश्य जिले में देसी नस्ल की गायों और भैंसों को प्रोत्साहन देना और लोगों तक शुद्ध गाय और भैंसों का दूध पहुंचाना है.

राजगढ़। देसी नस्ल के पशुओं के लेकर किसान धीरे-धीरे उदासीन होते जा रहे हैं. यही कारण है कि देसी पशुओं की मांग में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है. जिसके चलते किसान देसी पशुओं को बेच रहा है या आवारा घूमने के लिए छोड़ रहे हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार गोपालवंश प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उन पशुओं को प्रोत्साहित करना है जो देसी नस्ल की हैं.

देसी नस्ल के पशुओं के प्रोत्साहन के लिए गोपालवंश प्रतियोगिता

पुरस्कार के जरिए प्रोत्साहन

पशु चिकित्सालय के उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पशु चिकित्सालय विकासखण्ड स्तर पर गोपालवंश पुरस्कार प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं. इसके तहत तीन दिन के औसत के हिसाब जो गाय या भैंस दूध के मामले में पहले स्थान पर आएगी. उस गाय या भैंस को पुरस्कार दिया जाएगा. उपसंचालक डॉ. ओपी गौर ने बताया कि पहले स्थान पर आने वाले को 10 हजार रुपये, दूसरे को साढ़े 7 हजार रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाले को ढाई हजार रुपये दिए जाएंगे.

लोग भी रहेंगे स्वस्थ
बता दें कि दूध देने की क्षमता के अनुसार इस प्रतियोगिता में मापदंड रखा गया है. इसके साथ ही इस प्रतियोगिता का उद्देश्य जिले में देसी नस्ल की गायों और भैंसों को प्रोत्साहन देना और लोगों तक शुद्ध गाय और भैंसों का दूध पहुंचाना है.

Intro:देशी पशुओं के महत्व को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में आयोजित की जाती है यह प्रतियोगिता, समस्त विकास खंडों में गोपालवंश पुरुस्कार प्रतियोगिता का किया गया आयोजन, देशी गाय और भैंसों को लेकर किसान पहुंचे प्रतियोगिता में


Body:जहां लगातार देशी पशुओं की मांग धीरे-धीरे घटती जा रही है और लगातार उनका महत्व कम होता जा रहा है और किसान लगातार अपने देसी पशुओं को या तो बेच रहा है या आवारा मवेशियों की तरह खुले में छोड़ रखा है वही इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता का आयोजन 2015 से लगातार किया जा रहा है, वहीं इसी योजना के अंतर्गत उन पशुओं को प्रोत्साहन दिया जाता है जिसमें किसान देसी नस्ल की गायों और भैसो को प्रोत्साहन देता है, वहीं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में भी इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया दो दिवसीय कार्यक्रम आज समाप्त हुआ और इसमें विभिन्न गांव से किसान अपने पशुओं को लेकर जिला मुख्यालय पर आया और अपने पशुओं को प्रतियोगिता में शामिल किया गया। वही इस प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न गांवों से आए गाय और भैंसों को सम्मिलित किया गया था और उनके दूध देने की क्षमता के अनुसार इस प्रतियोगिता में मापदंड रखा गया था और जिले में देसी नस्ल की गायों और भैंसों को प्रोत्साहन देने के लिए और जिले में शुद्ध गाय और भैंसों का दूध आम लोगों तक पहुंचे, इसके लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपने पशुओं को इस प्रतियोगिता में भाग लेते हुए उनके दूध देने के मापदंड से उनको पर परखा।


Conclusion:वही इस बारे में डॉक्टर ओपी गौर उपसंचालक पशु चिकित्सालय ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी गोपाल वंश पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विकासखंड से लेकर संभाग स्तरीय तक इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें विकासखंड प्रतियोगिता में तीन दिवसीय प्रतियोगिता रहती है जिसमें तीन समय का गाय और भैंस का दूध निकाल कर उनका औसत लिया जाता है और इसी के आधार पर उन किसानों की गाय और भैंसों को पुरस्कृत किया जाता है, जहां विकासखंड स्तर पर प्रथम आने वाली गाय और भैंस के मालिक को ₹10000 नगद राशि और प्रमाण पत्र दिया जाता है वही क्रम शाह द्वितीय और तृतीय को 7500 हजार और ₹5000 इनाम में दिए जाते हैं। वहीं इसी प्रकार जिला मुख्यालय पर भी विकास खंडों से चुनी हुई समस्त गाय और भैंसे लाई जाती है और उन सभी के बीच में दूध देने के मापदंड पर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जिसमें प्रथम और द्वितीय और तृतीय गाय और भैंसों को पुरस्कृत किया जाता है ,वही जिले से चयनित गाय और भैंसों को राज्य स्तरीय पर होने वाले प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजा जाता है और वहां पर प्रथम आने वाली गाय और भैंसों को ₹200000 के पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है माही देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को इस प्रतियोगिता के दौरान शाम को एक संगोष्ठी रखी जाती है जिसमें आए हुए किसानों को गाय और भैंसों का कैसे पालन करना चाहिए और कैसे क्या उन पर ध्यान दिया जाना चाहिए, इन सब बातों को लेकर उनको समझाइश दी जाती है।

विसुअल

जानवरों के

बाइट

डॉक्टर ओपी गौर उपसंचालक पशु चिकित्सालय
Last Updated : Nov 16, 2019, 1:20 PM IST
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