राजगढ़। जीरापुर तहसील के अमलाबे गांव में आंगनबाड़ी खस्ता हाल में है.आलम ये है कि न तो बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह है और न ही बुनियादी सुविधाएं. इतना ही नहीं गांव में एक आंगनबाड़ी होने के अलावा दूसरी आंगनबाड़ी भी प्रस्तावित थी, लेकिन संरपंच सचिव ने भवन ही गायब कर दिया. अब वहां केवल पिलर के गड्ढे ही दिखाई देते हैं. दूसरी आंगनबाड़ी न होने से करीब 150 से ज्यादा बच्चे एक ही आंगनबाड़ी में बैठने को मजूबर हैं.
इतना ही नहीं आंगनबाड़ी तक पहुंचने की राह भी आसान नहीं है. बारिश के चलते पूरा रास्ता कीचड़ से सना रहता है. बच्चे रोज इसी कीचड़ से जाने को मजबूर हैं.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमला बाई ने बताया कि दूसरी आंगनबाड़ी स्वीकृत तो हुई लेकिन, अभी तक बनी नहीं है. गांव के ही निवासी दिलीप सिंह बताते हैं कि सरपंच सचिव ने आंगनबाड़ी की राशि निकाल ली थी, लेकिन उनकी शिकायत पर राशि फिर से पंचायत फंड में जमा करवा दी गई.
जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने बताया कि उन्होंने परियोजना अधिकारी से बात की है. जिस पर उन्हें जानकारी मिली कि आमलाबे गांव में जगह की कमी के चलते दो आंगनवाड़ी एक ही जगह संचालित हो रही हैं. जिस पर सीडीपीओ को निर्देश दिया है कि कोई व्यवस्था करके आंगनबाड़ी को दूसरी जगह संचालित किया जाए. वहीं कीचड़ से सने रास्ते पर उन्होंने कहा कि सरपंच से बात करके वहां पर व्यवस्था करवा दी जाएगी.