रायसेन। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है एक ऐसा अनोखा शिव मंदिर जहां का पट साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है. इस मंदिर को सोमेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की विशेषता है कि यह सिर्फ साल में एक बार महाशिवरात्रि के दिन ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है. यह मंदिर रायसेन की पहाड़ी पर स्थित है और बहुत ऐतिहासिक माना जाता है. कहते हैं कि जैसे ही सुबह सूरज की पहली सुनहरी किरण इस पर पड़ती है, मंदिर सोने जैसा सुनहरा हो जाता है.
सोमेश्वर महादेव मंदिर के पट क्यों खुलते हैं साल में एक बार ?
ये ऐतिहासिक मंदिर जितना अनोखा है उतना ही इस पर प्राचीन काल से विवाद भी रहा है. रायसेन किले पर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर और वहां स्थित मस्जिद पर विवाद के चलते पुरात्तव विभाग के यहां पर ताले लगा दिए. इसलिए सन् 1974 तक इस मंदिर में कोई भी प्रवेश नहीं कर पाता था. लेकिन 1974 में इसके ताले खोलने के लिए रायसेन नगर के हिंदू संगठनों ने एक बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया. और तभी मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी ने खुद रायसेन किले पर पहुंचकर मंदिर के ताले खुलवाए और महाशिवरात्रि पर विशाल मेले का आयोजन किया. तब से लेकर आज तक साल में एक बार इस मंदिर को खोलने की व्यवस्था लागू हो गई.
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महाशिवरात्रि के अवसर पर सोमेश्वर महादेव मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं. इस दिन किले की पहाड़ी पर विशाल मेला भी लगता है. और हजारों श्रद्धालु पहुंचकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. महादेव के भक्त सालों से यहां माथा टेकने आते हैं और सोमेश्वर बाबा की भक्ति में रम जाते हैं. मंदिर में ताला लगा रहने के कारण भक्त बाहर से ही पूजा कर के मन्नत मांगते हैं. सोमेश्वर महादेव के कुछ भक्त ऐसे भी हैं जो सालों से यहां लगातार आ रहे हैं. इनमें से ही एक भक्त देवी शरण श्रीवास्तव हैं जो सात सालों से यहां आ रहे हैं और प्रांगण की साफ-सफाई कर बंद दरवाजों से ही शिव जी की पूजा कर चले जाते हैं. देवी शरण बताते हैं कि भगवान शिव के मंदिर के पट पर ताला लगे रहने के कारण सभी भक्तों को दुख होता है. राज्य शासन और केंद्र शासन से कई बार निवेदन किया गया है कि सोमेश्वर धाम के पट रोज खोले जाएं. अब देखना ये है कि आखिर भक्तों की लंबे समय की इस मांग को सरकार कब पूरा करती है और कब शिव भक्तों के बीच की यह दूरी खत्म होती है.