राजगढ़। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. यही वजह कि शिवराज सरकार किसानों और आम जनता से सीधे जुड़ना चाहती है. हाल ही में इसके लिए मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन फसल बीमा राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रासंफर भी की है, लेकिन राजगढ़ जिले की सुठालिया और खुजनेर तहसील के करीब 228 गांवों के हजारों किसानों को मायूसी हाथ लगी. बारिश से भारी नुकसान के बावजूद किसानों के खातों में बीमा राशि नहीं आई है, जिसके बाद जिले के किसानों और किसान नेताओं को सड़कों पर उतरना पड़ा.
किसानों ने दी चेतावनी, बीमा राशि नहीं मिलने पर होगा उग्र आंदोलन
बता दें कि बीमा सूचियों में सुठालिया तहसील के करीब 131 गांवों के नाम गायब हैं, जबकि खुजनेर के 97 गांवों के नाम सूची में नहीं है. इसी से नाराज होकर जिले में कई जगहों के साथ बिसोनिया, गींदोरहाट, बेडाबे, नागनटोड़ी, गोवर्धनपुरा के सैंकड़ों किसानों ने चक्काजाम कर दिया. किसानों के इस प्रदर्शन का नेतृत्व किसान नेता और पूर्व विधायक पुरुषोत्तम दांगी ने किया. पूर्व विधायक दांगी ने कहा कि कंपनियों ने किसानों का बीमा प्रीमियम तो काट लिया, लेकिन बीमा राशि ही नहीं मिली. ये पूरी तरह गलत है मुख्यमंत्री को तुरंत अधिकारियों को इस मामले में निर्देश देना चाहिए, ताकि किसानों को फसल का बीमा क्लेम मिल सकें. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम किसान भाइयों को मजबूरन उग्र आंदोलन करना पड़ेगा.
हजारों किसान बीमा राशि से वंचित
शुक्रवार को जिले के दो लाख 33 हजार 289 किसानों को 498 करोड़ 17 लाख 10 हजार 694 रुपए की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया गया. इसके लिए मुख्य कार्यक्रम जिला पंचायत सभाकक्ष में रखा था. जिसमें जिले के चिन्हित 17 किसानों को अतिथियों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा दावा राशि के पत्र प्रतीक स्वरूप वितरित किए गए, लेकिन सूची में सुठालिया तहसील के करीब 131 गांवों और खुजनेर तहसील के करीब 97 गांवों के हजारों किसानों के नाम गायब हैं. अब किसानों का विरोध और मामला बढ़ता देख कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
ब्यावरा सीट पर होना है उपचुनाव
कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी के निधन के बाद ब्यावरा विधानसभा सीट भी रिक्त घोषित कर दी गई है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग रिक्त 27 सीटों के साथ ब्यावरा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव करा सकते हैं. यही वजह है कि ब्यावरा में कांग्रेस और बीजेपी नेता सक्रिय हो गए हैं. पुरुषोत्तम दांगी दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं, हालांकि कांग्रेस ने साल 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान इनका टिकट काट दिया था. अब उपचुनाव में कांग्रेस टिकट को लेकर इनके नाम पर चर्चा कर रही है.