रायसेन। 'हमारा घर-हमारा विद्यालय' अभियान के तहत छात्रों को घरों में ही पढ़ाई कराई जा रही है. इस अभियान के तहत चार महत्वपूर्ण गतिविधियां बच्चों से कराई जाती हैं, जिसमें पढ़ना, सुनना, लिखना और खेलना शामिल है. इस अभियान के तहत परिवार के सदस्यों और छात्रों के लिए विभाग ने एक समय सारिणी तैयार की है. जिले में कक्षा 1 से 8 तक के 2520 स्कूलों के 1 लाख 22 हजार 432 छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. इसमें 1863 प्राइमरी और 657 मिडिल स्कूलों के छात्र शामिल हैं. इस अभियान में जिले के 6 हजार से अधिक शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
जिले के सांची विकासखंड के शासकीय माध्यमिक शाला सत्ती के शिक्षक कोरोनाकाल में गरीब आदिवासी बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. दीवानगंज से 6 किलोमीटर दूर सत्ती टोला गांव जंगली एरिया में है. यहां के माध्यमिक शाला में करीब 4 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं. गांव जंगल में होने के कारण यहां मोबाइल नेटवर्क की काफी परेशानी है. वहीं दूसरी ओर कई बच्चों के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. जिससे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. सत्ती गांव के माध्यमिक शाला के शिक्षक यहां पर आकर 'हमारा घर-हमारा विद्यालय' के तहत बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाते हैं. छोटी क्लास के बच्चों को कंप्यूटर पर वीडियो के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती हैं. वहीं चार अलग-अलग जगह बच्चों के क्लास लगाई जाती है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. चारों गांव के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रह सकें.
बता दें कि शिक्षक मनोज कुमार बेदी, विजय सिंह राजपूत, खेमचंद मालवीय, शरीफ अहमद सांची विकासखंड के बांसिया, हिनोतिया, सत्ती, भमरखेड़ी, गांव के बच्चों को कोरोना काल में भी घर घर जाकर शिक्षा दे रहे हैं. बता दें कि कोरोना संक्रमण को लेकर विद्यार्थियों की पढ़ाई में नियमितता बनाए रखने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने हमारा घर-हमारा विद्यालय अभियान की शुरूआत की है. जिसके तहत जिले में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थी अपने घर पर ही पढ़ाई कर रहे हैं. 'हमारा घर-हमारा विद्यालय' अभियान के तहत प्रतिदिन बच्चे अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पढ़ाई कर रहे हैं.