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रस्सी के सहारे 'मौत का रास्ता' तय कर रहे ग्रामीण, उफनती नदी को करते हैं पार

रायसेन जिले की विधानसभा सांची के अंतर्गत आने वाले सकतपुर गांव में आज भी ग्रामीणो की जान जोखिम है. मूसलाधार बारिश के चलते नदी-नाले सभी अपने उफान पर आ गए है. एक गांव से दूसरे गांव का सड़क संपर्क टूट जाने के कारण नदी पार करने के लिए ग्रामीणों को रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा हैं.

रस्सी का सहारे नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण
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Published : Aug 10, 2019, 2:09 PM IST

रायसेन। जिले की विधानसभा सांची के अंतर्गत आने वाले सकतपुर गांव में आज भी ग्रामीणो की जान जोखिम है. झमाझम हो रहे बारिश के चलते नदी-नाले सभी अपने उफान पर आ गए है. जिसके चलते एक गांव से दूसरे गांव का सड़क संपर्क टूट गया है, लिहाजा नदी-नालों पर पुल-पुलिया न बने होने के चलते एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए ग्रामीणों को रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा है.

गांव में आलम यह है कि गर्भवती महिलाओं के लिए जननी सुरक्षा तो दूर की बात है बल्कि सीधा सड़क भी उनको नसीब नहीं है. ऐसी बाढ़ की स्थिति में इन महिलाओं को रस्सी के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है. लोगों के खेतीबाड़ी भी नदी के उस पार होने के चलते रोजाना उन्हें इस तरह आना-जाना पड़ता है. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.

रस्सी का सहारे नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

लोगों का कहना है कि स्कूल के बच्चे भी रोजाना इसी रस्सी के सहारे नदी पार कर स्कूल जाते है. और जब कभी बारिश ज्यादा होती है तो बच्चे स्कूल ही नहीं जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय नेता और प्रशासन को आवेदन दिया गया, इसके बावजूद स्थानीय नेता और प्रशासन इन ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ले रहा है.

क्षेत्रीय विधायक और कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि ज्यादा बारिश हो जाने के सामान्य जगहों के स्थितियां भी असामान्य हो जाती है. ज्यादा बारिश हो जाने के वजह से यह परेशानियां आ जाती हैं. मंत्री का कहना है कि बारिश के चलते एक-दो दिन की दिक्कत आ जाती है, फिर भी इस पर क्या किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा.

रायसेन। जिले की विधानसभा सांची के अंतर्गत आने वाले सकतपुर गांव में आज भी ग्रामीणो की जान जोखिम है. झमाझम हो रहे बारिश के चलते नदी-नाले सभी अपने उफान पर आ गए है. जिसके चलते एक गांव से दूसरे गांव का सड़क संपर्क टूट गया है, लिहाजा नदी-नालों पर पुल-पुलिया न बने होने के चलते एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए ग्रामीणों को रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा है.

गांव में आलम यह है कि गर्भवती महिलाओं के लिए जननी सुरक्षा तो दूर की बात है बल्कि सीधा सड़क भी उनको नसीब नहीं है. ऐसी बाढ़ की स्थिति में इन महिलाओं को रस्सी के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है. लोगों के खेतीबाड़ी भी नदी के उस पार होने के चलते रोजाना उन्हें इस तरह आना-जाना पड़ता है. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं.

रस्सी का सहारे नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

लोगों का कहना है कि स्कूल के बच्चे भी रोजाना इसी रस्सी के सहारे नदी पार कर स्कूल जाते है. और जब कभी बारिश ज्यादा होती है तो बच्चे स्कूल ही नहीं जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय नेता और प्रशासन को आवेदन दिया गया, इसके बावजूद स्थानीय नेता और प्रशासन इन ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ले रहा है.

क्षेत्रीय विधायक और कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि ज्यादा बारिश हो जाने के सामान्य जगहों के स्थितियां भी असामान्य हो जाती है. ज्यादा बारिश हो जाने के वजह से यह परेशानियां आ जाती हैं. मंत्री का कहना है कि बारिश के चलते एक-दो दिन की दिक्कत आ जाती है, फिर भी इस पर क्या किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा.

Intro:रायसेन। आजादी के 72 साल बीत जाने के बाद भी रायसेन जिले की विधानसभा सांची अंतर्गत आने वाले ग्राम सकतपुर में ग्रामीणों की जान आज भी जोखिम है। झमाझम बारिश के दौर के बाद बरसाती नाले उफान पर आ गए और एक गांव से दूसरे गांव का सड़क संपर्क टूट गया। लिहाजा नालों पर पुल पुलिया के ना होने के चलते ग्रामीणों को एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी पार करना पड़ रही है ।Body:आलम यह है कि गर्भवती महिलाओं के लिए जननी सुरक्षा तो दूर की बात है बल्कि सीधा सड़क भी उनको नसीब नहीं है। और ऐसी बाढ़ की स्थिति में भी इन महिलाओं को रस्सी के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। जैसे आजादी के मायने भी इन लोगों को सही तरीके से समझ नहीं आते हालांकि ग्रामीणों द्वारा गर्भवती महिला को पेट पर सवार करके रस्सी के सहारे पार तो करा दिया गया लेकिन यह भी जान जोखिम में डालकर अब देखना यह होगा कि स्थानीय नेता और प्रशासन इन ग्रामीणों की सुध लेता है या नहीं।Conclusion:वहीं क्षेत्रीय विधायक और सरकार में मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी का कहना है कि ज्यादा बारिश हो जाने के वजह से यह परेशानियां आ जाती हैं फिर भी हम दिखवाते हैं क्या किया जा सकता है।

1 बाइट : हरिसिंह रघुवंशी तार से नदी पार कराने बाला व्यक्ति

2 बाइट: ताराबाई कुशवाहा स्थानीय

3 बाइट - स्कूली शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी

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