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ठंड के मौसम ने दी दस्तक, आयुर्वेदिक उपायों से रखें खुद को फिट

मध्यप्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही बीमारियों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. कुछ दिनों के बाद सर्दी अपने पूरे शबाब पर होगी, इसे देखते हुए आयुर्वेदिक डॉक्टर उमेश नागर ने लोगों को इससे बचने के कुछ टिप्स दिए.

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Published : Oct 30, 2019, 1:00 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 2:14 PM IST

ठंड से बचाव के लिए आयुर्वेदिक उपाय

राजगढ़। दीपावली खत्म हो चुकी है और अब ठंड के सीज़न ने भी दस्तक दे दी है. वहीं प्रदेश के कई जिलों में बारिश के कारण भी तापमान में गिरावट आई है. इस वजह से ठंड भी अभी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है और लोग बीमार हो रहे हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय हैं, जिन्हें ETV BHARAT से साझा किया डॉ उमेश नागर ने.

ठंड के मौसम ने दी दस्तक

आयुर्वेद में है सर्दी से बचने के उपाय

डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि सर्दी शुरू होने से पहले आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. सर्दियों के शुरू होने से पहले शोधन की प्रक्रिया इनमें से एक है. जिसमें शरीर की शुद्धि कराई जाती है. जिसमें कुछ दवाईयों के माध्यम से दस्त लगाए जाते हैं और उससे पूरे शरीर की गंदगी बाहर निकाल दी जाती है. वहीं पंचकर्म करके भी शरीर को सर्दियों में होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है.

दवाईयों से बढ़ा सकते हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

बता दें कि सर्दियों में जहां तापमान में गिरावट होने की वजह से स्वाइन फ्लू और कई वायरल बीमारियां पैर पसारने लगती हैं. इनसे बचने के लिए डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि आयुर्वेद में भी इनके लिए काफी इलाज है और सर्दियों में हम हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दवाईयों से बढ़ा सकते हैं.

आयुर्वेद में है गिलोय का काफी महत्व

आयुर्वेद में गिलोय को काफी महत्व दिया गया है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती है. यह डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है. इसे रोज सुबह चाय के स्थान पर काढ़ा बनाकर पीया जा सकता है, जो हमारे शरीर को घातक बीमारियों से बचाने में काफी कारगर होगा. इस काढ़े में हम तुलसी, काली मिर्च, लौंग, अदरक और इसके साथ गिलोय को पीसकर पीया जा सकता है. इन सबसे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास होगा.

राजगढ़। दीपावली खत्म हो चुकी है और अब ठंड के सीज़न ने भी दस्तक दे दी है. वहीं प्रदेश के कई जिलों में बारिश के कारण भी तापमान में गिरावट आई है. इस वजह से ठंड भी अभी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है और लोग बीमार हो रहे हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय हैं, जिन्हें ETV BHARAT से साझा किया डॉ उमेश नागर ने.

ठंड के मौसम ने दी दस्तक

आयुर्वेद में है सर्दी से बचने के उपाय

डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि सर्दी शुरू होने से पहले आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. सर्दियों के शुरू होने से पहले शोधन की प्रक्रिया इनमें से एक है. जिसमें शरीर की शुद्धि कराई जाती है. जिसमें कुछ दवाईयों के माध्यम से दस्त लगाए जाते हैं और उससे पूरे शरीर की गंदगी बाहर निकाल दी जाती है. वहीं पंचकर्म करके भी शरीर को सर्दियों में होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है.

दवाईयों से बढ़ा सकते हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

बता दें कि सर्दियों में जहां तापमान में गिरावट होने की वजह से स्वाइन फ्लू और कई वायरल बीमारियां पैर पसारने लगती हैं. इनसे बचने के लिए डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि आयुर्वेद में भी इनके लिए काफी इलाज है और सर्दियों में हम हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दवाईयों से बढ़ा सकते हैं.

आयुर्वेद में है गिलोय का काफी महत्व

आयुर्वेद में गिलोय को काफी महत्व दिया गया है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती है. यह डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है. इसे रोज सुबह चाय के स्थान पर काढ़ा बनाकर पीया जा सकता है, जो हमारे शरीर को घातक बीमारियों से बचाने में काफी कारगर होगा. इस काढ़े में हम तुलसी, काली मिर्च, लौंग, अदरक और इसके साथ गिलोय को पीसकर पीया जा सकता है. इन सबसे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास होगा.

Intro:जहाँ सर्दियां शुरू हो चुकी हैं अनेक बीमारी जो तापमान घटने के कारण अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर देगी और महीन बीमारियों में इंसान की न सिर्फ जान को खतरा होता है बल्कि बहुत सारा पैसा भी इंसान का लगातार बर्बाद होता है वहीं सर्दियों के इस मौसम में पहले से बचाव करके सिर्फ इंसान की जान को और पैसों को बर्बाद होने से बचा जा सकता है इसी के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर ने आयुर्वेद के माध्यम से यह दी सलाह


Body:जहां पूरे भारतवर्ष में दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया और जहां पूरे मध्यप्रदेश में लगभग बारिश के वजह से लगातार तापमान में गिरावट आई है और जहां इस ठंड के वजह से ही सर्दियों अपना प्रकोप शुरू करने वाली है और वही इन सर्दियों में अनेक बीमारियां भी लगातार बढ़ने वाली है और इन बीमारियों से ना सिर्फ इंसान का स्वास्थ्य खराब होता है, बल्कि लगातार बीमारियों से जूझने की वजह से उसकी जान को भी खतरा होता है वही इन बीमारियों के इलाज में इंसान काफी समय और पैसा खर्च कर देता है, जिसके वजह से उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, वही इन बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में काफी तरह के नुक्से दिए गए हैं ।

वही इन बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि सर्दी शुरू होने से पहले आयुर्वेद में अनेक तरह के उपाय बताए गए हैं वहीं उनमें से सर्दियों के शुरू होने से पहले शोधन एक प्रक्रिया बताई गई है ,जिसमें शरीर की शुद्धि करा ली जाए जैसे कि विरेचर होता है जिसमे कुछ दवाइयों के माध्यम से दस्त लगाए जाते है, जिनसे पूरे शरीर की गंदगी बाहर निकाल दी जाती है और वही सर्दी में शरीर मे होने वाले इसके रोगों से बचा जा सकता है और वही पंचकर्म करके भी शरीर को सर्दियों में होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है।


Conclusion:वहीं सर्दियों में जहां तापमान में गिरावट होने के वजह से स्वाइन फ्लू और अन्य ऐसी वायरल बीमारियां जो कम तापमान पर होती है, उनसे बचने के लिए भी डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि आयुर्वेद में भी इनके लिए काफी इलाज है और सर्दियों में हम हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अनेक दवाइयों से बढ़ा सकते हैं, वहीं आयुर्वेद में गिलोय को काफी महत्व दिया गया है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती है, महिलाएं इतनी कारगर होती है कि वह डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है, वही हम रोज सुबह चाय के स्थान पर काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है ,जो हमारे शरीर को घातक बीमारियों से बचाने में काफी कारगर होगा ,इस काढ़े में हम तुलसी, काली मिर्च,लौंग और अदरक और वही इसके साथ गिलोय को पीसकर पिया जा सकता है और इन सब से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास होगा।

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डॉ उमेश नागर आयुर्वेद विशेषज्ञ
Last Updated : Oct 30, 2019, 2:14 PM IST
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