राजगढ़। दीपावली खत्म हो चुकी है और अब ठंड के सीज़न ने भी दस्तक दे दी है. वहीं प्रदेश के कई जिलों में बारिश के कारण भी तापमान में गिरावट आई है. इस वजह से ठंड भी अभी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है और लोग बीमार हो रहे हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय हैं, जिन्हें ETV BHARAT से साझा किया डॉ उमेश नागर ने.
आयुर्वेद में है सर्दी से बचने के उपाय
डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि सर्दी शुरू होने से पहले आयुर्वेद में कई तरह के उपाय बताए गए हैं. सर्दियों के शुरू होने से पहले शोधन की प्रक्रिया इनमें से एक है. जिसमें शरीर की शुद्धि कराई जाती है. जिसमें कुछ दवाईयों के माध्यम से दस्त लगाए जाते हैं और उससे पूरे शरीर की गंदगी बाहर निकाल दी जाती है. वहीं पंचकर्म करके भी शरीर को सर्दियों में होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है.
दवाईयों से बढ़ा सकते हैं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
बता दें कि सर्दियों में जहां तापमान में गिरावट होने की वजह से स्वाइन फ्लू और कई वायरल बीमारियां पैर पसारने लगती हैं. इनसे बचने के लिए डॉक्टर उमेश नागर ने बताया कि आयुर्वेद में भी इनके लिए काफी इलाज है और सर्दियों में हम हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दवाईयों से बढ़ा सकते हैं.
आयुर्वेद में है गिलोय का काफी महत्व
आयुर्वेद में गिलोय को काफी महत्व दिया गया है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती है. यह डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है. इसे रोज सुबह चाय के स्थान पर काढ़ा बनाकर पीया जा सकता है, जो हमारे शरीर को घातक बीमारियों से बचाने में काफी कारगर होगा. इस काढ़े में हम तुलसी, काली मिर्च, लौंग, अदरक और इसके साथ गिलोय को पीसकर पीया जा सकता है. इन सबसे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास होगा.