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बारिश से फसलों को होगा फायदा, किसान कर सकते हैं यूरिया छिड़काव

राजगढ़ जिले में दो दिन पहले हुई बारिश से किसानों को फायदा हुआ है. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि बारिश से पाले का असर दूर होगा और किसानों को खेतों में पानी भी नहीं देना पड़ेगा. जिन किसानों ने यूरिया का छिड़काव नहीं किया वह अपने खेतों में छिड़काव कर सकते हैं.

Crops benefit from rain
बारिश से फसलों को फायदा
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Published : Jan 19, 2020, 7:50 AM IST

Updated : Jan 19, 2020, 8:48 AM IST

राजगढ़। जिले में दो दिन पहले रुक-रुक कर बारिश का दौर चला था और कई जगहों पर बारिश हुई थी. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी, यदि सर्दी पड़ती है तो पाले का असर दिखाई देने लगता है. इस बारिश से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है. कृषि विशेषज्ञ मानसिंह बघेल ने बताया कि अभी जो बारिश हुई है वह किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी.

बारिश से फसलों को फायदा


ठंड रहती और बारिश नहीं होती तो किसान को नुकसान होने की आशंका रहती है. क्योंकि तापमान 4 डिग्री से नीचे जाता है. पौधे के अंदर का पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है, जिसके वजह से आयतन में वृद्धि होती है. वहीं आयतन बढ़ने से पौधे के सेल डैमेज हो जाते हैं और पौधा इससे खराब हो जाता है. जिन किसानों ने यूरिया का छिड़काव अपने खेतों में नहीं किया वह यूरिया का छिड़काव कर सकता है.


वहीं अगर किसान के खेत में दीमक का प्रभाव है और किसी भी फसल में इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है तो वहां क्लोरो फायरफेस का इस्तेमाल रेत में मिलाकर किया जा सकता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर ठंड का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है तो चना और मसूर की फसल के आस-पास खेत की मेड पर हल्का इरिगेशन करें.

राजगढ़। जिले में दो दिन पहले रुक-रुक कर बारिश का दौर चला था और कई जगहों पर बारिश हुई थी. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी, यदि सर्दी पड़ती है तो पाले का असर दिखाई देने लगता है. इस बारिश से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है. कृषि विशेषज्ञ मानसिंह बघेल ने बताया कि अभी जो बारिश हुई है वह किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी.

बारिश से फसलों को फायदा


ठंड रहती और बारिश नहीं होती तो किसान को नुकसान होने की आशंका रहती है. क्योंकि तापमान 4 डिग्री से नीचे जाता है. पौधे के अंदर का पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है, जिसके वजह से आयतन में वृद्धि होती है. वहीं आयतन बढ़ने से पौधे के सेल डैमेज हो जाते हैं और पौधा इससे खराब हो जाता है. जिन किसानों ने यूरिया का छिड़काव अपने खेतों में नहीं किया वह यूरिया का छिड़काव कर सकता है.


वहीं अगर किसान के खेत में दीमक का प्रभाव है और किसी भी फसल में इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है तो वहां क्लोरो फायरफेस का इस्तेमाल रेत में मिलाकर किया जा सकता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर ठंड का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है तो चना और मसूर की फसल के आस-पास खेत की मेड पर हल्का इरिगेशन करें.

Intro:जहां जिले में 2 दिन पूर्व रुक-रुक कर बारिश का दौर चला था और पूरे दिन जहां जिले के कई स्थानों पर बारिश हुई थी ,वही कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी, वहीं अगर सर्दी पड़ती है और पाले का असर दिखाई देने लगता है तो कुछ उपाय करके इससे काफी हद तक निजात पाया जा सकता है।


Body:जहां मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में 2 दिन पूर्व बारिश ने अपना असर दिखाया था और जिले के कई स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश होती रही और जिले में जहां 7.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, वहीं जहां किसानों को बारिश के वजह से ठंड बढ़ने के आसार दिखाई देने लगे हैं वहीं कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि या बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी परंतु अगर सर्दी में इजाफा होता है और पाले का असर दिखाई देता है तो कुछ उपाय करके इससे काफी हद तक फसल को बचाया जा सकता है ।

वही इस बारे में कृषि विशेषज्ञ मानसिंह बघेल ने बताया कि अभी जो बारिश हुई है वह किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी चाहे कोई सी भी फसल उगा रहे हो, क्योंकि सिर्फ ठंड रहती और बारिश ना हुई होती तो किसान को नुकसान होने की आशंका रहती, क्योंकि जब तापमान 4 डिग्री से नीचे जाता है ,तब पौधे के अंदर का पानी बर्फ में तब्दील हो जाता है, जिसके वजह से आयतन में वृद्धि होती है, वही आयतन बढ़ने से पौधे के सेल डैमेज हो जाते हैं और पौधा इससे खराब हो जाता है, वही बारिश होने से या प्रक्रिया नहीं हो पाई है वहीं। इसका लाभ पौधे को सिंचाई के रूप में मिला है वहीं किसान इसको एक फायदे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे जिन किसानों ने यूरिया का छिड़काव अपने खेतों में नहीं किया है वह यूरिया का छिड़काव कर सकता है, वहीं अगर चने की फसल में उन्हें इलिया दिखाई दे रही है तो वह जरूरी दवाई का छिड़काव करें, वहीं गेहूं की फसल में भी उसके अनुसार ही दवाई का छिड़काव किया जाए। वहीं अगर किसान की खेत में दीमक का प्रभाव है और किसी भी फसल में इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है तो वहां क्लोरो फायरफेस का इस्तेमाल रेत में मिलाकर किया जा सकता है।


Conclusion:उन्होंने किसानों को सलाह दी कि अगर ठंड का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है तो चना और मसूर की फसल के आस-पास खेत की मेड पर हल्का दुआ करें और हल्का इर्रिगेशन करे, वहीं इससे पानी की अंदरूनी ऊष्मा से फसल को पाले से बचाया जा सकता है, वहीं किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर किसानों को सरसों की फसल में माहू असर दिखाई दे रहा है, तो वह जरूरी दवाइयों का छिड़काव करें, वही चने की फसल में अगर उसे इलिया दिखाई दे रही है तो समय-समय पर पौधे की जांच करता रहे वही अभी टेंपरेचर डाउन हो रहा है, इससे फसलों में कीड़े की आने की संभावना बढ़ रही है जिसमें अगर ऐसा दिखाई दे रहा है तो वह समय से जरूरत के अनुसार दवाई का छिड़काव करें।


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कृषि विशेषज्ञ मानसिंह बघेल


Last Updated : Jan 19, 2020, 8:48 AM IST
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